Dec 15, 2015

अखबार के स्थापना दिवस पर कवि सम्मेलन : उसको फूल देता हूं, वो मुंह पर थूक देती है...

नौगढ़ : चन्दौली जनपद का प्रथम प्रकाशन गांव गिरांव के 12वें वर्षगांठ व हिन्दी दैनिक संस्करण के 9वें स्थापना दिवस पर नौगढ़ स्थित विकास खण्ड परिसर सभागार में कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का आयोजन किया गया। सोमवार को रात्रि 8 बजे अतिथि द्वय अजवेंन्द्र कश्यप व वन क्षेत्राधिकारी शमसुल हुद्दा सिद्दकी ने मां सरस्वती के प्रतिमा पर माल्यापर्ण एवं दीप प्रज्वलन कर सम्मेलन का विधिवत् उद्घाटन किया। काव्य पाठ्य का शुम्भारम्भ विभा शुक्ला के सरस्वती वन्दना से हुआ।






कविता पाठ करते हुए कवि शिवदास ने कहॉ कि ‘‘जनमानस के साथ प्रकृति करे लगल मनमानी कहॉ गयल विज्ञान बेचारा कहॉ की बरसो पानी’’। वरिष्ठ कवि शिक्षक नागेश शाडिल्य ने खचाखच भरे हाल में हसी की फुव्वार बिखेरते हुए पढ़ा ‘‘रोज की मेरी कमाई जा रही है कौन कहता है कि लक्ष्मी आ रही है’’। पंडित धर्मप्रकाश मिश्र की रचना ‘‘प्यार से आओ तो दिल में आप रहेगे न शोक रहेगा और न सन्ताप रहेगा ऑख जो दिखाओगे तो सुन लो पाकिस्तान हम बाप थे बाप है हम बाप रहेगें’’। श्रोताओं को देश की दशा पर अपनी कविता सुनाते हुए बदरी विशाल ने पढ़ा ‘‘आयो जी हमारे अच्छे दिन अब आयो चालीस में आटा अस्सी में चावल दो सौ में दाल पकायो’’। महंगाई के दौर में यह कविता खूब सराही गयी और जनता ने तालियों के गूंज से समर्थन भी दिया।

ख्यातिलब्ध शायर अख्तर बनारसी ने शायरी को ऊचाई देते हुए पढ़ा ‘‘हवा, धूप, पानी चाहता है एक पौधा जिन्दगानी चाहता है’’। यह कविता भी खूब सराही गयी। हास्य के धुरन्धर कवि फजीहत गहमरी ने अपने चुटकलेदार कविताओं से श्रोताओं को हसाते-हसाते लोट-पोट कर दिया। ‘‘अपनी दिलकश अदाओं से निमन्त्रण मुक देती है, गिरा के हुस्न की बिजली मेरा दिल फूंक देती है, करूं मैं किस तरह से इश्क का इजहार तुम बोलो, मैं उसको फूल देता हूं, वो मुंह पर थूक देती है’’।

आधी आबादी के रूप में इकलौती कवियत्री विभा शुक्ला ने नारी वेदना पर कई गीत पढ़े और वाहवाही बटोरी। उनकी एक रचना ‘‘किसी के दिल में बसती हूं किसी से दूर रहती हो, खूब सराही गयी’’। गंगा जमुनी तहजीब के नामचीन कवि शायर सलीम शिवालवी की रचना ‘‘यात्रायें हवाई हो रही है तबीयत से धुमाई हो रही है, यहॉ आवाम महगाई से तड़पे उधर बस आशनाई हो रही है’’। सुनाकर खूब वाहवाही लूटी। संचालन कर रहे ओज के ख्यातिलब्ध युवा कवि मिथिलेश गहमरी ने अपने हिस्से की रचना पढ़ते हुए कहॉ कि ‘‘धरती पर जलाओ कि गगन में करो रौशन, नफरत के चिरागों से उजाला नही होता’’। यह रचना खूब जमी।

कवि सम्मेलन की अध्यक्षता श्री सलीम शिवालवी व संचालन मिथिलेश गहमरी ने किया। स्थापना दिवस समारोह में गॉव की माटी से जुड़े समाजसेवी जगत नारायण जी डायरेक्टर मानव सेवा केन्द्र, नव निर्वाचित ग्राम प्रधान राजू , फूलगेंद खरवार, बसन्तु प्रसाद को अंग वस्त्रम् एवं स्मृति चिन्ह भेंट सम्मानित किया। समारोह में उपस्थित अन्य वरिष्ठ जनो में सर्वश्री रामनारायन पासी थाना प्रभारी नौगढ़, रामप्रसाद यादव, बृजेश केशरी, राकेश श्रीवास्तव अतुल मिश्रा, वीरेन्द्र कुमार बिन्द, कृष्णकान्त केशरी, सुरेन्द्र तिवारी, जनरंजन द्विवेदी सुशील तिवारी, राजू केशरी, डा0सुधीर, सुनील श्रीवास्तव, सरोज माली, संजय जायसवाल आदि प्रमुख थे। अतिथियों का स्वागत सम्मान कार्यक्रम संयोजक अशोक जायसवाल एवं ओमकार नाथ ने किया। आभार संपादक श्रीधर द्विवेदी ने व्यक्त किया।

No comments:

Post a Comment