गाजीपुर: फर्जीवाड़ा करने वाले एक से एक तरीके इजाद करते रहते हैं। अभी हाल में ही बेसिक शिक्षा विभाग में हुए सोलह हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया में जिले में दो फर्जी अभ्यर्थी पकड़े गए हैं। दोनों ने किसी अन्य के सभी शैक्षिक प्रमाण पत्रों का क्लोन बनवा लिया था। बीएसए अशोक कुमार यादव ने उन्हें पकड़ लिया। जांच के बाद जिलाधिकारी संजय कुमार ने दोनों आरोपियों के खिलाफ एफआइआर करने का आदेश दिया है।
अभी हाल में ही प्रदेश में सोलह हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती हुई है। इसमें 386 अध्यापक जिले में भर्ती किए गए। काउंसि¨लग कराने के बाद चयनित अभ्यर्थियों की चयन सूची तैयार की जा रही थी। 28 अगस्त को नियुक्ति पत्र वितरित करना था लेकिन 26 अगस्त को ही उक्त दोनों अभ्यर्थियों के शैक्षिक प्रमाण पत्र पकड़ लिए गए। उन्हें चयन सूची से बाहर कर दिया गया और उनकी जगह दूसरे अभ्यर्थियों का चयन कर लिया गया। बीएसए ने जिलाधिकारी को इससे अवगत कराया। जिलाधिकारी ने प्रशिक्षु आइएएस को इसकी जांच की जिम्मेदारी सौंपी। जांच में स्पष्ट हो गया कि दोनों अभ्यर्थियों क प्रमाण पत्र फर्जी हैं। इसके बाद जिलाधिकारी ने बेसिक शिक्षाधिकारी को उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज करने का आदेश दिया।
इन दोनों फर्जी अभ्यर्थियों ने सादात क्षेत्र निवासी पंकज कुमार व जखनियां क्षेत्र निवासी सूरज कुमार के शैक्षिक प्रमाण पत्रों का क्लोन तैयार करवाया था। जबकि पंकज कुमार व सूरज कुमार पहले हुई 15 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती में चयनित हुए हैं और उनकी नियुक्ति भी हो चुकी है। उनके शैक्षिक प्रमाण पत्र हूबहू मिल रहे हैं। बस उनके पिता के नाम में थोड़ा सा अंतर है। असली पंकज कुमार के पिता का नाम योगेंद्र है जबकि फर्जी पंकज कुमार के पिता का नाम रामसुधार है। वहीं असली सूरज कुमार के पिता का नाम कमलेश है जबकि नकली सूरज कुमार के पिता का नाम कमलेश उर्फ अंगद है। फर्जी अभ्यर्थियों में पंकज कुमार का निवास प्रमाण पत्र जमानियां कस्बा व सूरज कुमार का सेवराई का है। यह भी जांच हो रही है कि यह पता फर्जी है या सही।
शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में काउंसि¨लग कराने वाले अभ्यर्थियों के शैक्षिक प्रमाण पत्रों सहित अन्य कागजातों की की बारीकी से जांच की जा रही है। इसमें जो दो फर्जी अभ्यर्थी पकड़े गए हैं, उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराया जाएगा। यह भी जांच होगी कि उन्होंने किसी दूसरे के शैक्षिक प्रमाण पत्रों का क्लोन कैसे तैयार करवाया। -अशोक कुमार यादव, बेसिक शिक्षा अधिकारी
No comments:
Post a Comment