Dec 31, 2015

सामंतवादी और जातिवादी संस्कारों के खिलाफ चेतना जगाने का मूलभूत दायित्व साहित्यकारों का - न्यायाधीश माथुर

: राज्य स्तरीय कथा अलंकरण समारोह-2015 : जोधपुर में कई साहित्यकारों और पत्रकारों को किया गया सम्मानित : 

जोधपुर । राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश गोविन्द माथुर ने कहा है कि सामन्तवादी और जातिवादी संस्कारों के खिलाफ चेतना जगाने का मूलभूत दायित्व साहित्यकारों का है। आज का साहित्य लोगों की जुबान पर नहीं चढ़ रहा और साहित्य में युवा रचनाकारों की भागीदारी बहुत कम होती जा रही है, यह चिंता की बात है। दूसरी तरफ अच्छा लेखन भी हो रहा है, लेकिन साहित्यिक पत्र-पत्रिकाएं और उत्कृष्ट सृजन का प्रचार-प्रसार अभी भी आम पाठक से दूर है। ऐसे में साहित्य के प्रति सचेतन रहना समाज की जिम्मेदारी है। न्यायाधीश माथुर शनिवार को कथा साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्थान की ओर से आयोजित राज्य स्तरीय कथा अलंकरण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे।

Dec 30, 2015

DM ने CJM से कहा : 'अखबार में ढेर सारी चीजें छपती रहती हैं जो सब वसूली टाइप होती हैं, इस पर ध्यान न दिया करें' (सुनें टेप)


छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के कलक्टर यानि डीएम साहब नीरज बंसोड़ ने जिले के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट यानि सीजेएम प्रभाकर ग्वाल से फोन पर कहा कि वे काहें को अखबारों पर छपी खबरों पर ध्यान देकर उसे संज्ञान लेते हैं और उस पर कार्रवाई का आदेश देते हैं. डीएम ने कहा कि अखबारों में तो बहुत सारी चीजें छपती रहती हैं जो वसूली टाइप होती हैं.

महेश मोतेवार दो दिन के रिमांड पर, 58 जगहों पर छापे, सतीश के सिंह भी नपेंगे


विवादित निवेश योजना की समृद्ध जीवन कंपनी में चिटफंड घोटाला के संबंध में कंपनी के प्रबंध निदेशक महेश मोतेवार के पुणे के 40 कार्यालयों समेत 58 जगहों पर पुलिस व सीबीआई टीमों ने छापा मारा है. गिरफ्तार मोतेवार को उस्मानाबाद की उमरगा अदालत ने दो दिन यानि 31 दिसंबर तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है. मोतेवार को उस्मानाबाद पुलिस ने पुणे से गिरफ्तार किया था. बताया जा रहा है महेश मोतेवार की मीडिया कंपनी में सतीश के सिंह भी डायरेक्टर हैं और वे लंबे समय से मोतेवार के इशारे पर तरह तरह के काम करते आए हैं. पुलिस और सीबीआई की टीम सतीश के सिंह से भी पूछताछ कर सकती है क्योंकि मोतेवार के ढेर सारे राज इस वरिष्ठ पत्रकार के पास सुरक्षित हैं.

Dec 29, 2015

जांच दल पहुंचा संभल, दिल्ली स्पेशल सेल व खुफिया एजेंसियों पर उठाए 9 सवाल






  • जफर, पूर्व में आतंकी गतिविधियों में सलिप्त नहीं था, इसका दस्तावेज दिल्ली स्पेशल सेल 2009 में सीएमएम कोर्ट को दे चुका है
  • 2001 के मामले से जफर का संबन्ध नहीं है जब कोर्ट कह चुकी है तो क्यों उसका नाम पूर्व की घटनाओं से जोड़ा जा रहा है
  • दो बार नवीनीकरण, एक बार जफर के पासपोर्ट के खो जाने के बाद पुनः बनने को बताया जा रहा है चार पासपोर्ट
  • आतंकी छवि गढ़ने के लिए डाक्टर के मकान को दिखाया जा रहा है सना उल हक का मकान
  • संभल से युवकों के गायब होने की खबरें बेबुनियाद, गायब के नाम पर संभल को बदनाम कर रही हैं खुफिया एजेंसियां
  • खुफिया एजेंसिया आजमगढ़ की तर्ज पर संभल को बदनाम करने की रच रही हैं साजिश


Dec 28, 2015

देहरादून में बैठ कर नोट छापने का धंधा...


-पुरुषोत्तम असनोड़ा-
: मेहनत और मंशा जनता के लिए हो श्रीमान!  : थराली (चमोली) से उत्तर उजाला में एक खबर है कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने जन सभा में वर्तमान विधायक को पुनः जिताने और मुख्यमंत्री को पुनः मुख्यमंत्री बनाने के लिए कितने लोग राजी हैं हाथ उठायें। जवाब में बहुत कम हाथ उठने का उल्लेख है। यह स्थिति केवल थराली की नही है समूचे उत्तराखण्ड या कहें देश की यही स्थिति है। प्रदेश में चुनाव हुए साढे तीन साल हो गये हैं। कोई विधायक बताये तो सही कि उसने अपने क्षेत्र में जन अपेक्षाओं और राज्य परिकल्पनाओं के अनुरुप क्या किया है? गांव का पलायन रोकने के लिए क्या कदम उठाये? र्प्यावरण संरक्षण में आपकी भागीदारी क्या रही? शराब पर आपका क्या स्टेंड है और यह भी कि जल-जंगल-जमीनजेसे सारस्वत मुद्दे पर जनता या माफिया में से किस पक्ष की लडाई लड रहे हैं? भ्रष्टार पर उसकी स्थिति क्या है?

दोस्तो कुलदीप श्योराण से मेरे 4.5 लाख रुपए दिलवा दो

हरियाणा में अभी-अभी के नाम से अखबार चलाने वाले कुलदीप श्योराण के बारे में पता चला है कि वह हिसार छोड़कर कहीं और चला गया है। मोटा पैसा कमाने व पत्रकारों और स्टाफ को छलने वाले इस शख्स के बारे में वर्ष 2010 में ही मैंने इंटरनेट पर सारी कहानी लिख डाली थी। यह कहानी गूगल पर आज भी नरेन्द्र वत्स आन भड़ास पर सर्च की जा सकती है, जिस पर कई पत्रकार साथियों के कमेंट्स भी उपलब्ध हैं।

Unsafe abortion and its consequences

Abortion is one of the basic reproductive rights of a woman. Unsafe abortion is the root cause of many sexual and reproductive health problems in India. Although it can be prevented but still it is the most common issue that occurs be it legal or illegal. 98 % of unsafe abortions happen in developing nations. In spite of all progress in medical science, women still die due to unsafe abortions and millions suffer from illness as its consequence. The main reason for it is either the person is not trained to perform or it is done in a substandard way compromising sterilization or both. Complication of unsafe abortion causes severe morbidities like infection, hemorrhage, injury to internal organs due to perforation and incomplete abortion leading to sepsis, anemia, secondary infertility, prolonged bleeding and operation of internal organs by opening of abdomen (laparotomy).

पत्रकार से उसकी बीवी बोली: इस बार किसी जानवर के डाक्टर को दिखाओ

अख़बार में नौकरी करते बीमार पति से उसकी बीवी बोली: इस बार किसी जानवर के डाक्टर को दिखाओ। तभी आप ठीक होगे।

पति ने पूछा  : वो क्यों?

