Feb 28, 2016

लोक को समर्पित लोक उत्सव

हिन्दी अकादमी, दिल्ली द्वारा चार दिवसीय लोक उत्सव का आयोजन दिल्ली के अलग—अलग इलाकों में 21 से 24 फरवरी 2016 के बीच किया गया, जिसमें विभिन्न प्रांतों की लोक, कला, संस्कृति से दिल्लीवासियों को रू—ब—रू कराने की कोशिश की गयी। पहला आयोजन गांधीनगर विधानसभा क्षेत्र के महावीर स्वामी पार्क में रविवार, 21 फरवरी 2016 को किया गया, जिसमें उत्तर प्रदेश और राजस्थान के लोक कलाकारों ने अपने लोक संस्कृति का प्रस्तुतीकरण किया। कार्यक्रम का उद्घाटन हिंदी अकादमी उपाध्यक्ष मैत्रेयी पुष्पा, गांधीनगर विधानसभा क्षेत्र के विधायक अनिल कुमार वाजपेयी, हिन्दी अकादमी के सचिव श्री जीतराम भाटी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

Feb 27, 2016

दंगों से आयी मोदी सरकार दंगे से ही जायेगी, ये तय है

एक पुरानी  कहावत हे की '' जो लोग तलवार के सहारे जीते हे वो तलवार से ही मरते भी हे '' इसी तरह आज लगता हे की जो मोदी सरकार गुजरात और मुजफरनगर दंगे के मुख्य कारण से बहुमत पाने में सफल रही थी आज वो हरियाणा  आरक्षण दंगे से ही अगले लोकसभा चुनाव में हार कर गायब हो जायेगी आज देखा की रास्ते खुलने   पर जब विभिन्न न्यूज़ चैनल हरियाणा के विभिन्न हिस्सों में पहुंच रहे हे तो लूट आतंक और बर्बरता और सबसे बड़ी बात प्रशासन के गायब हो जाने की ऐसी ऐसी भयंकर  कहानिया सामने आ रही हे जिन्हे देख कर आंसू रोक पाना कठिन हो रहा हे  एक पुरे प्रदेश में ही एक साथ ही कानून व्यवस्था  गायब हो जाए ऐसा शायद आज़ाद भारत में कभी नहीं हुआ कश्मीर और पंजाब के आतंक वाद के लम्बे दौर में भी नहीं तब भी कभी ऐसी लूटपाट नहीं हुआ तब  भी कभी आतंकवादियों की हिम्मस्त नहीं हुई की वो सेना के सामने खुले घूमे मगर हरियाणा में गली के लड़को के सेना के सामने हुड़दंग की खबरे आई  और अब वो लोग भी धीरे धीरे सामने आ रहे हे जो रेप तक की दिल दहला देने वाली कहानिया सूना रहे हे सब  वही कुछ कुछ वैसा ही  जो हमने गुजरात और मुजफरनगर दंगो में देखा था वही हज़ारो की भीड़ वही पुलिस की  अकर्मण्यता और वही कही कही दंगाईयो से मिलीभगत वही केवल लूट मार से ही संतुष्टि नहीं बल्कि सब कुछ जला देने की मानसिकता लेकिन बात यह हे की ये सरकार बनी ही थी दो दो दंगो के कारण गुजरात दंगो के समय हमने देखा की किस तरह इन दंगो ने मोदी जी का कद ऊंचा किया था वो दंगे और फिर उन दंगो पर मोदी जी के रवैये ने तभी हिन्दू कटटरपन्तियो का मन मोह लिया था उससे पहले हिन्दू कटटरपन्ति आडवाणी जी  को अपना हीरो मानते थे                                                                                                                      

जिहादियों द्वारा दलित गौ रक्षक की हत्या असहनीय : डॉ सुरेन्द्र जैन

नई दिल्ली : आगरा में दलित गौरक्षक श्री अरुण माहौर की बृहस्पतिवार को सरे आम भरे बाजार में गोली मार कर ह्त्या किए जाने को जघन्य कृत्य बताते हुए विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने उत्तर प्रदेश सरकार से जिहादियों पर अंकुश लगाकर हत्यारों की अबिलम्ब गिरफ्तारी की मांग की है. विहिप के अंतर्राष्ट्रीय संयुक्त महा मंत्री डॉ सुरेन्द्र जैन ने आज एक बयान जारी कर कहा है कि उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार गौ हत्यारों के हाथों की कठपुतली बन चुकी है जिसके कारण सदा से गौ रक्षा के साथ साथ राष्ट्र और हिन्दू धर्म के लिए सर्वस्व न्योछावर करने वाले दलित समुदाय पर हमले हो रहे हैं और सरकार जिहादियों के आगे नत मस्तक नजर आ रही है.

विश्वविद्यालयों से विवाद नहीं समाधानों की अपेक्षा

प्रो. बृज किशोर कुठियाला
जेएनयू में हुए घटनाक्रम ने  भारतीय समाज के सम्मुख कई प्रष्न उत्पन्न किए हैं। एक महत्वपूर्ण विषय वर्तमान में विष्वविद्यालयों की भूमिका का भी है।  सिद्धान्ततः नव ज्ञान का सृजन, वर्तमान ज्ञान का वितरण एवं भविष्य के बौद्धिक वर्ग को संस्कारित करने का कार्य मुख्य रूप से विष्वविद्यालयों का माना जाता है। अधिक गहराई में जाएं तो ज्ञान और विद्या में भी भेद किया जाता है। ज्ञान, जानकारियों और सूचनाओं पर आधारित है जबकि विद्या उसका दार्षनिक एवं व्यावहारिक पक्ष है इसीलिए विष्वषिक्षालय न कहकर विष्वविद्यालय के नाम से इन संस्थाओं को जाना जाता है। नामकरण में विष्व का आधार भौगोलिक न होकर ज्ञान और विद्या के व्यापक एवं सम्पूर्ण रूप से सम्बद्ध है। अधिकतर विष्वविद्यालय नई पीढ़ी को विद्या दान का कार्य तो करते हुए दिखते हैं परन्तु शोध आधारित एवं प्रामाणिक नए ज्ञान की रचना का कार्य हमारे देष में कम गति से चल रहा है। इसलिए जब वैष्विक स्तर पर विष्वविद्यालयों की गुणवत्ता का आंकलन किया जाता है तो भारत उसमें दिखाई नहीं देता। यदि विद्या दान का संख्यात्मक आंकलन हो तो संभवतः भारतीय विष्वविद्यालय विष्व के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में आएंगे।

Feb 24, 2016

चोरी की भरपाई अखबार कर्मियों के वेतन से, विरोध में हडताल, नहीं छपा अखबार

नयी दिल्ली । नेशनल दुनिया अखबार पिछले दो दिन से नहीं छपा है। अखबार के मालिक शैलेंद्र भदौरिया और उनके मुंह लगे सुभाष सिंह की हिटलरशही के कारण कर्मचारी हडताल पर चले गये। बताया जा रहा है कि पिछले दिनों भदौरिया के केबिन में चोरी हो गयी थी। इस चोरी में लाखो का माल कथित रूप से गायब हो गया था। केबिन का ताला भी नहीं टूटा था। दो दिन पहले कुछ कर्मचारियों को वेतन दिया गया तो चोरी के नुकसान के भरपायी के नाम पर उनके वेतन से 20 प्रतिशत वेतन काट लिया गया।

गलत सर्कुलेशन का आंकड़ा बताकर दक्षिण मुंबई अख़बार का मालिक महाराष्ट्र सरकार को लगा रहा चूना, शिकायत DGPIR से

गलत सर्कुलेशन का आंकड़ा बताकर दक्षिण मुंबई अख़बार का मालिक महाराष्ट्र सरकार को लगा रहा चूना, शिकायत DGPIR से

Feb 23, 2016

क्या पत्रकार की माँ बहन की नारी अस्मिता नहीं?




