Feb 7, 2016

कैथी फिल्म मोहत्सव : जादू, स्टंट, शंख वादन, नाटक ने ग्रामीण दर्शकों का मन मोहा




कैथी में चल रहे 3 दिवसीय फिल्म महोत्सव के दूसरे दिन आज विभिन्न विधाओं के गीत संगीत की प्रस्तुति की गयी. इस दौरान आस पास गाँव से बड़ी संख्या में दर्शक उमड़ पड़े थे. सुविख्यात शंख वादक रामजन्म यादव द्वारा अनोखे अंदाज में किये शंखवादन और दीप प्रज्वलन से कार्यक्रम का आगाज हुआ. बालचन्द्र प्रधान के नेतृत्व में गाजीपुर से आयी लोक कलाकारों की टीम ने सामाजिक मुद्दों पर आधारित लोकगीतों की प्रस्तुति की.


किशोर तबला वादक दीपक मोदनवाल ने तबला की ताल से दर्शको को मत्रमुग्ध कर दिया. वाराणसी की सांस्कृतिक  टीम  प्रेरणा कला मंच द्वारा मुंशी प्रेमचंद की रचना पर आधारित नाटक "अमानत" का भावपूर्ण मंच किया जिसे दर्शकों ने खूब सराहा. इस नाटक के माध्यम से समाज में प्रेम और भाईचारे का सन्देश फ़ैलाने की एक सार्थक कोशिश की गयी. एस ओ एस हर्मन माइनर स्कूल के बच्चों ने बालिका शिक्षा के महत्व पर एक नाटक "कमला का कमाल" प्रस्तुत कर कम उम्र में लडकियों की शादी पर सवाल खड़ा किया. डा आनंद प्रकाश तिवारी द्वारा गंगा पुजैया गीत की प्रस्तुति की गयी.

आज की परिचर्चा "भारतीय क्रांति में नारियों का योगदान" विषय पर बोलते हुए बक्ताओं ने रानी लक्ष्मी बाई, बेगम हजरत महल, उदा देवी, मस्तानी बाई , रनवीरी वाल्मीकि, शोभा देवी, महावीरी देवी, सहेजा वाल्मीकि, नामकौर, राजकौर, हबीबा गुर्जरी देवी, भगवानी देवी, भगवती देवी, इंदर कौर, कुशल देवी और रहीमी गुर्जरी आदि  वीरांगनाएं जो अंग्रेजी सेना के  साथ लड़ते हुए शहीद हो गईं थीं की सक्रिय भूमिका पर प्रकाश डालते हुए उनको नमन किया. वक्ताओं ने स्वाधीनता संग्राम कस्तूरबा गाँधी और अरुणा आसफ अली की भूमिका का भी उल्लेख किया. बदलते परिवेश में हो रही महिला हिसा की घटनाओं को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए वक्ताओं ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया. "यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता" को आदर्श मानने वाले देश में आज की घटनायें अत्यंत दुखद हैं. परिचर्चा के बीच बीच ही कवयित्रियों द्वारा सुरुचिपूर्ण काव्यपाठ किया गया. इसमें  निवेदिता मिश्रा, सरस दरबारी, अंजना सक्सेना, माधुरी मिश्र वली, और गुड्डो दादी ने अपनी काव्य रचनाएँ सुनाई. कार्यक्रम का संचालन अरविन्द मूर्ति ने किया.

वाराणसी के युवा जादूगर श्री रामतीरथ सिंह की जादू की प्रस्तुति ने उपस्थित जन समुदाय को रोमांचित कर दिया. उन्होंने एक से बढ़ कर एक जादूगरी के खेल का प्रदर्शन किया. कैथी के स्टंट कलाकार सुदामा गिरी की बाजीगरी और इसी गाँव के  उभरते गायक रवि भारद्वाज की गायकी को भी बहुत सराहना मिली. इस दौरान पोस्टर, चित्र, दस्तावेज और पुस्तक प्रदर्शनी के प्रति भी लोगों का काफी रुझान रहा.

अँधेरा होने पर फिल्मो का प्रदर्शन प्रारंभ हो गया पहले दिल्ली कांड पर आधारित फिल्म  लघु वृत्त चित्र "आई एम निर्भया", उसके बाद क्रांतिकारियों की गाथा समेटे लघु फिल्म "इन्कलाब" की प्रस्तुति हुयी. अंत में फीचर फिल्म "मदर इण्डिया" के प्रदर्शन से कार्यक्रम का समापन हुआ. देर रत तक चले इस कार्यक्रम में लोग अपने स्थान पर जमे रहे.  स्थानीय युवकों ने उत्साह और जिम्मेदारी के साथ पूरे कार्यक्रम की व्यवस्था में योगदान किया, पुलिस प्रसासन भी मौके पर मुस्तैद रहा.

अंतिम दिन 7 फवरी के प्रमुख कार्यक्रम:

3-4.30 बजे : भजन गायन, लोकनृत्य( हुडुप, गोंड़ऊ) नाटक: प्रेम की बोली बोल
4.30-5.30 बजे : परिचर्चा: किसानो की आत्महत्याएं और सरकारें मौन
5-6.30 बजे : संगीत मय कबीर वाणी
6.30-7 बजे : स्थानीय सांस्कृतिक प्रस्तुति (मूक अभिनय, हास्य अभिनय)
7-10.30 बजे तक : लघु वृत्त चित्र: अल्लाह ओ अकबर, लघुफिल्म :दशरथ मांझी, फीचर फिल्म : दो बीघा जमीन

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