सहारनपुर में बाल साहित्य जगत में नवप्रवेशी पत्रिका ‘अपूर्व उड़ान‘ विमोचित


अथक मेहनत, लगन, समर्पण की त्रिवेणी ने बच्चों की मासिक पत्रिका ‘अपूर्व उड़ान‘ का चिरप्रतीक्षित स्वप्न आखिरकार साकार कर ही दिया। बच्चों की दुनिया में यह नया-नवेला क़दम कुछ ऐसा साबित हुआ, मानो कोई नन्हा सा पंछी पहली बार अपने पंख खोल रहा हो...! गंगा-जमुना की तहजीब से सराबोर सहारनपुर शहर के ह्दयस्थल गांधी पार्क मैदान में चल रहे पुस्तक मेले के मंच पर आयोजित गरिमापूर्ण  विमोचन समारोह में समाज की अनेक विभूतियां ‘अपूर्व उड़ान‘ के विमोचन की साक्षी बनीं।

मानवीय संवेदना के अनन्य कवि हैं शैलेन्द्र चौहान

चंद्रमौलि चंद्रकांत 
शैलेन्द्र चौहान २१ दिसंबर २०१५ को इकसठ वर्ष पार कर चुके हैं। यह बेहद सामान्य घटना हो सकती है उनके लिए जो शैलेन्द्र जी से आत्मीय नहीं हैं।  बहुत से लोग उन्हें बहुत नापसंद भी करते हैं उनके लिए भी यह कोई महत्त्व की बात नहीं। पर जो लोग एक बार शैलेन्द्र चौहान के संपर्क में बिना छल छद्म के प्रविष्ट हो गए वे इस अतिसंवेदनशील व्यक्ति के अनन्य रहे आये। यूँ शैलेन्द्र जी पेशे से इंजीनियर हैं लेकिन मन और आत्मा से एक संवेदनशील साहित्यकार।  व्यक्ति के तौर पर भी वह अनूठे हैं सचाई की बारीक़ परतों में प्रवेश कर वस्तुगत यथार्थ को समझने के लिए सतत प्रयत्नशील। सच को सच कहना उनकी आदत है स्वभाव है। वह मुंह देखकर बातें नहीं करते बल्कि मूल्यों और आदर्शों से सम्पृक्त होकर बतियाते है।  फिर चाहे भला लगे या बुरा।

नव भारत वालों को नहीं पता 'संयुक्त' और 'सहायक पुलिस आयुक्त' में फर्क

मुम्बई । नव भारत मुंबई के रिपोर्टर और डेस्क इंचार्ज तक को पता ही नहीं है कि संयुक्त पुलिस आयुक्त और सहायक पुलिस आयुक्त में फर्क क्या है... आज नव भारत प्लस के चार नम्बर पेज पर भिवंडी की एक खबर छपी जिसका हैडिंग थी "अलहुसैनी कमेटी ने कराया सामूहिक विवाह, सहायक पुलिस आयुक्त ने दिया आशीर्वाद".


धर्म विशेष के खिलाफ नकारात्मक लिखने से पहले सौ बार सोचें... देखिए, इनके खिलाफ हो गया एफआईआर







वाट्सएप पर मुस्लिमों के बारे में घटिया टिप्पणी करने वाले कथित पत्रकार के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज

छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में एक कथित पत्रकार पर आई टी एक्ट के तहत मामला दर्ज़ हुआ है. कोरिया जिले के मनेन्द्रगढ़ थाणे में राजेश मंगतानि नाम के व्यवसायी पर मुस्लिम समुदाय पर अभद्र टिप्पणी करने के मामले में आई टी एक्ट की धारा 66क लगी है। घटना के संबंध में मनेन्द्रगढ़ के शिकायतकर्ता ने बताया की राजेश मंगतानि ख़ुद को "सहारा समय mp cg का पत्रकार बताता है।


Hindi - Rashtrabhasha? Time has come to examine, why this did not become possible so far

(i) There has been little effort to improve the quality of work being done in Hindi. There are Hindi FB posts where spelling mistakes are common. It seems 'Anuswar' doesn't exist.


(ii) Those who have been given responsibility of 'Hindi Dept.' in Government, Public Sector and other such organizations haven't done enough. Most of them have acted like 'budget hogs'.


Dec 27, 2015

मनुस्मृति दहन दिवस : ब्राह्मणवादी मीडिया में इस पर बहुत तगड़ी प्रतिक्रिया हुयी...

-एस आर दारापुरी-

25 दिसम्बर का दिन  दलितों के लिए " मनुस्मृति दहन दिवस" के रूप में  अति महतवपूर्ण दिन  है।  इस दिन ही  सन 1927 को  " महाड़ तालाब" के महा संघर्ष के अवसर पर  डॉ. बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर ने खुले तौर पर मनुस्मृति जलाई थी। यह ब्राह्मणवाद के विरुद्ध दलितों के संघर्ष की  अति महतवपूर्ण  घटना है। अतः इसे गर्व से याद किया जाना चाहिए।

Dec 21, 2015

गाजीपुर के पत्रकारों ने सुरक्षा को लेकर ज्ञापन सौंपा


गाजीपुर। देश व प्रदेश में निष्पक्ष पत्रकारिता को लेकर मुखर हो रहे पत्रकारों पर आये दिन हमले व स्वच्छ व निष्पक्ष पत्रकारिता को प्रभावित करने वाले कारपोरेट के हस्तक्षेप को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने की मांग को लेकर बैठक की गई। बैठक में ‘‘पत्रकार सुरक्षा कानून’’ के गठन को लेकर चर्चा की गई। यह बैठक दिनांक 21.12.2015 को कचहरी स्थित कैम्प कार्यालय पर हुई।  इसमें सभी पत्रकारों ने अपनी-अपनी समस्याओ को पटल पर रखा और 16 सूत्रीय मांगपत्र तैयार किया गया।

गंगा के चलते एक बार फिर उपेक्षा का शिकार हुई ताप्ती


जानकारी मांगने पर पीएमओ के पास नहीं कोई ठोस योजना 

बैतूल। सदियों पहले गंगा ने धरती पर आने से पहले शर्त रखी थी कि वह तभी धरती पर अवतरीत होगी जब सूर्यपुत्री ताप्ती का महात्मय विलोपित हो। भागीरथ के पूर्वजो के उद्धार के लिए देवऋषि नारद ने ताप्ती महात्मय को विलोपित करने का जो महापाप किया आज वही महापाप देश की एनडीए सरकार और देश का प्रधानमंत्री कार्यालय कर रहा है। मध्यप्रदेश आरटीआई एक्टीविस्ट फोरम के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं मां सूर्यपुत्री ताप्ती जागृति समिति मध्यप्रदेश के अध्यक्ष रामकिशोर पंवार द्वारा पुण्य सलिला सूर्यपुत्री ताप्ती की उपेक्षा को लेकर पीएमओ कार्यालय तथा भारत सरकार के जल संसाधन , नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय को 15 नवम्बर 2015 को सूचना के अधिकार कानून के तहत प्रथक - प्रथक आवेदन प्रस्तुत कर 6 बिन्दुओं पर जानकारी मांगी गई लेकिन देश का पीएमओं और जल संसाधन नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय आवेदक को जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए सिर्फ कागजी घोड़े ही दौड़ा रहा है। बीते सवा महीने में श्री पंवार को तीन पत्र ऐसे प्राप्त हुए है जिसकी भाषा सिर्फ जानकारी देने के बजाय इसके उसके सर पर टोपी पहनाने का है।

A film on female infanticide, Sinking India

Friday evening saw a number of Filmmakers of Delhi Circuit attending the screening of a short film ‘Sinking India’ at the Friendship Film Festival organized in collaboration with the Russian Centre of Science & Culture. Sinking India a short film highlighting the issue of female infanticide which is a matter of great importance.