बुलंदशहर में इन दिनों सेल्फ़ी प्रकरण चर्चा का विषय बना है। हो भी क्यों ना प्रत्यक्ष रूप से डीएम और दैनिक जागरण का टकराव है। और इसी टकराव में अप्रत्यक्ष रूप से केवल एक चैनल डीएम की गोदी में खेल रहा है। और इसी चैनल का एक पत्रकार बुलंदशहर में हैं उसे भी पूरे प्रकरण में डैमेज कंट्रोल के लिए लगाया गया है। जब भी कोई चैनल या अखबार डीएम विरोधी खबर चलाता है तो ये से सुबह से फेसबुक और व्हाट्स एप्प पर तमाम डीएम की पहलों को शेयर करना शुरू कर देता है। अगर अमर उजाला या हिन्दुस्तान का पत्रकार डीएम विरोधी ब्यान फेसबुक पर दे दे तो इसी इकलौते चैनल का पत्रकार उसे कौने में जाकर समझाता है।

Feb 21, 2016

Vrindavan Chandrodaya Mandir Celebrates Nityananda Trayodashi

Lord Nityananada the Greatest Friend- Narasimha Dasa

Date 20th Feb 2016 “Lord Nityananda is the greatest friend of humanity” said Suvyakta Narasimha Dasa, Senior Vice President of the Vrindavan Chandrodaya Mandir. He was speaking at the occasion of Nityananda Prabhu’s appearance day celebrations conducted by Vrindavan Chandrodaya Mandir here in Delhi. Nityananda Prabhu appeared in the year 1473 in West Bengal. He is an incarnation of Lord Balarama who came with Lord Chaitanya Mahaprabhu - who is Krishna Himself - to establish the Sankirtana movement.

दो किताबें 'रेत पर लिखी इबारतें और 'कोलाहल में शब्दों की लय' : समय की निराशा को दूर करने और मनुष्य की शून्यता को भरने की ज़िद

शहंशाह आलम

'रेत पर लिखी इबारतें' और 'कोलाहल में शब्दों की लय' समकालीन भारतीय साहित्य के सर्वाधिक चर्चित साहित्यकारों में एक जाबिर हुसेन के रचना-कर्म का, दो खंडों में समाहित, सुविचारित और क़लम की अनमोल ताक़त का एहसास कराते देश भर के प्रतिष्ठित रचनाकर्मियों के लेखों का ऐतिहासिक संचयन है। साल 2016 का आरंभ इस सर्वश्रेष्ठ अनुभूति से होने भर के बारे में सोचकर मन में एक नया अनुभव घनीभूत होने लगता है। 'रेत पर लिखी इबारतें' जहाँ 612 पृष्ठों में फैली हुई है, वहीं 'कोलाहल में शब्दों की लय' 520 पृष्ठों में फैलकर नीले आकाश की तरह हमारी आँखों को जैसे ठंडक पहुँचाती है।

देवीप्रसाद मिश्र के रचनापाठ और उनके सृजनकर्म पर बातचीत संबंधी आयोजन की कुछ तस्वीरें











संबंधित कार्यक्रम की रिपोर्ट पढ़ने के लिए नीचे दिए गए शीर्षक पर क्लिक करें

Feb 20, 2016

खुद को क्या मानते हैं... ''देशभक्त'' या ''देशद्रोही''

प्रिय मित्रों,

आप सभी को एक नया जेएनयू रचने के लिए बधाई देता हूं। कई दिनों से खबरों के जरिए, मित्रों के माध्यम से पता चलता रहा है कि जेएनयू में  कथित छात्र गणतंत्र दिवस मनाने के बाद से बौराये हुए थे। वहीं उमर खालिद समेत जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर भारत विरोधी नारे लगाने का आरोप चस्पा किया गया। लोग नमक हरामी का सबसे बड़ा उदाहरण देते हुए इन दोनों का जिक्र चाय की गुमटियों, पान की दुकानों, ऑफिस में लंच के दौरान, सफर के दौरान कर रहे रहे हैं। हालांकि वो लाल ईमारत....जी हां जेएनयू आज अपने साथ अन्याय की गुहार लगा रही है।

2017 : सपा के लिए सत्ता में पुर्नवापसी की डगर कठिन

कपूरी ठाकुर की जयंती पर नेताजी मुलायम सिंह यादव 25 वर्ष बाद जब कारसेवकों पर गोलीबारी के लिए भावुक होकर दुख जताते हैं तो यह दुख यूं ही नहीं झलकता बल्कि इसके नेपत्थ्य में 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। लोकसभा 2014 के चुनावों में अपनों से मिली सजा और भाजपा से कटारी शिकस्त ने नेताजी को बेचैन कर रखा है वही बेचैनी विभिन्न कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री अखिलेश को डांट के रूप में बाहर आती है। कार्यक्रमों में नेताजी अखिलेश से सार्वजनिक मंच पर कह उठतें हैं कि यह जनता है किनारे कर देगी। सपा कार्यकर्ताओं को नेताजी डांट लगाते हैं कि जनता के बीच में जाकर सरकार के कामकाज बताओं 2017 के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश भी आश्वस्त नहीं दिखते हैं।

Feb 16, 2016

कार्यालय में घुसकर पीटा था दैनिक जागरण के ब्यूरो चीफ को!

बात साल 2011 की है। उस समय दैनिक जागरण बुलंदशहर का कार्यालय ब्रहमपुत्र काम्पलेक्स में हुआ करता था। दैनिक जागरण का ब्यूरो चीफ सुमनलाल कर्ण कृष्णा नगर में एक लड़की के घर गया, जहां वह लड़की के भाई द्वारा आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया गया था। लड़की का भाई दैनिक जागरण के कार्यालय पर पहुंच गया। जहां उसने सुमनलाल कर्ण के साथ हाथापाई कर दी। इस बीच डीपी आर्य और विज्ञापन प्रभारी विनीत सिंह बीच—बचाव को आए, लेकिन लड़की का भाई किसी से भी नहीं दबा और उन्हें भी बुरा भला कहा। देखते ही देखते काम्पलेक्स परिसर में सैकड़ों लोगों की भीड़ लग गई।

डीएम चंद्रकला से ज्यादा अमीर तो जागरण का फॉटोग्राफर है, मालिक संपादक कितने अरब के ?

ब्लैकमेलिंग के जरिये मोटा माल कमाने वाले जागरण के बनियों को अब डीएम चन्द्रकला की तरक्की चुभ रही है। देश के सभी मुद्दों को किनारे करते हुए जागरण चंद्रकला और उनके परिवार की संपत्ति की खबर को पूरे प्रदेश के एडीशनों में फ्रंट पेज के टॉप पर छापा है। लखनऊ में चंद्रकला की 18 साल की बेटी के नाम 1 फ्लैट वो भी नानी नाना का दिया हुआ संपत्ति बँटवारे के बाद का और अब तेलंगाना में कुछ कृषि योग्य भूमि और रंगारेड्डी जिले में आवासीय प्लॉट जागरण के मालिक और संपादक को ज्यादा दिख रहा है...अनीतिकता में अंधे इन लोगों को शायद पता नहीं है चंद्रकला IAS बनने से पहले 4 वर्ष तक आंध्र प्रदेश की स्टेट सर्विस में रह चुकी थी और आज भी पति तेलंगाना में पिछले 21 साल से सिंचाई विभाग में इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं, दोनों की इतनी लंबी सेवा के बाद क्या महज एतनी सी संपत्ति होना जागरण वालों को खल रहा है उसकी वजह स्वाभाविक है

अपने ही डाल रहे जागरण की जड़ में मट्ठा

आईएएस बी.चन्द्रकला और दैनिक जागरण का विवाद सुर्ख़ियों में है। इस पूरे विवाद को समझने के लिए जागरण प्रबंधन को आत्ममंथन करना होगा। यह किसी को बताने की जरूरत नहीं कि बुलंदशहर डीएम चन्द्रकला कभी दैनिक जागरण की सबसे चहेती अधिकारी थी। जागरण ब्यूरो प्रमुख और रिपोर्टर जहाँ "दीदी" के आगे नतमस्तक थे, वहीँ मेरठ में बैठा कर्णधार भी बी.चन्द्रकला की ईमानदारी और दिलेरी के किस्से सुनाते नहीं थकता था। लेकिन एकाएक आईटीआई घोटाले समेत कई मामलों के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। पूर्वाग्रह से ग्रस्त जागरण गाहे-बगाहे नुक्स निकालन लगा। जिसका जीता-जागता नमूना डीएम-ब्यूरो प्रमुख संवाद में चन्द्रकला का इरिटीएट रुख है। बात यही खत्म नहीं होती। पिछले कुछ सालों में दैनिक जागरण विवादों में घिरा रहा। इसी बुलंदशहर में कई मर्तबा जागरण को झुकना पड़ा। कुछ महीनों पहले बुलंदशहर में कवि सम्मलेन के नाम पर दैनिक जागरण ने लाखों की उगाही की।