Dec 18, 2015

गोंडा जेल में चार दिन तक चला 9वां अयोध्या फिल्म फेस्टिवल

क्रांतिवीर राजेंद्र नाथ लाहिड़ी के बलिदान दिवस पर गोंडा जेल में 9वें अयोध्या फिल्म फेस्टिवल का आयोजन शुरू हुआ। यह आयोजन 19 दिसंबर तक चलेगा। अवाम का सिनेमा नाम से यह फिल्म फेस्टिवल हर साल अयोध्या फिल्म सोसाइटी द्वारा आयोजित किया जाता है।  क्रांतिकारी राजेंद्र नाथ लाहिड़ी के बलिदान दिवस से शुरू हुए इस कार्यक्रम में दूसरे दिन तरंग सिनेमा मे ‘आज़ाद हिन्द सरकार के सौ बरस’ पर सेमिनार, प्रदर्शनी और फिल्म का प्रदर्शन होना है। गौरतलब है कि 1 दिसंबर 2015 को आजाद हिंद सरकार के 100 बरस पूरे हो गए। 1 दिसंबर 1915 को काबुल के बाग-ए-बाबर, में राजा महेंद्र प्रताप ने क्रांतिकारियों की सरकार के पहले राष्ट्रपति और गदर पार्टी के नायक मौलाना बरकतुल्लाह भी प्रथम प्रधानमंत्री होने की शपथ ली थी। भारतीय क्रांतिकारियों की इस सरकार के ऐलान ने पूरी दुनिया में हलचल मचा दी थी।

Amole Gupte to write and direct a biopic on the life of Indian Badminton champ, Saina Nehwal



Mumbai, December 18,2015:  Great news for all sports fans! A biographical sports drama based on the life of Indian badminton champ Saina Nehwal is in the offing. Mumbai-based Front Foot Pictures Pvt Ltd, a new age content creation  company, has acquired the rights to make a biopic on the life of India's ace shuttler, Saina Nehwal. The acclaimed writer-actor-director, Amole Gupte has been roped in to write and direct the much-awaited film.

Dec 16, 2015

हक रक्षक दल द्वारा अनार्य विचार क्रान्ति अभियान शुरू



हक रक्षक दल (एचआरडी) के राष्ट्रीय प्रमुख डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' के नेतृत्व में 13 दिसम्बर को औपचारिक रूप से 'अनार्य—विचार—क्रान्ति' अभियान की सफल शुरूआत की गयी। सभा के मंच पर मेहतर जाति के एक व्यक्ति हाथ से हक रक्षक दल के राष्ट्रीय प्रमुख द्वारा ओक से पानी पीकर छुआछूत मिटाने की ऐतिहासिक शुरूआत की गयी। पूर्वी राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्र में यह अपने आप में बड़ी घटना है। हिण्डौन—करौली रोड पर स्थित गांव रीठोली में आयोजित 'अनार्य जनजागरण सभा' में मुस्लिम अल्पसंख्यक, ओबीसी, दलित और आदिवासी वर्गों के अनेक जाति समूहों के लोगों द्वारा सक्रिय रूप से भाग लिया गया। अनार्य जनजागरण सभा में शामिल सभी आयु समूह के समर्पित स्त्री—पुरुषों ने लगातार छह घंटे तक अनार्य—विचार—क्रान्ति के बारे में उत्सुकता से जानकारी प्राप्त की। अनेक पुरस्कारों से सम्मानित लेखक और हक रक्षक दल के राष्ट्रीय प्रमुख डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' ने अनार्य जनजागरण सभा को सम्बोधित करते हुए बताया कि...

Dec 15, 2015

अखबार के स्थापना दिवस पर कवि सम्मेलन : उसको फूल देता हूं, वो मुंह पर थूक देती है...

नौगढ़ : चन्दौली जनपद का प्रथम प्रकाशन गांव गिरांव के 12वें वर्षगांठ व हिन्दी दैनिक संस्करण के 9वें स्थापना दिवस पर नौगढ़ स्थित विकास खण्ड परिसर सभागार में कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का आयोजन किया गया। सोमवार को रात्रि 8 बजे अतिथि द्वय अजवेंन्द्र कश्यप व वन क्षेत्राधिकारी शमसुल हुद्दा सिद्दकी ने मां सरस्वती के प्रतिमा पर माल्यापर्ण एवं दीप प्रज्वलन कर सम्मेलन का विधिवत् उद्घाटन किया। काव्य पाठ्य का शुम्भारम्भ विभा शुक्ला के सरस्वती वन्दना से हुआ।





Dec 14, 2015

किसी अमर उजाला कर्मी ने नशे में लगाई होगी ये हेडिंग!

अमर उजाला अखबार में छपी यह हेडिंग देखिए. लगता है नशे की अवस्था में किसी ने हेडिंग लगाई है और क्या का क्या हो गया, उसे पता ही नहीं चला.

गेस्टहाउस की आड़ में चलाता था सेक्स रैकेट... अपने को सन्मार्ग का पत्रकार कहता था

Kunal Kishor : एक छद्म पत्रकार जो अपने को हिंदी दैनिक सन्मार्ग, पटना का संवाददाता दिखाकर इसी नाम से एक फेसबुक पेज भी चलाता था तथा इसी रौब से अपने आप को प्रशासन, पुलिस और बाजार में स्थापित करता था, सेक्स रैकेट चलाने के आरोप में धरा गया है.


Insult to Bhagat Singh / Freedom struggle by Haryana Govt.

Dear All

Would you feel concerned at this? How many of you know Mangal Sen? Is he bigger than Shaheed Bhagat Singh? Haryana Govt. led by RSS diehard ML Khattar(A Punjabi himself) thinks so. He rescinds Haryana state assembly's unanimous resolution to name Chandigarh airport on the name of Bhagat Singh and instead insists on naming it on Mangal Sen-a one time diehard RSS prachark of Haryana! This is love of RSS/BJP for Bhagat Singh and other revolutionaries, whose name they use day and night to hit at their political adversaries!But now cat is out of bag-their love for Bhagat Singh stands exposed and they heap insults on Bhagat Singh and all revolutionaries of freedom struggle.

राजस्थान पत्रिका उदयपुर ने किया शिक्षकों का अपमान


राजस्थान पत्रिका उदयपुर संस्करण की और से 6 दिसंबर को उदयपुर के मोहनलाल सुखाड़िया सभागार में संभाग स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह आयोजित किया गया। 8 दिसंबर को पेज 4 पर पत्रिका ने उस समारोह के फ़ोटो छापे। इसमे राज्य के गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया, पूर्व काबिना मंत्री डॉ, गिरिजा व्यास के भी फ़ोटो हैं। पहली नज़र में यह खुशनुमा न्यूज़ पैकेज लगता है लेकिन एक कोने में विज्ञापन लिखना पूरी कहानी अपने आप कह देता है।

Dec 11, 2015

मानवाधिकार दिवस और भारत के अनार्य : पता नहीं, कौन किसके लिये चिन्तित है?

डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'

सर्वदित है कि सारे संसार में औपचारिक रूप से 10 दिसंबर को हर वर्ष मानव अधिकार दिवस मनाया जाता है। वर्ष 1948 में पहली बार संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 10 दिसंबर को इसके हर साल इसे मनाये जाने की घोषणा की थी। तब मावन अधिकारों की सार्वभौमिक संरक्षा के लिये संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिवर्ष इसे मनाया जाता है। विश्व की आबादी का बहुत बड़ा हिस्सा भारत में रहता है। भारत की कुल आबादी का 90 फीसदी (अनार्य) हिस्सा मानव अधिकारों से वंचित है। जिसका सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि देश के मात्र 10 फीसदी लोगों द्वारा 90 फीसदी लोगों की लोकतांत्रिक ताकत को संविधान की आड़ में गिरवी रख रखा है। भारतीय लोकतंत्र में कागजी तौर पर जनता अपने प्रतिनिधि चुनती है, जबकि वास्तविकता यह है कि राजनैतिक दलों पर काबिज 10 फीसदी आर्य महामानवों द्वारा, जिन लोगों को नामित किया जाता है, उनके नाम पर ठप्पा लगाने का काम जनता करती है। इससे बड़ा मानव अधिकार हनन क्या होगा?