नेशनल दुनिया के स्टिंगरों का आठ माह से नहीं मिला वेतन

चाटुकार बने हैं भुगतान में रोडा, वेतन न मिलने के कारण जयपुर में कर्मचारियों ने कलमबंद हडताल रखी, नोएडा में नानपेमेंट के कारण नेट का कनेक्शन कटा

नयी दिल्ली । नेशनल दुनिया का दिल्ली और जयपुर संस्करण् इस समय अपनी अंतिम सांसे गिन रहा है। इन दोनो संस्करण् में कार्यकरने वाले जिलों के स्टींगरों को पिछले आठ माह से पगार नहीं मिली है । बाकी अन्य स्टाफ का पांच माह का वेतन बकाया है । जयपुर में शनिवार को कर्मचारियों ने वेतन न मिलने के कारण कलमबंद हडताल रखी । सूत्रों का कहना है कि वेतन न मिलने के कारण् दिल्ली संस्करण् के समाचार कार्डिनेटर संतशरण अवस्थी पिछले 20 दिन से कार्यालय नहीं आ रहे है । माना जा रहा है कि वह संस्थान को अलविदा कह चुके है । इसके अलावा काफी समय पहले मेरठ के स्थानीय सम्पादक श्रीचंद भी संस्थान को अलविदा कह चुके है । चर्चा है कि मेरठ से हटाकर नोएडा भेजे गये सुभाष् सिंह काफी समय से इन दोनों के ख्लिाफ मालिकों के कान भर रहे थे। जिसके कारण इन दोनों को ससथान छोडना पडा । स्टींगरो का वेतन न मिलने के पीछे भी सुभाष् सिंह के नाम की चर्चा है । कर्मचारियों का कहना है कि अपनी नौकरी बचाने के लिए सुभाष् आये दिन मालिकों के उल्टे सीधे कान भरता रहता है । इन्हीं करकतों के कारण मेरठ में नाराज कर्मचारियों ने इनकी धुनायी कर दी थी । बाद में इस घटना के बाद इनका तबादला नोएडा कर दिया गया ।

पटियाला हाउस में पत्रकारों को पीटने वाले वकीलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो : डीजेए

दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (डीजेए) दिल्ली के पटियाला हाउस में वकीलों द्वारा पत्रकारों की पिटाई की निंदा करता है और दोषी वकीलों के खिलाफ फौरन सख्त कार्रवाई की मांग करता है। दुख यह है कि पत्रकारों के साथ यह सब अदालत परिसर में पुलिस के सामने हो रहा था और पुलिस कार्रवाई करने की बजाए मौन खड़ी थी। बेखौफ वकीलों ने महिला पत्रकारों को भी नहीं बख्शा और उन लोगों ने कोर्ट रूप में छुप कर अपनी जान बचाई।

खलीलाबाद की कहानी

डा.राधेश्याम द्विवेदी

अवस्थिति एवं ऐतिहासिक पृष्ठभूमि यह स्थान बस्ती जिला व मण्डल मुख्यालय से 36 किमी. पूरब तथा गोरखपुर जिला एवं मण्डल मुख्यालय से भी 36 किमी. पश्चिम में 260 47’ उत्तरी अक्षांश तथा 830 5’ पूर्वी देशान्तर पर स्थित है। शेरशाह सूरी द्वारा निमित यह राजपथ पहले वौद्ध काल तथा रामायण काल में आम रास्ता हुआ करता था। इसी पथ पर यह नगर बाद में बसा है। यह लाहौर से कलकत्ता का राजमार्ग भी हुआ करता था। 1680 ई. में औरंगजेब ने एक काजी खलील उर रहमान को चकलेदार (कर वसूलनेवाला ) के रूप में गोरखपुर भेजा था, तो वह स्थानीय राजाओं को अपने अधीन करते हुए उनसे पुनः नियमित करों का भुगतान करवाने लगा था। वह कर वसूलने के लिए अयोध्या से प्रस्थान किया था। इस यात्रा के दौरान अमोढ़ा और नगर के राजा जो हाल ही में सत्तासीन हुए थे , उनसे भी शीघ्रता से सरकारी लगान जमा करवा लिया और युद्ध की स्थिति से बचा लिया था। चकलेदार ने तब मगहर के लिए प्रस्थान किया था। वहां बांसी के राजा द्वारा बनवाये सौनिक किले को पुनः शाही सेना के अधीन कर लिया था। मगहर के राजा को कार्यमुक्त कर राप्ती के तट पर स्थित बांसी के किले में वापस जाने को बाध्य कर दिया था।

परिवार नियोजन अपनाने वाले गांव को पुरूस्कृत के बदले मिला अभिश्राप

बैतूल, (रामकिशोर पंवार) : आजादी के पहले गोरे अग्रेंजो के दंश से देश को आजाद कराने के लिए कांग्रेस का प्रांतीय सम्मेलन आयोजित करने वाले कांग्रेस धनोरा को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जीवन संगनी कस्तुरबा गांधी बा की एक सीख इतनी मंहगी पड़ी की उसे गांव की बेटे -बेटियो के  लिए एक हायर सेकण्डरी स्कूल तक नहीं मिल वही दुसरी ओर आसपास के सभी एक दर्जन गांवो में हायर सेकण्डी स्कूल खोले जा चुके है। जनसंख्या के अनुपात में मिलने वाली सरकारी सुविधाओं से कोसो दूर हो चला धनोरा को यूं तो पारसडोह धनोरा भी कहते है लेकिनउसकी असली पहचान कांग्रेस धनोरा के रूप में है।

प्रेस क्लब स्योहारा के शपथ समारोह में शामिल हुए पुलिस उप महानिरीक्षक ओंकार सिंह






स्योहारा : पुलिस और पब्लिक के बीच तालमेल की महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का सबसे बड़ा माध्यम पत्रकारिता है। स्वच्छ पत्रकारिता एक दूसरे के बीच बनी खाई को समाप्त कर देती है। उक्त उदगार मुरादाबाद परिक्षेत्र के पुलिस उपमहानिरिक्षक ओंकार सिंह एम क्यू इण्टर कालिज में आयोजित प्रेस क्लब स्योहारा के शपथ ग्रहण समारोह में मुख्य अतिथि की हैसियत से व्यक्त किए। इससे पहले उन्होंने पुलिस थाने का निरीक्षण कर संतोष ज़ाहिर किया।

मखौड़ा धाम

डा. राधेश्याम द्विवेदी        

बस्ती एवं गोरखपुर का सरयूपारी क्षेत्र प्रागैतिहासिक एवं प्राचीन काल से मगध, काशी , कोशल तथा कपिलवस्तु जैसे ऐतिहासिक एवं धार्मिक नगरों, मयार्दा पुरूषोत्तम भगवान राम तथा भगवान बुद्ध के जन्म व कर्म स्थलों,महर्षि श्रृंगी, वशिष्ठ, कपिल, कनक तथा क्रकुन्छन्द जैसे महान सन्त गुरूओं के आश्रमों, हिमालय के ऊॅचे-नीचे वन सम्पदाओं को समेटे हुए, बंजर, चारागाह ,नदी-नालो,ं झीलों-तालाबों की विशिष्टता से युक्त एक आसामान्य स्थल रहा है।

Feb 8, 2016

कहानी : हम आधी चाय पीते है और आप पैसिव स्मोक करना

उस दिन भी उसने पहले अपनी शर्ट की बांयी फिर दायीं फिर जीन्स की बायंी जेब को देखा पर वो जो ढूढ. रही थी पर हर बार की तरह वो उसकी जींस की सामने वाली दायीं जेब में ही निकला शायद वो भी जानती थी जो वो ढूढं रही थी वो यहीं पर है पर इस तरह ढूंढना उसकी आदत सी हो गयी थी और इस आदत के कारण अनिरूद्ध को भी पता रहता था कि उसकी किस जेब में क्या होता है कई बार तो अनिरूद्ध ही उसे बताता था कि आप जो ढूंढ़ रहीं हैं वो आपकी इस जेब में हैं और कभी-कभी तो ये भी बताता की आपकी शर्ट में दायीं ओर जेब ही नहीं है।

74 प्रतिशत लोगों ने माना वर्चुअल दुनिया को जन्म दे रहा फेसबुक

समय की तेज रफ्तार और सूचना की बढ़ती भूख ने फेसबुक जैसे सोशल साइट्स को जन्म दिया। फेसबुक के आगमन से अभिव्यक्ति की आजादी के साथ-साथ संवाद की गति भी तेज हो गई है। आज सूचनाएं अखबार, टेलीविजन से पहले फेसबुक पर आती है। 80 प्रतिशत फेसबुक यूजर का मानना है कि फेसबुक व्यक्तिगत सोच को सामाजिक सोच में परिवर्तित कर रहा है। 74 प्रतिशत लोगों का मानना है कि तकनीकी सुविधाओं ने वर्चुअल दुनिया को जन्म दिया है। हम अपने सगे-सबंधी से दूर होते जा रहे हैं।  51 प्रतिशत प्रतिभागियों का मानना है कि ज्ञान-विज्ञान की दुनिया से जोड़ रहा है साथ ही फेसबुक किताबों से दूर नहीं कर रहा है। उक्त बातें महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग के सहायक प्रोफेसर धरवेश कठेरिया के नेतृत्व में (पुरुष उपयोगकर्ताओं  के विशेष संदर्भ में) विषय-फेसबुक का उपयोग, दायित्व और सीमाएं पर हुए शोध में सामने आयी।

भारतीय वैज्ञानिकों ने ईजाद किया कीमत वाला आर्सेनिक जल फिल्टर

-एस. गोपीकृष्णा वरियर-
भूमिगत जल प्रदूषण की बढ़ती समस्या से निजात पाने के लिए आईआईटी मद्रास के वैज्ञानिकों ने नैनोटैक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए एक असरकारी और कम कीमत वाला आर्सेनिक फिल्टर विकसित किया है। इतिहासकारों के बीच आज भी जहां यह बहस जारी है कि क्या नेपोलियन बोनापार्ट की मौत आर्सेनिक के जहर से हुई थी। वहीं, एशिया में तकरीबन साढ़े छह करोड़ लोग आर्सेनिक मिश्रित पानी से उपजने वाले स्वास्‍थ्य जोखिमों से जूझने के लिए रोजाना अभिशप्‍त हैं। इनमें से साढ़े तीन करोड़ लोग बांग्लादेश, पचास लाख लोग भारत और साढ़े पांच लाख लोग नेपाल के हैं। पाकिस्तान के सिंधु घाटी क्षेत्र में भी यह जहर तेजी से फैलता दिख रहा है। आईआईटी मद्रास के वैज्ञानिकों की टीम ने नैनो टैक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए 'अमृत' नामक जिस कम कीमत वाले आर्सेनिक फिल्टर का विकास किया है, वह इस मामले में वाकई मददगार साबित हो सकता है। पश्चिम बंगाल में इसको लेकर किया गया प्रयोग कामयाब रहा है। नतीजतन, भारत सरकार देश के दूसरे हिस्सों में भी इसके उपयोग की ‌बात कर रही है।

कैथी फिल्म महोत्सव : विविध सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से सामाजिक सन्देश देने के साथ भव्य समापन




चौबेपुर (वाराणसी): मार्कण्डेय महादेव धाम की स्थली कैथी में चल रहे 3 दिवसीय फिल्म महोत्सव का आज भव्य समापन हो गया. कैथी फिल्म सोसाइटी, नेशनल लोकरंग अकेडमी, अवाम का सिनेमा के संयुक्त तत्वावधान एवं स्थानीय जनता के सहयोग से यह आयोजन पोस्टर प्रदर्शनी, चित्र प्रदर्शनी, ऐतिहासिक दस्तावेजों की प्रदर्शनी, विभिन्न विविधताओं को समेटे सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, नाटक, परिचर्चा, काव्य पाठ के साथ साथ जटिल सामाजिक मुद्दों को छूती हुयी लघु फिल्मो एवं फीचर फिल्मो के प्रदर्शन के माध्यम से बड़ी सहजता से सामाजिक सन्देश देने में सफल रहा.विभिन्न प्रस्तुतियों में  प्रमुख रूप से साम्प्रदायिकता, महिला हिंसा, अशिक्षा, अंधविश्वास, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर सहजता से प्रहार करते हुए समाज में प्रेम, सौहार्द्र, भाईचारे, वैज्ञानिकता, महिलाओं के प्रति सम्मान का सन्देश देने की कोशिश काफी हद तक सफल रही.

'नक़्क़ाशीदार केबिनेट' : नारी संघर्ष की एक सजीव गाथा

समीक्षक - डॉ. अमिता
पुस्‍तक : नक़्क़ाशीदार केबिनेट ( उपन्‍यास - सुधा ओम ढींगरा)
प्रकाशक : शिवना प्रकाशन, सम्राट कॉम्‍प्‍लैक्‍स बेसमेंट, सीहोर मप्र, दूरभाष 07562405545
मूल्‍य : 150 रुपये, पृष्‍ठ 120, वर्ष 2016

'नक़्क़ाशीदार केबिनेट' सुधा ओम ढींगरा का 2016 में प्रकाशित नवीन उपन्यास है। सुधा ओम ढींगरा का विदेश (अमेरिका) में रहते हुए अपने देश भारतवर्ष और प्रांत (पंजाब) से गहराई से जुड़े रहना इस बात को सिद्ध करता है कि उनके भीतर भारत की मिट्टी की महक जिन्दा है। उसके दर्द, पीड़ा और संवेदनाएँ जीवंत हैं। उनका उपन्यास 'नक़्क़ाशीदार केबिनेट' मूल रूप में पंजाब प्रांत के एक परिवार और उसके साथ उसके परिवेश के बनते-बिगड़ते रिश्तों की कथा है जिसमें नारी संघर्ष बड़े प्रभावशाली रूप में उभरा है। नारी संघर्ष में सोनल और मीनल की कहानी बड़े मर्मस्पर्शी रूप में उपन्यास के पृष्ठों पर रूपायित है। इस संघर्ष में सोनल जैसी लड़की का साहस, धैर्य पाठक के हृदय को छू लेता है। इसके साथ ही पंजाब से विदेश की ओर आकर्षण जाल में फँसी नारियों के विवाह के चक्रव्यूह को उपन्यासकार ने बड़ी सच्चाई से उतारा है। नशाखोरी, आतंकवाद और खालिस्तान जैसी समस्याओं में और संवेदनाओं के मध्य गुरु तेगबहादुर, गुरु गोविन्द सिंह जैसे महान गुरुओं के हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए बलिदान की कहानी रोचक ढंग से लेखिका ने सुनायी है। लेखिका की मानवतावादी दृष्टि सर्वत्र सजग है।

कुवैत ओपरेशन पर श्वेतपत्र, एयरलिफ्ट निर्देशक को निर्देश की मांग

आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने आज विदेश सचिव डॉ एस जयशंकर से 1990 में इराक द्वारा कुवैत हमले के बाद भारतियों को कुवैत से भारत लाये जाने के अभियान में भारत सरकार द्वारा किये गए महत्वपूर्ण प्रयासों पर एक श्वेतपत्र जारी करने का अनुरोध किया है, जिसमे विशिष्ट भूमिका निभाने वाले कुछ अफसरों का विशेष रूप से उल्लेख हो. उन्होंने एयरलिफ्ट फिल्म के निर्माता निर्देशक को भी फिल्म में यह स्पष्ट अंकित करने के निर्देश देने को कहा है कि इसमें भारत सरकार की प्रतिक्रिया ऐतिहासिक रूप से सत्य नहीं है और मात्र कल्पना की उड़ान है.

ये चंद्रकला की जुबान है तो माफ करना, मैं उनका फैन नहीं हूं....

बी. चंद्रकला, आप मानो, चाहो ना मानो। आप में लाख अच्छाइयां हो मगर कुछ बुराइयां भी हावी हो गई है। वो क्या है ? तथाकथित मर्दवादी सोच और गंदी जुबान, आपके अंदर घर कर गई है, जो कि आपके जैसी युवा और संभावनाशील महिला अफसर के लिए बहुत बड़ा खतरा है। बी चंद्रकला। सोशल मीडिया में चर्चित महिला आईएएस। कलेक्टर बुलंदशहर। मीडिया की लेडी सिंघम।

वहाबी आतंकवाद के ख़िलाफ़ हज़ारों उलामा का ‘आम फ़तवा’

नई दिल्ली, 8 फ़रवरी। स्वतंत्र भारत में पहली बार ऐसा देखा गया कि उलामा ने पहले आम सम्मेलन में लोगों की राय ली और फिर मशविरा कर आंतकवाद के विरुद्ध क़ुरआन के निर्देशानुसार ‘खुला फ़तवा’ जारी किया हो। यह इतिहास आज दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में ऑल इंडिया तंज़ीम उलामा ए इस्लाम ने रचा। संगठन को देश के सैकड़ों उलामा, सज्जादानशीनो, दरगाह प्रमुख, ख़ानक़ाहों, मदरसों और इस्लामी शैक्षणिक संस्थाओं का समर्थन प्राप्त है। फ़तवे के बाद चौतरफ़ा संगठन तंज़ीम उलामा ए इस्लाम और इसके अध्यक्ष मुफ़्ती अशफ़ाक़ हुसैन क़ादरी की भूरि भूरि प्रशंसा हो रही है।

Feb 7, 2016

सुधीर तैलंग को याद करते हुए..