Protest against Shinzo Abe's visit in Mumbai, Vizag, Koodankulam, Jadugoda, Tokyo and Osaka

More protests tomorrow 

As part of the International Protests Against the India-Japan Nuclear Agreement, citizens groups and communities at grassroots today organised protests on the occasion of Japanese PM Shinzo Abe's visit to India. Many eminent intellectuals, artists, film-makers, doctors and social activists participated in these protests. We demand termination of nuclear deal's negotiations.

Dec 10, 2015

अंतरराष्ट्रीय हर्बल मेला में आने वालों को मिल सकता है धोखा, औषधि की जगह मिल सकता सरसों का उबला तेल और एलोपेथिक दवा मिला पाउडर!


भोपाल : 11 दिसंबर 2015 से म.प्र. सरकार के सानिध्य में आयोजित भोपाल में अंतराष्ट्र्रीय हर्बल मेले का आयोजन किया जा रहा है, इस मेले की वैसे तो नाम के हिसाब से बहुत उपयोगिता है, बहुत आवश्यकता है और प्रदेश के लिए गर्व की बात है, परंतु इसके विपरीत देखने में आ रहा है कि हर साल सरकार द्वारा इस तरह के आयोजन किए जाते हैं वे सिर्फ भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा योजनावद्ध तरीके से शासकीय धन का उपयोग करके इनको अपने नीजी लाभ साधने से अधिक कुछ नहीं है।

Joint protest outside Delhi Police Headquarter against brutal police repression of the OccupyUGC protesting students (see pictures)




Delhi : Scores of students today came out to against the brutal police repression of the Students protesting the scrapping of non NET fellowship and the privatization of education outside Delhi Police headquarters. Yesterday when the students had taken out a march to Parliament the Police had erected layers of barricades to prevent the students from carrying out their peaceful march. Women protesters were manhandled, grabbed from their hair, groped and dragged on the roads beaten brutally targeting their private parts. All this was carried out by male Police personals of Delhi Police, several students were gravely injured. Several rounds of tear gas shells were wired at the gathering, the students were water cannoned and brutally beaten by the Delhi Police.

Dec 8, 2015

मुंबई की मीडिया में ठाकुरवाद और ब्राह्मणवाद के कारण टैलेंटेड पत्रकार ठोकर खा रहे

माननीय संपादक जी, मेरा नाम राहुल तिवारी (बदला नाम). मैं पिछले 2 वर्षो से मीडिया जगत में काम कर रहा हूँ। मुझे ख़ुशी इस बात की है कि मीडिया में अधिकतर लोग उत्तर भारतीय है और खूब नाम भी कमाए है। दुःख इस बात का भी है कि वही उत्तर भारतीय मेरी नौकरी के पीछे भी पढ़ गए है। उनके ना चाहने से मेरा काम पिछले 2 वर्षों से रुका हुआ है। मैं बताना चाहूँगा कि मीडिया में ठाकुरवाद (सिंह) और ब्राह्मणवाद ज्यादा ही देखने को मिल रहा है। ठाकुर के लोग सिर्फ ठाकुर के लोगों को रखवा रहे हैं और ब्राह्मण के लोग सिर्फ ब्राह्मण को। इस दोनों गुटो में जो काबिल है वो पीछे रह जा रहा है ।

सुब्रत राय ने तिहाड़ में सुविधाओं के लिए चुकाए 1.23 करोड़ रूपये

दिल्‍ली के तिहाड़ जेल में बंद सहारा ग्रुप के चीप सुब्रत रॉय के बारे में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। खुलासे में बात सामने आई है कि सुब्रत राय ने जेल में स्पेशल फैसिलिटी के लिए1.23 करोड़ रुपए जेल अथॉरिटी दिए। ये पैसे वहां के स्पेशल सेल के लिए भेजे गए। उसे एक एसी रूम में वाई-फाई, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, लैपटॉप, डेस्कटॉप और स्टेनोग्राफर की फैसिलिटी दी गई थी। रकम निवेशकों को वापस करने के लिए रॉय को अपनी प्रापर्टी बेचनी थी। यह कहकर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई कि उन्हें डील करने के लिए अलग से जगह मुहैया कराई जाए।

सहारा इण्डिया कामगार संगठन लोकतांत्रिक अधिकारों के तहत कर्मचारियों के हित की लड़ाई लड़ते रहेंगे

प्रिय सहयोगियों,

हम सभी कई वर्षों से सहारा इण्डिया के साथ जुड़े हुए हैं। हममें से कई सहयोगी पच्चीस वर्ष से सँस्थान में हैं। सहारा इण्डिया हमारे लिये कर्म मंदिर है। यही कारण है कि संस्थान पर जब भी विपरीत परिस्थितियां आई हम डरे नहीं, भागे नहीं बल्कि अपने संस्थान के मुखिया के साथ डट कर संघर्ष किया। पिछले करीब दो वर्षों से ऐसा ही संघर्ष हम कर रहे हैं। इस संघर्ष के दौरान हमें तनख्वाह नहीं मिली उसके बावजूद हम संस्थान के साथ रहे। हमारे वरिष्ठों ने जब प्रति सहयोगी से दस हजार रुपये जमा कराने का सहयोग मांगा हमने अपनी आर्थिक परेशानियों को भूलकर रूपये संस्थान में जमा करवाए। हमारे मुखिया ने संघर्ष की इस घड़ी में शांतिपूर्ण और निष्ठा बनाए रखने का आह्वान किया तो उस पर हम चलने लगे। लेकिन मित्रों हम तो नहीं बदले लेकिन संस्थान के नियम,कानून बदल गये। यहां जैसा कि आप सभी को पता है कनिष्ठ और मध्यम स्तर पर कर्मियों के तबादले  और टर्मीनेशन शुरू कर दिया गया है। यह सब उस दौर में किया जा रहा है जब हमारे करीब आठ महीने की तनख्वाह बकाया है। हमारे भविष्य निर्वाह निधि की राशी तनख्वाह से काटी तो गई पर हमारे बगैर जानकारी के यह सरकार के पास जमा नहीं किया गया।

कानपुर प्रेस क्लब के पदाधिकारियों के खिलाफ हुआ मुकदमा, कोर्ट खुद करेगी सुवाई

कानपुर। एस.आर.न्यूज़ द्वारा किये गए मुक़दमे में स्पेशल सीजेएम गगन कुमार भारती की कोर्ट ने इस मामले को गंभीर से लेते हुए अपनी कोर्ट में परिवाद के रूप में दर्ज कर लिया है, कोर्ट खुद अब मुक़दमे की सुनवाई करेगी।

Dec 7, 2015

टाइम्स आफ इंडिया की बदमाशी का नित्यानंद ने दिया जवाब

टाइम्स आफ इंडिया के अहमदाबाद मिरर में एक खबर छपी है जिसका जवाब खबर में उल्लखित नित्यानंद सिन्हा ने दिया है. पहले खबर पढ़ें, फिर जवाब...

Bombay high court bars ex-Tata general manager

from boss bashing on Facebook

Ahmedabad Mirror | Nov 15, 2015, 02.14 PM IST

former high-ranking employee who took to social media to allegedly defame his employer after his services were terminated. The Bombay high court, which ruled in the company's favour, has imposed a fairly comprehensive gag order on the disgruntled worker, asking him to remove all material deemed libelous and forbidding him from making any disparaging remarks about a wide section of Tata employees.