मनोज कुमार  

सुधीर तुम तो कमजोर निकले यार.. इत्ती जल्दी डर गए.. अरे भई कीकू के साथ जो हुआ.. वह तुम्हारे साथ नहीं हो सकता था.. ये बात ठीक है कि अब हम लोग तुम्हारी कूची के काले-सफेद रंग से डरने लगे हैं.. डरावना तो तब और भी हो जाता है जब तुम रंगों और दो-एक लाइन में इतना कह देते हो कि सब लोग हमाम में खड़े नजर आते हैं..

अवैध वसूली करने गये इलेक्ट्रॉनिक चैनल के तीन पत्रकारों की हुई जमकर पिटाई

राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाणिज्य कर अधिकारी से अवैध वसूली करने गये इलेक्ट्रॉनिक चैनल के तीन पत्रकारों को कर्मचारियों ने दौड़ा -दौड़ाकर पीटा . पत्रकारों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए  सेल्सटैक्स अधिकारी  ने थाने में तहरीर दी है. दरअसल सचल दल हसनपुर के वाणिज्य कर अधिकारी  विजय सिंह बीती रात राष्ट्रीय राजमार्ग पर रजबपुर थाना क्षेत्र में टोल प्लाजा पर चेकिंग कर रहे थे तभी ही वहां ईटीवी के पत्रकार  शिवओम शर्मा, जी न्यूज के विनीत अग्रवाल व आज तक के फर्जी पत्रकार बीएस आर्य आ पहुंचे . वहां पहुंचते ही तीनों पत्रकारों ने सचल दल पर रौब दिखाना शुरू कर दिया.

अब कुरुक्षेत्र ब्यूरो चीफ दे रहे धमकियां

कुरुक्षेत्र ब्यूरो ऑफिस में सेवाएं दे रहे न्यूज एजेंसी संचालक दीपक शर्मा की तानाशाहीपूर्ण तरीके से सेवाएं समाप्त करने के बाद अब अमर उजाला संस्थान के कुरुक्षेत्र ब्यूरो चीफ धमकियां देने लगे हैं। अमर उजाला में किस प्रकार न्यूज एजेंसी संचालकों से दबावपूर्वक स्थाई कर्मचारियों से भी अधिक समय तक काम कराया जाता है, इसकी हकीकत बयां करने पर अब ब्यूरो चीफ मुकेश टंडन धमकियां दे रहे हैं कि दीपक को कहीं किसी भी अखबार में काम नहीं करने दूंगा। भविष्य खराब करने की लगातार धमकियां दी जा रही हैं उनकी ओर से।

फर्जी डॉक्टरों के पास CVC के आईडी कार्ड!

अनरजीत चौहान  
नवी मुम्बई : नेरुल स्थित एक डॉक्टर की जानलेवा लापरवाही के चलते जब एक मरीज की मौत हो गई तब कहीं जाकर नवी मुंबई मनपा के स्वास्थ्य विभाग की कुम्भकर्ण जैसी नींद टूटी थी। लंबी नींद टूटने के बाद मनपा का स्वास्थ्य विभाग अपने मनपा क्षेत्र में फर्जी डिग्रीधारी डॉक्टरों की खोज-बीन शुरू कर दिया था। इसके कुछ समय बाद पाए गए बोगस डॉक्टरों की सूची भी मनपा ने जारी कर दिया था। दुर्भाग्य की बात तो यह कि मनपा के स्वास्थ्य विभाग ने यह सूची जारी किया व इसके बाद ही पुनः गहरी नींद में सो गया। मनपा के स्वास्थ्य विभाग की इस लापरवाही का यह नतीजा है कि मनपा क्षेत्र में पाए गए सभी के सभी फर्जी डिग्रीधारी झोलाछाप डॉक्टर बड़े ही इत्मिनान से बेख़ौफ़ होकर मरीजों का आधा-अधूरा इलाज करते हुए उनकी जान से खेलने में लगातार जुटे हुए हैं।

कैथी फिल्म मोहत्सव : जादू, स्टंट, शंख वादन, नाटक ने ग्रामीण दर्शकों का मन मोहा




कैथी में चल रहे 3 दिवसीय फिल्म महोत्सव के दूसरे दिन आज विभिन्न विधाओं के गीत संगीत की प्रस्तुति की गयी. इस दौरान आस पास गाँव से बड़ी संख्या में दर्शक उमड़ पड़े थे. सुविख्यात शंख वादक रामजन्म यादव द्वारा अनोखे अंदाज में किये शंखवादन और दीप प्रज्वलन से कार्यक्रम का आगाज हुआ. बालचन्द्र प्रधान के नेतृत्व में गाजीपुर से आयी लोक कलाकारों की टीम ने सामाजिक मुद्दों पर आधारित लोकगीतों की प्रस्तुति की.

वक़्फ़ बोर्डों, हज मामलात और विश्वविद्यालयों से सलफी (वहाबी) हटाने पर ही देश में कट्टरता समाप्त होने की उम्मीद

नई दिल्ली । भारत के सुन्नी सूफ़ी मुसलमानों की प्रतिनिधि सभा ऑल इंडिया तंज़ीम उलामा ए इस्लाम, जामिया राबिया बसरिया और रज़ा अकादमी के संयोजन से इस सोमवार यानी 8 फ़रवरी को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में आतंकवाद के विरुद्ध रणनीति बनाने को लेकर समाज के प्रतिष्ठित उलामा और जनता की राय से जनमत बनाने का प्रयास करेगी। यह बात आज दिल्ली में आयोजित संगठन की प्रेस वार्ता में दी गई।

किसान आत्महत्या रोकना है तो देशी, बहुफसली और जैविक खेती अपनाएं : डा. वन्दना शिवा


मिर्जा मुराद (वाराणसी) : हाईब्रीज बीजों, रासायनिक दवाओं और उर्वरकों के दामों में बेतहाशा बृद्धि और मँहगाई की मार से आजीज आ चुके  किसानों हर साल हजारों की संख्या में आत्महत्या कर रहे है दिन प्रतिदिन मंहगी होती जा रही खेती से छोटे बड़े हर किसान कर्ज से दबा जा रहा है उन्हें अपने लागत का दाम भी नही मिल पा रहा है अगर उन्हें इनसबसे छुटकारा पाना है तो फिर से उन्हें   देशी और बहुफसली और जैविक खेती को अपनाना होगा ये बाते जाने माने पर्यावरणविद वैज्ञानिक डा0 वन्दना शिवा ने महिला किसान महापंचायत में बोली।

Feb 5, 2016

बरेली की यह सड़क है अघोषित अजूबा







रामजी मिश्र 'मित्र'
बरेली : जी हाँ यह खबर नही एक सनसनी है। एक ऐसा अजूबा जिसके बारे में पढ़ कर आप चौंक पड़ेगे। यह बरेली का दुर्भाग्य ही कहा जा सकता है कि एक अजूबे भरी राह होने के बाद भी इसे अजूबा घोसित नहीं किया जा रहा। अगर आप भी इस अजूबे भरी राह को देखना चाहते हैं तो आप को 'अब बात होगी दो टूक' नामक सांध्य दैनिक के कार्यालय के सामने वाली राह पर जाना होगा। हम बात कर रहे हैं मढ़ीनाथ में पड़ने वाले सुभास नगर को राज्यमार्ग से जोड़ने वाली प्रमुख सड़क की। इस सड़क पर दिन में भारी संख्या में आवाजाही शुरू हो जाती है। भीड़ ऐसी कि पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है।

Banjni village today is a living example of empowering women! Here's How?