धन लोलुप मालिकान और उनके चमचे संपादकों को मीडिया की विश्वसनीयता की चिंता नहीं


पुरुषोत्तम असनोड़ा

राष्ट्रीय प्रेस दिवस आया और चला गया। इस मौके पर प्रेस की बदहाली पर आंसू बहाने के अलावा शायद ही कुछ किया गया हो। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का उपयोग निहित स्वार्थी पूंजी और प्रभाव के लिए जिस तरह कर रहे हैं उससे प्रेस की आजादी, उसकी विश्वसनीयता पर बड़े सवाल खड़े हुए हैं और भविष्य में वह अपने अन्तरविरोधों और कुकर्मों के चलते हाशिये पर खडी नजर आये तो बहुत आश्चर्य नहीं होगा।

बनारस हिंदुस्तान में समाचार संपादक का आतंक, पांच का इस्तीफा

हिंदुस्तान बनारस में समाचार संपादक रजनीश त्रिपाठी के आतंक के चलते इन दिनों भगदड़ मची हुयी है। उनके घटिया व्यवहार के चलते पिछले एक महीने में यहाँ से चीफ सब एडिटर संजीव सिंह, सीनियर सब एडिटर आशुतोष सिंह, सब एडिटर हृदयेश राय, सब एडिटर चेतन शर्मा, अजीत पंवार आदि संस्थान से नाता तोड़ चुके हैं। खुद को शशि शेखर का करीबी बताने वाले रजनीश त्रिपाठी स्थानीय संपादक नागेन्द्र प्रताप को भी कुछ नहीं समझते हैं। वो कई बार नागेन्द्र प्रताप को सार्वजनिक रूप से अपमानित कर चुके हैं।

required marketig staffs and reporters for anniversary issue and regulars

'द डे आफ्टर मंथ' राष्ट्रीय पत्रिका ने अपने ५ साल पुरे कर लिए और जमीनी अस्तर पर एक अलग पहचान बनायीं है. इसके प्रधान संपादक श्री अशोक झा जो अपनी एक अलग कंपनी प्रगति मीडिया के नाम से भी चलते हैं ने इसे एक मुकाम तक ले जाने का और जमीनी स्टार पर लोगो से एक संवाद स्थापित करने का बीड़ा उठाया है. आजकल पत्रिका निकलने के पीछे कोई किसी का मकसद नहीं जनता पर द डे का मकसद सिर्फ हकीकत को सामने लाना और जनता और नेता के बीच एक संवाद स्थापित करना है.

झारखण्ड जर्नलिस्ट असोसिएशन की नयी टीम...

झारखण्ड जर्नलिस्ट असोसिएशन के कार्यकारी अध्यक्ष शहनवाज़ हसन के नेतृत्व में कल पांच सदस्य प्रतिनिधि मंडल झारखण्ड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मु से मिलकर झारखंड में मजेठिया आयोग की सिफारिशों को लागू करने का आग्रह करेंगे. झारखण्ड जर्नलिस्ट असोसिएशन की नयी टीम.

IFWJ : Eventful session at Mathura

To

All members of Working Committee, Presidents & General Secretaries of State Units/Spl. Invitees.

Friends,

The last session of the present Working Committee at Mathura (28-30 November 2015) was eventful in many ways. Top on its agenda was a dialogue on the conduct of Mediapersons  and urgent need for stricter code . Speakers from 16 state units, included H.B. Madan Gowda (Bangalore), Dr. Debashish  Bose and Abhijit Pandey(Bihar), Arvind Awasthi (Chhattisgarh), AJB Sagyar (Tamil Nadu), Pranshu Mishra (Times Now, Lucknow), Ramdutt Tripathi (ex-BBC, Lucknow) and Salman Khan (M.P). IFWJ President Com.K.Vikram Rao pleaded for a stronger, united journalist organization to ensure better professional conduct . Com .Vikram Rao urged the U.P. Cabinet minister Shivpal Yadav to summon state labour minister and his officials to secure the implementation of the Majithia wage award. Com. Rao was a member of the Majithia wage board. Com. Paramanand  Pandey outlined the progress of the Supreme Court hearing of the wage award. Next hearing is on December 15. In his concluding address senior cabinet minister Shivpal Singh Yadav wanted appraisals in the media of the government policies to be more informed and objective.

दैनिक भास्कर मुंबई के पत्रकार धर्मेन्द्र सिंह सड़क दुर्घटना में घायल


मुंबई में दैनिक भास्कर के फिल्म पत्रकार धर्मेन्द्र सिंह एक सड़क दुर्घटना में घायल हो गये। उनके साथ यह हादसा उनके जौनपुर स्थित गांव के पास हुआ जहां वे अवकाश लेकर गये थे। बताते हैं कि धर्मेन्द्र सिंह एक दिसंबर को अपने गांव गये थे और वहां से वे बाईक से कहीं जा रहे थे तभी यह हादसा हुआ।

सहिष्णुता-असहिष्णुता का विलाप

मनोज कुमार

सहिष्णुता अथवा असहिष्णुता का यह मुद्दा उन लोगों का है जिनके पेट भरे हुए हैं। जो दिन-प्रतिदिन टेलीविजन के पर्दे पर या अखबार और पत्रिकाओं के पन्ने पर पक्ष लेते हैं दिखते हैं अथवा देश और सरकार को कोसते हैं। ये वही आमिर खान हैं जिन्होंने कभी भोपाल में कहा था कि उनकी मां उनसे कहती हैं कि बेटा, चार पैसा कमा ले। बेचारे गरीब आमिर को इस बार उनकी पत्नी कहती हैं कि देश असहिष्णु हो चला है, चलो देश छोड़ देते हैं। आमिर अपनी निजी बातें सार्वजनिक मंच से शेयर करते हैं. आमिर का यह विलाप देश की चिंता में नहीं है, यह अपने गिरते हुए फिल्मी बाजार को सम्हालने की कोशिश हैं।

Dr B D Sharma : A Life Lived in Struggle for the Rights of Marginals

New Delhi, December 7 : Dr Brahma Dutt Sharma (known to many of us as Dr Sahab), left for passed away on December 6th in Gwalior. He was not keeping well for sometime and was being looked after by his son and daughter-in-law. Narmada Bachao Andolan and NAPM pay its heartfelt condolences to the family and to the Andolan Biradari, of which he was an integral part.

He led many battles in his life and worked tirelessly to achieve the constitutional rights of the adivasis, dalits, workers and farmers, over five decades of his working life beginning with the troublesome days in Bastar (1968) and being the last Commissioner for Scheduled Castes and Scheduled Tribes (1986-1991). He also served as the Vice Chancellor of NEHU, Central University and in numerous committess of Planning Commission and National Advisory Council.