Sanjeev Nanda Helps Rewrite Story of Deprived Himachal Village: Women Entrepreneurs Lead Transformation of Banjni through Self-Employment

·  United by a co-operative society and a self-help entrepreneurial group ,women of Banjni village, located in Kasauli, Solan district, Himachal Pradesh have dramatically changed their fortunes

New Delhi: Nestled between the beautiful Himalayas, the small Himachal hamlet of Banjni is known for its slow-paced life, economic and infrastructural hardships and lack of employment opportunities. Not anymore!

विविधताओं को समेटे 3 दिवसीय कैथी फिल्म महोत्सव 2016 प्रारंभ



वल्लभ पांडेय
चौबेपुर, वाराणसी : गंगा गोमती संगम तट पर स्थित गाँव कैथी जिसका पौराणिक और पर्यटन की दृष्टि से अत्यंत महत्व है में आज बहुत चहल पहल रही, 3 दिवसीय उत्सव का प्रारम्भ हुआ. मार्कंडेय महादेव धाम के कारण सुविख्यात इस गाँव में आज से प्रारंभ हुए कैथी फिल्म महोत्सव में शामिल होने के लिए विभिन विधाओं के कलाकार शामिल हुए. दोपहर बाद दीप प्रज्वलन के साथ शुभारम्भ हुआ, दीप प्रज्वलन प्रचलित परम्परा के विपरीत किसी बड़े नामचीन हस्ती से न करवा कर कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित गाँव के वरिष्ठतम लोगों द्वारा कराया गया. इसके बाद क्रांतिकारी शचीन्द्र नाथ बक्शी स्मृति पोस्टर प्रदर्शनी, अमर शहीद अशफाकुल्लाहखान स्मृति दस्तावेज प्रदर्शनी,जनकवि धूमिल स्मृति पुस्तक प्रदर्शनी एवं कैथी मुक्ताकाशी छायाचित्र एवं कला प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया. इन प्रदर्शनियों में इतिहास, साहित्य और कला में रूचि रखने वाले लोगो के लिए बहुत सामग्री है.

खबर का असर : एक बार फिर कलम ने जीती जनहित की जंग

-रामजी मिश्र 'मित्र'-
सीतापुर (उत्तर प्रदेश)/ खीचों न कमानों को, न तलवार निकालो, जब तोप मुक़ाबिल हो तो अखबार निकालो अकबर अलाहाबादी की यह पंक्तियाँ सीतापुर जिले के गैस एजेंसी प्रकरण पर एकदम ठीक बैठ गईं। हालांकि स्थानीय मीडिया से लेकर हर जिम्मेदार ने मज़लूमों की कोई मदद नहीं की थी। बाद को यह मामला सच्ची ऐसी मीडिया की निगाह में आ गया जो जनहित के मुद्दे ज़ोर शोर से उठाती रही है। बस फिर क्या था सुर्खी बनते ही सच्ची मीडिया ने फिर एक बार जनहित की जंग फतेह कर ली। आखिरकार सीतापुर जिले की महोली गैस एजेंसी को आखिर अपनी कार्यशैली सुधारनी ही पड़ गयी। खबरों के प्रकाशन और फालोअप के चलते एजेंसी में लगभग दस दिन तक अफरातफरी मची रही।

एक विज्ञापन ऐसा भी

अरुण श्रीवास्तव
क्या आज तक ऐसा कोई आमंत्रण/निमंत्रण पत्र देखा है जिसमें नियंत्रण की वजह दिन और स्थान दिया हो किंतु समय नहीं तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि देवभूमि उत्तराखंड खंड की सरकार २०१५ का उत्तराखंड राज्य शिल्प रत्न पुरस्कार देने जा रही है। इसके लिए एक सम्मान समारोह का आयोजन उद्योग निदेशालय ने मुख्य मंत्री आवास न्यू कैंट रोड पर २७ जनवरी १६ को किया है।

भूतनाथ के कहर से खौफजदा अंग्रेजों में मचा था कोहराम

रामजी मिश्र 'मित्र' 

उत्तरप्रदेश (सीतापुर)/ भूत का नाम सुनकर ही अच्छे अच्छों की पतलून गीली हो जाती है। आजादी के समय भी भूतनाथ ने खूब कोहराम मचा रखा था। इस भूतनाथ ने तो अंग्रेज़ो की ही बोलती बंद कर दी थी। भूतनाथ ने अंग्रेजों की नाक मे दम कर दिया, साथ ही भारत को आजाद कराने में भी 'भूतनाथ' ने बहुत अहम रोल निभाया। यह भूतनाथ न सिर्फ अंग्रेजों के भय की वजह बन चुका था बल्कि अंग्रेजों को भारत छोड़कर भागने पर विवश कर रहा था। भूतनाथ अचानक आकर तहलका मचा देता था और अंग्रेज़ बस देखते भर रह जाते थे। बाद को इस भूतनाथ का पता लगाने की भरसक कोशिश की गयी।

रोहित वेमुला 21वीं सदी का एकलव्य, शिक्षण संस्थाओं में भेदभाव सवर्ण वर्चस्व का परिणाम

एच.एल.दुसाध  
हैदराबाद विश्वविद्यालय के निलंबित शोध छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या से शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन देश व्यापी रूप आन्दोलन का अख्तियार कर चुका है. आन्दोलन के दबाव में खुदकशी करने वाले रोहित के चार साथियों का निलंबन वापस लेने और घटना की जांच के लिए न्यायिक आयोग गठित करने व सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को विद्यार्थियों बीच कोई भेदभाव नहीं करने तथा ऐसी घटनाओं से बचने का आदेश जारी होने के बावजूद विरोध की तरंगे विश्वविद्यालयों के कैंपस और महानगरों को पार कर भारत के छोटे-छोटे कस्बों ही नहीं,सात समंदर पार तक तक फ़ैल गयी हैं,जिसका सर्वाधिक श्रेय सोशल मीडिया को जाता है .सोशल मीडिया में रोहित वेमुला की शहादत पर आई ‘सवर्णवादी शिक्षकों के वर्चस्व के कारण हमारे विश्वविद्यालय बहुजन स्टूडेंट्स के कत्लगाह बन गए हैं’,’यह आत्महत्या नहीं, लोकतंत्र,सामाजिक न्याय और समानता की हत्या है’,’रोहित वेमुला की संस्थानिक हत्या की गयी है’,’एकलव्य ये देश शर्मिंदा है,द्रोणाचार्य अभी जिन्दा है ’ इत्यादि जैसी टिप्पणियों  ने वीभत्स-संतोषबोध के शिकार जन्मजात वंचितों को उग्र-असंतोषबोध से भर  दिया और देखते ही देखते देश में 21वीं सदी का पहला बड़ा आन्दोलन खड़ा हो गया. इस घटना से यह साबित हो गया है कि मीडिया से प्रायः पूरी तरह बहिष्कृत वंचित समूहों ने अब सोशल मीडिया के जरिये आन्दोलन खड़ा करने की ताकत हासिल कर ली है.बहरहाल रोहित वेमुला की शहादत से विरोध की जो सुनामी उठी है उसका लक्ष्य यही है कि शिक्षण संस्थाओं में व्याप्त भेदभाव ख़त्म हो ताकि फिर किसी रोहित को खुदकशी के लिये मजबूर  न होना पड़े.लेकिन सवाल पैदा होता है शिक्षालयों में सदियों से व्याप्त यह भेदभाव कैसे ख़त्म हो!

श्रेष्ठ डिजाइन मैत्री और प्रेम का प्रतीक : अक्षत वर्मा


भोपाल, 05 फरवरी। डिजाइन का उद्देश्य हमारे जीवन जीने के तरीके को सुगम बनाना है। डिजाइन करते वक्त हमें ध्यान रखना चाहिए कि प्रोडक्ट उपयोग करने में आसान बने। प्रोडक्ट उपयोग करने में जितना सहज होगा, उसका डिजाइन उतना ही श्रेष्ठ माना जाएगा। श्रेष्ठ डिजाइन मैत्री और प्रेम का भी प्रतीक है। अच्छे डिजाइन से हमें प्रेम हो जाता है। इसी अवधारणा के कारण पिछले कुछ वर्षों में डिजाइनिंग के क्षेत्र में काफी नवाचार हुए हैं। मोबाइल फोन इसका सबसे बढिय़ा उदाहरण है। डिजाइनिंग के क्षेत्र में युवाओं के लिए रोजगार के भी अनेक अवसर हैं। यह विचार डिजाइन एण्ड स्ट्रेटजी के विद्वान अक्षत वर्मा ने व्यक्त किए। श्री वर्मा माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के नवीन मीडिया प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से 'विजुअल डिजाइन' पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में बतौर मुख्य वक्ता उपस्थित थे। कार्यशाला का उद्घाटन कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला ने किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि डिजाइन बनाने के लिए दिल और दिमाग दोनों की जरूरत होती है। कार्यशाला में पहले दिन चार सत्रों में अलग-अलग विषयों पर विशेषज्ञों ने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया।

बस्ती जनपद का बिटिश कालीन उपनिवेश छावनी बाजार की दास्तान

डा. राधे श्याम द्विवेदी  
बस्ती अयोध्या राजमार्ग पर बस्ती से लगभग 40किमी. की दूरी पर 260 47’उत्तरी अक्षांश तथा 820 23’ पूर्वी देशान्तर पर मनोरमा नदी की रामरेखा नामक उपधारा के तट पर बसा यह एक ब्रिटिस कालीन कस्बा है। राजस्व अभिलेेख में तप्पा बेलवा परगना अमोढ़ा का यह एक पुरवा/मजरा है। उत्तर मुगल काल में यह अमोढ़ा राज्य के अन्तर्गत आता था, जो बहुत समय तक अवध के नबाबों द्वारा नियंत्रित होता था। गोरखपुर जब नार्थ ंवेस्टर्न प्राविंस के अधीन अंग्रेजों को मिला तब भी यह क्षेत्र ब्रिटिस सरकार का भाग नहीं रहा। अमोढ़ा के राजा जालिम सिंह और उनकी पत्नी तलाश कंुवरि अंग्रजो से लड़ते-लड़ते बीरगति प्राप्त किये थे। अमोढा राज्य से लोहा लेने के लिए अंग्रेजों ने बस्ती अयोध्या राजमार्ग पर छावनी में सेना का एक शिविर स्थापित किया था। पड़ोसी गांव खेमरिया में सेना की बैरकें व शिविर बनाये गये थे। ब्रिटिस सरकार की फौजों को लगाने के कारण ही इस स्थान को छावनी के नाम से ही जाना जाने लगा। चंूकि यह अवध तथा ब्रिटिस सरकार की सीमा पर था इसलिए इस पर अंग्रेजों की विशेष निगाहें लगी रहती थी।

सपा नेता ने अपने गुर्गों संग उपजा कार्यालय प्रभारी व RTI एक्टिविस्ट को दी अपहरण कर जान से मार देने की धमकी

पूरी घटना सीसीटीवी में हुई कैद
पीड़ित ने पुलिस से की शिकायत
नहीं दर्ज हुई एफआईआर
बड़े अखबारों ने हजम की पूरी घटना




उत्तर प्रदेश के जनपद सुल्तानपुर के उपजा कार्यालय पर बीते 22 जनवरी (शुक्रवार) की शाम लगभग 7 बजे तथाकथित सपा नेता व खुद को जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि बताने वाला कुड़वार थाना क्षेत्र के सोहगौली गाँव निवासी अखिलेश तिवारी पुत्र देवी प्रसाद तिवारी असलहों से लैस होकर अपने चार-पाँच गुर्गो के साथ पहुँचा और उपजा जिलाध्यक्ष अनिल दिवेदी की मौजूदगी में उपजा कार्यालय प्रभारी व आरटीआई एक्टिविस्ट रामानंद मिश्रा पुत्र-ओमप्रकाश मिश्रा,निवासी-ग्राम पूरे चेरे मिश्र पोस्ट भंडरा थाना कुड़वार को जबरन कार्यालय से बाहर घसीटकर उसका अपहरण करने की कोशिश करने लगा विरोध करने पर सपा नेता अखिलेश तिवारी व उसके गुर्गों ने आरटीआई एक्टिविस्ट रामानंद मिश्रा को जान से मारने की धमकी देने लगे.

जो तटस्थ हैं, समय लिखेगा उनका भी अपराध

-Rakesh Mishra-
लल्लन-लोल्लन और लड़कपन में तसलीमा का भाषा ज्ञान
आप लोग हमेशा सभापति क्यों कहते हैं| सभा की प्रेसीडेंट कोई महिला हो तो उसको क्या कहेंगे? तुम पैट्रिआर्क लोग सभापति को सभा-परसन क्यों नहीं कहते”| लोग मान सकते  हैं कि विशुद्ध नारीवादी चिंतन में दशकों से डूबते-उतराते तसलीमा नसरीन ने बड़ा भारी निष्कर्ष निकाला| तसलीमा नसरीन के सेलेब्रिटी स्टेटस और स्टारडम में लोगों को ये बात व्यंग्य लगती है या विद्रोह ये भी दूसरी कहानी है| हिंदी आन्दोलन के पुरोधा पुष्पेन्द्र सिंह एक लाइन में इस बहस को यूँ निपटाते हैं कि ऐसी फंसावट में उलझी हैं, तो तसलीमा नसरीन को थोडा भाषा-व्याकरण सीखने पर जोर देना चाहिए, खास करके हिंदी या संस्कृत का| भाषा संस्कृति की जननी है| भाषा से जुझेंगी तो उनके लिए  लल्लन-लोल्लन और लड़कपन में ही फर्क कर पाना मुश्किल पड़ेगा|

ऊपरी अधिकारियों की साठगांठ से एक अनियमित विद्यालय का अवैध कारोबार

डा.राधेश्याम द्विवेदी 
उत्तर प्रदेश के बस्ती शहर से दक्षिण में कभी नगरक राज्य हुआ करता था, जो अब नगर बाजार के रूप में जाना जाता है। यहां गौतम राजाओं का मूल शासन हुआ करता था। यद्यपि इनके आगमन का विस्तृत विवरण नहीं मिलता है, पर अनुश्रूतियां कहतंी हैं कि गौतमों ने भरो एवं डोमकठारों  के लगभग 24 पीढियो को बाहर निकाला था। उन्होंने स्थानीय रौहिला राजाओं को मार डाला था। परगना महुली बहुत दिनों तक इनके क्षेत्र का भाग रहा। उनकी पकड़ इतनी कमजोर रही कि वे 16वीं शताव्दी में सूर्यवंशियों द्वारा भगा दिये गये।

IN A LANDMARK MOVE THE INSTITUTE OF COMPANY SECRETARIES OF INDIA (ICSI) TO CONDUCT CS OLYMPIAD

THE INSTITUTE OF COMPANY SECRETARIES OF INDIA (ICSI) will be conducting  CS OLYMPIAD in September, 2016. ICSI has entered  into an MOU with  SCIENCE OLYMPIAD FOUNDATION (SOF)  for conduct of CS Olympiad for the 11th and 12th Standard Students appearing in the respective examinations in each academic year in schools across India. The first ‘CS Olympiad’ is scheduled to be held in September, 2016.

इंसाइट इंडिया में जॉब

नोएडा, 5 फरवरी । उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड पर केंद्रित न्यूज चैनलों के बीच एक और नया चैनल बाजार में आने को तैयार है। इंसाइट इंडिया नाम से यह चैनल पूरी तरह से क्षेत्रीय खबरों पर केंद्रित रहेगा। इंसाइट इंडिया के सीआईओ सुशील खरे ने बताया कि यह चैनल रुटीन खबरों की बजाय जन सरोकार से जुड़ी खबरों को ज्यादा तरजीह देगा और सिटीजन जर्नलिज्म को एक नई दिशा भी। उन्होंने बताया कि यह चैनल पूरी तरह से जनता का होगा और जनता हीं इसके रिपोर्टर होंगे।  

Feb 4, 2016

पुलिस चौकी है या पशुओं का तबेला...


आम जनता के जान माल की सुरक्षा करने वाले पुलिस कर्मी वर्तमान में अपने ही जान की सुरक्षा के लिये चिन्तित है। जनपद के दर्जनो थाने एवं पुलिस चौकियां जर्जरावस्‍था में हैं। क‍ुछ तो निष्‍प्रयोज्‍य घोषित हैं किन्‍तु विवशता में पुलिस कर्मी उनमें रहने को मजबूर हैं। गुरूवार को सामाजिक संस्‍था समग्र विकास इंडिया के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष ब्रज भूषण दूबे के नेतृत्‍व में सामाजिक कार्यकर्ताओं ने गाजीपुर शहर कोतवाली की पुलिस चौकी गोराबाजार पर सुवह 9 से 10 बजे तक सत्‍याग्रह किया।

और भी हैं रोहित : लखनऊ विवि कुलपति के नाम खुला पत्र...