Dec 6, 2015

संचार टाइम्स मीडिया ने दो देशरत्नों की जयंती मनाई

आज समाज कितना संवेदनहीन हो गया है इसका ताजा उदाहरण बीते 3 दिसंबर को तब देखने को मिला जब देश के प्रथम राष्ट्रपति भारतरत्न राजेंद्र प्रसाद और वीरसपूत खुदीराम बोस की जयन्ती पर सरकार की तरफ से कोई बड़ा कार्यक्रम नहीं हुआ। एक ओर अपने-अपने फायदे के लिए राजनीतिक दल देश के कुछ नायकों के नाम को कैश करने में जुटे हुए हैं तो वहीं बहुतों को भुला दिया गया है। इससे बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण घटना और नहीं हो सकती है। पर इन देश के नायकों को याद करने का काम संचार टाइम्स मीडिया ग्रुप ने किया। ३ दिसंबर की शाम देश की राजधानी दिल्ली के त्रिवेणी कला सभागार में संचार टाइम्स मीडिया ग्रुप ने देश के प्रथम राष्ट्रपति भारतरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद और क्रांतिकारी वीरसपूत खुदीराम बोस के जयंती देशभक्ति के साथ मनाया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन देश के जानेमाने कलमकार एवं जनसत्ता के पूर्व संपादक और वर्तमान में यथावत पत्रिका के संपादक पद्मश्री राम बहादुर राय ने किया।


कटिहार जिला प्रशासन ने पत्रकार के खिलाफ मुकदमा लिखाया

कटिहार प्रशासन का तानाशाह रवैया एक बार फिर देखने को मिला है। एक खबर लिखने पर एक पत्रकार पर मुक़दमा दर्ज कराया है। खबर को भ्रामक बताते हुए ये मुक़दमा कटिहार जिला प्रशासन द्वारा दर्ज कराया गया है। कटिहार के बारसोई SDO फिरोज अख्तर के अनुशंसा पर ये मुक़दमा दर्ज हुआ है।






अम्बेडकर पर संसद में चर्चा... विचार दरकिनार, सिर्फ गुणगान!

भारतीय संसद ने संविधान निर्माण में अम्बेडकर के योगदान पर दो दिन तक काफी सार्थक चर्चा करके एक कृतज्ञ राष्ट्र होने का दायित्व निभाया है .इस चर्चा ने कुछ प्रश्नों के जवाब दिये है तो कुछ नए प्रश्न खड़े भी किये है ,जिन पर आगे विमर्श जारी रहेगा .दो दिन तक सर्वोच्च सदन का चर्चा करना अपने आप में ऐतिहासिक माना जायेगा .यह इसलिये भी महत्वपूर्ण हो गया कि जो पार्टियाँ गाहे बगाहे अब तक डॉ अम्बेडकर के संविधान निर्माता होने पर संदेह प्रकट करती रही , आलोचना करती रही  ,उनके भी सुर बदले है तथा उन्होंने भी माना कि संविधान निर्माण में डॉ अम्बेडकर का योगदान अतुलनीय है ,उसको नकारा नहीं जा सकता है .

राजस्थान सरकार का दलितों को तोहफा, अम्बेडकर लॉ यूनिवर्सिटी बंद करने का फैसला!

एक तरफ केंद्र की भाजपा सरकार संविधान निर्माता बाबा साहब अम्बेडकर की 125 वी जयंती का समारोह मना रही है ,वहीँ दूसरी तरफ राजस्थान की वसुंधराराजे सरकार ने अम्बेडकर के नाम पर स्थापित विधि विश्वविध्यालय को बंद करने का निर्णय ले लिया है .लोग पूछ रहे है कि क्या यह सरकार के दो साल पूरे होने पर राज्य सरकार द्वारा दलितों को दिया गया तोहफा है ?
-भंवर मेघवंशी-
राज्य के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्रसिंह राठौड़ ने विगत दिनों हुई मंत्रीमंडल की बैठक के बाद खबरनवीसों को बताया था कि राज्य सरकार ने डॉ भीमराव अम्बेडकर लॉ यूनिवर्सिटी को बंद करके इसके स्थान पर जयपुर में ‘अम्बेडकर पीठ - सेंटर फॉर एक्सीलेंस’ का गठन करने का निर्णय लिया है .राठौड़ ने इस फैसले का औचित्य बताते हुए कहा कि वर्ष 2012 -13 में अशोक गहलोत के शासन काल में अम्बेडकर लॉ यूनिवर्सिटी स्थापित की थी, मगर पूर्ववर्ती सरकार ने किसी भी प्रकार की वित्तीय व्यवस्था नहीं की ,ना शैक्षणिक अनुभाग खोले ,ना फैकल्टी नियुक्त की ,ना भूमि आवंटित की गई और ना ही प्रवेश सम्बन्धी कार्यवाही की गयी . सिर्फ कागजों में ही विश्वविध्यालय खोल दिया गया और कुलपति की भी नियुक्ति कर दी गई .इसलिये इस कागजी विश्वविध्यालय को बंद करके अम्बेडकर पीठ स्थापित करने का राज्य मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है .

गोइन्का पुरस्कार एवं सम्मान समारोह सम्पन्न

कमला गोइन्का फाउण्डेशन एवं हिन्दी विद्यापीठ (केरल) के संयुक्त-तत्वावधान में आयोजित समारोह में वरिष्ठ अहिन्दी भाषी साहित्यकारों के सम्मानार्थ घोषित "बालकृष्ण गोइन्का हिन्दी साहित्य सम्मान" से तिरुवनन्तपुरम् (केरल) के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. एन. चन्द्रशेखरन नायर जी को विभूषित किया गया एवं केरल के सिरमौर फिल्म अभिनेता, हिन्दी-प्रेमी पद्मश्री मधु (माधवन नायर) जी को भी "दक्षिण ध्वजधारी सम्मान" से नवाजा गया।


Dec 5, 2015

NNIS न्यूज एजेंसी ने अपने कर्मचारियों की तोड़ी कमर

स्पोर्टस न्यूज पर अपनी तास ठोकने वाली एनएऩआईएस न्यूज एजेंसी ने अपने कर्मचारियों को नाखून खाने के पर मजबूर कर दिया है... एनएनआईएस ने पिछले चार महीनों से अपने कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया है... इसके साथ हद तो तब हुई जब दुनिया के तमाम व्यापारियों ने अपने कर्मचारियों को दिवाली पर तोहफा दिया मगर जब दिवाली पर कर्मचारियों ने खुद से ऑफिस में दिवाली पार्टी रखी तो एनएनआईएस के बॉस ने महज दो हजार रूपए देकर उसका हिसाब मांगा... एक तो वेतन नहीं दिया, उपर से दिवाली की शुभकामनाएं नहीं दी, और तो और दो हजार रूपए का हिसाब भी मांगा... जैसे पता नहीं कितना बड़ा ऐहसान कर दिया हो...

Immediately STOP the GRAVE ERROR of Journalism

Dear Mr. Sunil Baghel,

Ref: Article published by you: http://timesofindia.indiatimes.com/tech/social/Bombay-high-court-bars-ex-Tata-general-manager-from-boss-bashing-on-Facebook/articleshow/49789978.cms in
1] Ahmedabad Mirror dated 15.11.2015
2] Mumbai Mirror dated 15.11.2015
3] Pune Mirror dated 15.11.2015
4] Online as per Link above dated 15.11.2015
5] Navbharat Times, New Delhi dated 16.11.2015
6] Any other edition that I do not know

सहारा के 25 साल : हाल बेहाल

-कुमार कल्पित-
किसी और सभ्यता_संस्कृति के विषय में तो मालूम नहीं लेकिन भारतीय संस्कृति में २५ साल का बहुत महत्व होता है। तीज त्योहार के शौकीन हम भारतीय यूं भी कोई अवसर नहीं खोना चाहते । बात हम भारतीयता की भावना से ओत प्रोत होने का दंभ भरने वाले सहारा इंडिया परिवार के नियंत्रण वाले राष्ट्रीय सहारा की कर रहे। हैं। यह अखबार इस साल अपने प्रकाशन (१९९१) का २५वां वर्ष (देखे हर पृष्ठ पर २५ वर्ष वाला लोगों) मना रहा है।

अखिलेश के दावों के विपरीत है यूपी का सियासी इतिहास, यूपी है बदलाव पसंद, अच्छा लगता है सत्ता परिवर्तन