प्रति
कुलपति लविवि
महोदय

यह पत्र मैं तब लिख रहा हूँ जब देश के विश्वविद्यालयों में भगवा आतंक और प्रभुत्व चरम पर है,जब इससे असहमति जब कार्ल सागन की तरह वैज्ञानिक बनकर देश और समाज के लिए कुछ करने का जज्बा लिये रोहित को आत्महत्या का रास्ता चुनना पङे,जब इंसाफ की माँग कर रहे नौजवानों पर पुलिस लाठियाँ बरसा रही हो , कहा जाता है कि विश्वविद्यालय लोकतंत्र और विमर्श का केन्द्र होते हैं,मगर इसके बजाय आज देश के विश्वविद्यालयों को भगवा आतंक और प्रशासनिक तानाशाही  के केन्द्र में तब्दील किया जा रहा,सिर्फ हैदराबाद नहीं,सिर्फ रोहित नहीं ,ऐसे ही तमाम हैदराबाद और रोहित उनके निशाने पर है,उन तमाम रोहित के लिए इंसाफ की माँग करें जो लगातार आत्महत्या के लिए विवश किये जा रहे हैं जिनका कैरियर तबाह किया जा रहा है.

अथश्री दलाल कथा

-विवेक दत्त मथुरिया- 
दलाली अपने आप में एक विलक्षण पेशा है। इस पेशे की सबसे बड़ी विलक्षणता है कि इसमें किसी तरह के आर्थिक निवेश की जरूरत नहीं है। यह काम पूरी तरह से बौद्धिक श्रम पर आधारित है। यह सेवा प्रदाता पेशा है। आज दलाली बाजार द्वारा मान्यता प्राप्त ग्लोबल कारोबार बन चुका है। भारत में अब इसे सामाजिक मान्यता शनै: शनै: मिलती जा रही है। कोई भी सरकारी दफ्तर हो, थाना हो, तहसील हो यह दलाल रूपी समाज सेवकों के ये सक्रिय अड्डे हैं। जिस काम के लिए आप महीनों से चक्कर काट-काट कर परेशान होकर काम होने की आस छोड़  चुके हों, वही काम दलाली से एेसे संपन्न होते हैं, जैसे ईश्वर की अहतुकी कृपा हो गई हो। यह शुल्क के बदले सुविधा योजना है।

Make Your Valentine’s Day RUMantic With These Luscious Drinks


By Deep Malhotra
Chairman & Managing Director
The Oasis Group

Every day is a day of love and revelry for the couples, but when it comes to Valentine’s Day, the exuberance of the lovers surpasses all.  It is the day when the couples seek out ways to convey their hidden feeling of adoration, a day which is marked in history to celebrate in the name of lovers.  It is the season when love is in the air and when couples, young or old, exchange gifts as an expression of their true feelings. This Valentine’s Day, those who fall head over heels in love, charm the senses of their beloved with delicious and refreshing rum cocktails. These luscious drinks will bring romance in your life and make your V-Day memorable.

हिन्दू कालेज में प्रेमचंद और भीष्म साहनी की कहानियों पर नाटक का मंचन







नई दिल्ली। 'दिल्ली विश्वविद्यालय  युवा प्रतिभाओं का बड़ा केंद्र है। रंगमंच के परिदृश्य पर  युवाओं ने लगातार नए प्रयोगों से दर्शकों का ध्यान आकृष्ट किया है। प्रेमचंद और भीष्म साहनी की कहानियों का मंचन इन युवाओं की प्रतिभा का प्रमाण है।' सुपरिचित कवि और आलोचक अजित कुमार ने हिन्दू कालेज में हिन्दी नाट्य संस्था 'अभिरंग' द्वारा प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानी 'वेश्या' एवं भीष्म साहनी की लोकप्रिय कहानी 'चीफ की दावत' के मंचन के अवसर पर कहा कि नौजवानों के इस समारोह में आकर वे सचमुच प्रसन्नता और सार्थकता का अनुभव कर रहे हैं।

Press Statement regarding Sunderban public hearing

Breaking the Chains of ‘Historical Injustice’ Dalits and Adivasis assert their rights over the Sundarban Forest

“The tiger is not our threat, the Forest Department is.”
“Forest Department Kee Jaagir Nahi; Sundarban Humara Hai”

Asserting their rights over the Sundarban forest, more than 200 people from the region assembled at the Public Hearing in Sundarban islands on 31st January 2016. The Press Conference of the Public Hearing took place at the Press Club Kolkata on 2nd February 2016 which was attended by Panelists and the representatives of the mass organisation.

Feb 3, 2016

इंडिया टीवी के फ़िरोज़ाबाद के रिपोर्टर पर 42 हजार रुपये हड़पने का आरोप

फ़िरोज़ाबाद के टापाखुर्द निवासी महिला मंजू देवी ने आरोप लगाया है कि इलेक्ट्रॉनिक चैनल इंडिया टीवी के फ़िरोज़ाबाद के रिपोर्टर लवकुश शर्मा ने थाने में एक काम करवाने के नाम पर उनसे 42 हजार रुपये दो किस्तो में दिसंबर 2015 में ले लिए।लेकिन थाने में काम न होने पर अब जब मंजू ने अपने रुपये वापिस मांगे तो लवकुश शर्मा ने उनसे पत्रकारिता की दबंगई दिखाकर अभद्रता कर दी।

बागपत के मीडियाकर्मियों ने बागपत कलक्‍ट्रेट पर पुलिस प्रशासन के खिलाफ धरना दिया

बागपत कलक्ट्रेट पर धरनारत पत्रकारों से वार्ता करते डीएम व एसपी

दैनिक जनवाणी के प्रभारी अमित पंवार के आवास पर गत माह 13 जनवरी की रात में हुई तकरीबन 8 लाख रुपये की चोरी का अभी तक खुलासा नहीं किए जाने के विरोध में जिले के समस्‍त पत्रकारों ने उत्‍तर प्रदेश जनर्लिस्‍ट एसो: के बेनर तले बागपत कलक्‍ट्रेट पर धरना प्रदर्शन किया। धरने के दौरान उपजा के जिलाध्‍यक्ष व हिन्‍दुस्‍तान के ब्‍यूरो चीफ नाजिम आजाद ने अवगत कराया कि पूर्व में पुलिस कप्‍तान व जिलाधिकारी बागपत से मिलकर घटना के जल्‍द खुलासे की मांग की गई थी।

Feb 2, 2016

अमर उजाला देहरादून और डीजीपी का मामला : झगड़ा बढ़ गया






अमर उजाला को विज्ञापन न देने पर डीजीपी के खिलाफ 31 जनवरी और एक फरवरी को प्रकाशित खबरों का मामला तूल पकड़ गय है। पुलिस अधिकारियों ने अमर उजाला न पढ़ने की चेतावनी जारी कर दी है। साथ ही अमर उजाला के विज्ञापन कर्मी के खिलाफ नगर कोतवाली देहरादून में मुकदमा दर्ज कर लिया है। सूत्रों की माने तो अब अमर उजाला के पदाधिकारी मुख्यमंत्री हरीश रावत से मिलकर मामले में समझौता कराने के प्रयास में लगे है।

मुंबई विश्वविद्यालय के हिंदी भवन के लिए मुख्यमंत्री से होगी चर्चा


-मुंबई हिंदी पत्रकार संघ के कार्यक्रम में राज्यमंत्री ठाकुर का आश्वासन, देशमुख का सम्मान समारोह सपंन्न

मुंबई : मुंबई विश्वविद्यालय में बनने वाले हिंदी भवन का कार्य सरकार बदलते ही रुक गया है। कांग्रेस-राकांपा सरकार के दौरान इसके लिए भूमिपूजन किया गया था। राज्यमंत्री विद्या ठाकुर के सामने हिंदीभाषी समाज के लोगों ने मांग कि की हिंदी भवन बनाने का कार्य जल्द से जल्द शुरु किया जाए। इस पर उन्होंने आश्वासन दिया है कि इस बारे में वे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवनीस से चर्चा करेंगी। मौका था मुंबई हिंदी पत्रकार संघ की तरफ से आयोजित समारोह का। समारोह में मुंबई के मीडिया सलाहकार वरिष्ठ पत्रकार रवीकिरण देशमुख का सम्मान किया गया।