अजय कुमार, लखनऊ
     
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी धीरे-धीरे सियासी होते जा रहे है।कभी वह यूपी में महागठबंधन का शिगूफा छोड़ देते हैं तो कभी किसी कार्यक्रम के दौरान कांगे्रस के युवराज और पीएम बनने का सपना पाले राहुल गांधी की मौजूदगी में ही कांगे्रस के सामने प्रस्ताव रख देते हैं कि 2019 के लोकसभा चुनाव में अगर मुलायम को पीएम बनाने और राहुल गांधी को डिप्टी पीएम बनाने पर कांगे्रसी राजी हो जाते हैं तो मैं (समाजवादी पार्टी) कांग्रेस से गठबंधन के लिये अभी हां कहता हॅू।अखिलेश की बात का राहुल कोई उत्तर नहीं दे पाये।

शायद  अखिलेश को इस बात का अहसास है कि वह अपने पिता को पीएम बनने का सपना कांग्रेस के बिना पूरा नहीं कर सकते हैं, जबकि यूपी की गद्दी हासिल करने के लिये राज्य में मरणासन पड़ी कांगे्रस की उन्हें जरूरत नहीं पड़ेगी। इसी लिये कांगे्रस के साथ लोकसभा चुनाव में हाथ मिलाने की बात करते समय अखिलेश 2017 के विधान सभा चुनाव में कांगे्रस से गठबंधन की बात टाल देते हैं।अखिलेश के उक्त बयान को कुछ लोग शिगूफा बता रहे हैं तो ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है जो यह मानकर चल रहे हैं कि कांगे्रस और समाजवादी पार्टी के नेता बिहार के मुख्यमंत्री और दिल्ली का सपना देखने वाले नीतीश कुमार के कद को छोटा करने और लालू यादव को सबक सिखाने की चाहत में सियासी हमसफर बन सकते हैं।सपा नेता भूले नहीं है कि किस तरह से लालू यादव के चलते 1999 में मुलायम सिंह यादव पीएम बनते-बनते रह गये थे।

कांग्रेस के यूपी में कमजोर पड़ने से पूरे देश में नुकसान

संजय सक्सेना,लखनऊ

उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है।करीब 21 करोड़ की आबादी वाले यूपी में वर्ष 1967 तक एक आंग्ल भारतीय सदस्य को सम्मिलित करते हुए विधान सभा की कुल सदस्य संख्या 431 थी। वर्ष 1967 के पश्चात् विधान सभा की कुल सदस्य संख्या 426 हो गई। 9 नवम्बर 2000 को उ०प्र० राज्य के पुनर्गठन एवं उत्तराखण्ड के गठन के पश्चात् विधान सभा की सदस्य संख्या 403 निर्वाचित एवं एक आंग्ल भारतीय समुदाय के मनोनीत सदस्य को सम्मिलित करते हुए कुल 404 हो गई है। विधान सभा का कार्यकाल कुल 5 वर्ष का होता है यदि वह इसके पूर्व विघटित न हो गई हो। प्रथम विधान सभा का गठन 8 मार्च 1952 को हुआ था। तब से इसका गठन सोलह बार हो चुका है। वर्तमान सोलहवीं विधान सभा का गठन 8 मार्च 2012 को हुआ। यहां विधान सभा के सदस्यों की संख्या 100 है।

2017 के लिये सपा का गीत लांच

संजय सक्सेना,लखनऊ

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भले ही अभी एक साल का वक्त हो, मगर समाजवादी पार्टी ने चुनावी नारों और गीतों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। मुख्य गीत के रूप में तैयार गीत ‘तरक्की का शुभारंभ, प्रगति का श्रीगणेश...अखिलेश, अखिलेश, अखिलेश’ से साफ है कि सपा अखिलेश यादव के चेहरे को आगे रखकर ‘लक्ष्य-2017’हासिल करने का प्रयास करेगी।पार्टी एक भव्य समारोह में इस गीत को लांच करेगी।यह गीत समाजवादी पार्टी में बढ़ा बदलाव होने का संकेत देते नजर आयेगा।समाजवादी पार्टी ने वर्ष 2012 का विधानसभा चुनाव मुलायम सिंह यादव के नाम पर लड़ा था।

हमारे समय में भीष्म साहनी.... आयोजन की विस्तृत रिपोर्ट

घाटशिला 14 नवम्बर, 2015. कालजयी कथाकार, नाटककार, अनुवादक, रंगमंचीय कलाकार अभिनेता भीष्म साहनी के जन्म शताब्दी वर्ष 2015 में देश भर में उन्हें याद किया जा रहा है. इसी कड़ी में घाटशिला प्रलेसं ने 14 नबम्वर को ताम्र नगरी मऊभण्डार स्थित आई.सी.सी. मजदूर यूनियन (घाटशिला) में "हमारे समय में भीष्म साहनी’ विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया. कार्यक्रम की शुरुआत जनगीत "तू जिंदा है तो जिंदगी की जीत में यकीन कर’ (शैलेन्द्र) गाकर प्रलेसं और इप्टा के साथियों ने की. प्रथम सत्र में इसके बाद साहित्य अकादमी द्वारा निर्मित नंदन कुध्यादी निर्देशित भीष्म साहनी पर वृतचित्र का प्रदर्शन हुआ. ज्योति मल्लिक ने इस उदघाटन सत्र का संचालन किया.



द्वितीय सत्र में युवा साथियों ने गुलाब का फूल देकर मंचस्थ अतिथियों का सम्मान किया. मंच संचालन करते हुए घाटशिला के युवा कथाकार शेखर मल्ल्लिक ने भूमिका रखते हुए कहा कि, आज इस वक्त भीष्म जी को याद करने के मायने खास हैं. जिस दौर में हम आज हैं, वह एक ऐसा समय है, जिसमें भीष्म साहनी को याद किया जाना जरूरी है. प्रगतिशील और समतावादी रचनाकार भीष्म जी प्रेमचंद की परम्परा को आगे ले जाने वाले, आम आदमी को रचना में उसकी पुरी ताकत और कमजोरियों के साथ खड़ा करने वाले लेखक हैं. उनकी रचनाएँ साम्प्रदायिकता का सिर्फ़ निषेध नहीं करतीं, बल्कि उनके कारणों की तह तक जाती हैं और हमें उस नब्ज को पकड़ने के लिये उकसाती है. एक तरफ जहाँ गंगो का जाया, बसंती जैसी कहानियाँ और उपन्यास हैं, जो हमें श्रमिक निम्न मध्यवर्ग से वावस्ता कराती हैं, उनके शोषण और संघर्ष का यथार्थ दिखाती हैं, तो दूसरी तरफ अमृतसर आ गया जैसी कहानी , तमस जैसा उपन्यास और आलमगीर, मुआवजे जैसे नाटक लिखकर उन्होंने साम्प्रदायिकता की सच्चाईयों को भी बेनकाब किया है.

मान्यता प्राप्त पत्रकारों को मिले केजीएमयू में निशुल्क इलाज

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रामनाईक ने संजय गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान  के तर्ज पर किंगजार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में भी राज्य मुख्यालय के मान्यता प्राप्त पत्रकारों के लिये निःशुल्क इलाज की ब्यवस्था कराए जाने का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में किंग जार्ज के कुलपति से विचार-विमर्श करने के बाद शीघ्र ही यह ब्यवस्था लागू कराने का प्रयास करूंगा.



गजब की नेतृत्व क्षमता है विपिन धूलिया में!

-आशीष अग्रवाल- 

"सन 1982 मे दिल्ली से जनसत्ता शुरू होने के बाद उस के तेवरों ने बेशक पत्रकारिता को नए आयाम दिये ,मगर पश्चिमी उत्तर प्रदेश मे विपिन धूलिया पहले पत्रकार थे जिसने उससे भी आगे बढ़कर मौलिकता के साथ अखबार और खबरों के साथ पत्रकारों के हितों के मोर्चे पर एक साथ काम किया । इस सबसे अलग उन्होने कभी किसी पत्रकार के अनुचित व्यवहार या खबर को प्रश्रय नहीं दिया।बल्कि पत्रकारों की नयी पीढ़ी को तैयार करने में उनकी हमेशा रूचि रही,जो अब IFWJ में भी  दिखाई देगी।"


मोदी के कारण रेडियो श्रोताओं की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है

डॉ. कठेरिया के नेतृत्व में वर्धा शहर के रेडियो श्रोताओं पर हुआ शोध

जागरूकता बढ़ाने में रेडियो कारगर : अध्ययन में प्राप्त 87 प्रतिशत आंकड़े यह दर्षाते हैं कि रेडियो जन-जागरूकता बढ़ाने में महत्वपर्णू भूमिका अदा कर रहा है। 53 प्रतिशत प्रतिभागी मानते हैं कि सरकारें रेडियो का उपयोग अपने पक्ष में जनमत निर्माण के लिए करती आई हैं यह सर्वविदित है कि सत्तासीन सरकारें हमेशा से संचार माध्यमों का उपयोग अपने पक्ष में जनमत निर्माण के लिए करती आईं हैं। राष्ट्रीय एकता को बनाए रखने में रेडियो की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता है 74 प्रतिशत प्राप्त आंकड़े यह दर्षाते हैं कि रेडियो राष्ट्रीय एकता को बनाए रखने में आज विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से सशक्त भूमिका निभा रहा है।

डॉ. आंबेडकर : आधुनिक भारत के निर्माता

-एस.आर. दारापुरी आई.पी.एस.(से.नि.)
डॉ. बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर एक अछूत परिवार में पैदा हुए थे जो सभी प्रकार के सामाजिक, शैक्षिक, धार्मिक व राजनीतिक अधिकारों से वंचित वर्ग था. इसके बावजूद भी उनकी गिनती दुनिया के सबसे अधिक शिक्षित लोगों में की जाती है. उनके पास अमेरिका, इंग्लैण्ड तथा जर्मनी की उच्च डिग्रियां थीं. इतना शिक्षित होते हुए भी उन्हें समाज में घोर अपमान का सामना करना पड़ा. जब वे महाराजा बड़ोदा के दरबार में सैनिक सलाहकार के उच्च पद पर नियुक्त हुए तो उन्हें इतना अपमानित होना पड़ा कि उन्हें यह नौकरी छोड़नी पड़ी. जाति अपमान से तंग आ कर उन्होंने कभी भी नौकरी न करने का निर्णय लिया तथा इंग्लैण्ड से वकालत पास कर स्वतंत्र रूप से बम्बई में वकालत शुरू कर दी.

यूपी में किसी की भी सरकार आ सकती है, लेकिन भाजपा की नहीं



डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'

'अनार्य एकता और सक्रियता' के मकसद से मैं 22 नवम्बर, 15 से 27 नवम्बर तक लखनऊ, वाराणसी, आगरा, झांसी और ग्वालियर के दौरे पर गया। इस बीच अनेक मित्रों और आम जनता से रूबरू हुआ। जानकार और अनजान लोगों के विचार जाने।

इसी क्रम में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी से शुरू करते हैं, जिसे मोदी और उनके भक्त मोक्षदायनी काशी कहना पसन्द करते हैं। वहां के रेलवे स्टेशन, जिसे वहां स्थानीय स्तर पर कैंट रेलवे स्टेशन भी बोला जाता है, के पास स्थित भीड़भाड़ वाली एक चाय की दुकान पर, चाय वाले को सम्बोधित मेरा सीधा सवाल—

''इस बार यूपी में किसकी सरकार आने की सम्भावना है?''
चायवाला—''किसी की भी आ सकती है, लेकिन भाजपा नहीं।''

क्या मायावती संघ के एजेंडे को आगे बढा रही हैं?

डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'
राज्यसभा में 30 अगस्त, 2015 को मायावती ने सवर्ण गरीबों को आर्थिक आधार पर आरक्षण प्रदान करने की मांग करके, अवसरवादी राजनीति के घृणित चेहरे को आगे बढाया है। गरीब सवर्णों को आरक्षण की मांग करके मायावती वोट की राजनीति तो कर सकती हैं, लेकिन अनार्यों के संवैधानिक हकों की रक्षा करने का दावा नहीं कर सकती। अब मायावती को दलित, आदिवासी, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के हितों की माला जपने का कोई नैतिक अधिकार शेष नहीं रह गया है। हजारों सालों से आर्यों के शोषण, विभेद, अन्याय, अत्याचार और मनमानी के शिकार वंचित—अनार्यों को सत्ता और प्रशासन में आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रदान करने के मकसद से संविधान निर्माताओं में ने सामाजिक न्याय की व्यवस्था की हुई है। जिसका मायावती मजाक उड़ा रही हैं। मायावती का बयान इस बात का जीता जागता प्रमाण है कि मायावती को संविधान और सामाजिक न्याय का प्राथमिक स्तर तक का ज्ञान नहीं है। उन्हें कांशीराम की शिष्या और उत्तराधिकारी कहलाने का कोई नैतिक हक नहीं है! कहीं ऐसा तो नहीं कि आगे चलकर मायावती भी भाजपा की नाव पर सवार होने की तैयारी कर रही हैं?

पत्रकार अरुण कुमार ने किशोरवय में ही 'पढ़ाई-लड़ाई साथ-साथ' के सूत्र को जीवन का राग मान लिया (देखिए स्मृति सभा की तस्वीरें)

टाइम्स ऑफ़ इण्डिया पटना के सेवानिवृत वरिष्ठ पत्रकार, प्रेस कोंसिल ऑफ़ इण्डिया के पूर्व सदस्य, बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के महासचिव और टाइम्स एम्प्लॉइज यूनियन पटना के अध्यक्ष दिवंगत अरुण कुमार की स्मृति में रविवार  29 नवम्बर  2015 को पटना के गांधी संग्रहालय में टाइम्स इम्प्लोइज यूनियन की ओर से एक स्मृति सभा का आयोजन किया गया। इस सभा की अध्यक्षता जानेमाने साहित्यकार खगेन्द्र ठाकुर ने की। स्मृति सभा का संचालन करते हुए नंदीग्राम डायरी के लेखक-पत्रकार पुष्पराज ने अरुण कुमार की जिंदगी से जुडी अतीत की परतों को सार्वजनिक किया।









पुष्पराज ने बताया कि अरुण कुमार के पिता स्कूल सुपरिटेंडेंट के साथ-साथ कम्युनिष्ट पार्टी के आजीवन सदस्य रहे। उनके पिता कॉमरेड रामचन्द्र सिंह अपने वेतन का एक बड़ा हिस्सा हर माह लेबी के रूप में पार्टी को देते थे। वे दिन में सरकार की नौकरी करते थे और रात में पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच कम्युनिज्म पढ़ाते थे। अरुण कुमार के ससुर कॉमरेड रामप्रताप सिंह पार्टी को लेबी देने वाले प्रतिष्ठित कम्युनिष्ट आइडिओलॉग थे। अरुण कुमार ने किशोरवय में ही पढ़ाई-लड़ाई साथ-साथ के सूत्र को जीवन का राग मान लिया। सरकारी सेवा के साथ कम्युनिष्ट होने  की सजा में पिता को लगातार तबादले की सजा भुगतनी पड़ी। अरुण कुमार को पिता के तबादले की वजह से हर दो साल पर स्कूल  बदलना पड़ा।