भोपाल, 01 अक्टूबर। वैदिक यज्ञ की विधि अग्निहोत्र पूरी दुनिया में शांति और सद्भाव फैलाने का काम करेगा। हमारी वैदिक परम्पराओं के कारण ही भारत में अनेक धर्म के लोग भी एकजुट होकर रहते हैं। डीआरडीओ के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. डब्ल्यू सेल्वामूर्ति ने यह विचार श्रीमाधव आश्रम में महानुभाव माधवजी पोतदार की जन्मशती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए। इस अवसर पर आश्रम से जुड़े करीब 1000 साधकों ने एकसाथ, एक समय में अग्निहोत्र यज्ञ किया। सूर्यास्त के समय सैकड़ों हवन कुण्डों में प्रज्वलित अग्नि की छंटा देखते ही बन रही थी। इससे पूर्व दोपहर में हजारों की संख्या में साधकों ने अखण्ड मृत्युंजय यज्ञ किया। मृत्युंजय यज्ञ 11 अक्टूबर तक प्रतिदिन किया जाएगा।
डॉ. सेल्वामूर्ति ने बताया कि उन्होंने सैनिकों के संदर्भ में अग्निहोत्र पर शोध किया है। अग्निहोत्र की मदद से सैनिकों के जीवन में एकाग्रता, मानसिक शांति और स्वास्थ्य को बढ़ाया जा सकता है। हथियारों की तुलना में अध्यात्म अधिक ताकतवर है। अध्यात्म से ही दुनिया में शांति व्यवस्था कायम की जा सकती है। इस मौके पर विजन 20-20 की शुरुआत करने वाले सेवानिवृत्त कर्नल मदन देशपाण्डे, आई हॉस्पिटल पुणे के मुख्य मेडिकल अधिकारी एचवी देसाई और जयंत पोतदार ने भी अग्निहोत्र के विभिन्न आयामों पर अपने विचार व्यक्त किए।
पुस्तक 'योद्धा बेमिसाल' का विमोचन :
समारोह में अग्निहोत्र को पुनरुज्जीवित करने वाले महानुभाव माधवजी पोतदार पर केन्द्रित पुस्तक 'योद्धा बेमिसाल' का भी विमोचन किया गया। आश्रम की संचालिका सुश्री नलिनी माधव ने जन्म शताब्दी के अवसर पर माधवजी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने अग्निहोत्र को मानव के लिए कल्याणकारी बताया। इस अवसर पर मौजूद स्थानीय विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि दुनिया अग्निहोत्र की महत्ता को स्वीकार करेगी। भारत की ओर से यह दुनिया के लिए महत्वपूर्ण उपहार है। समारोह में विधायक विश्वास सारंग भी मौजूद थे।
भवदीय
नलिनी माधव, संचालिका
(महानुभाव श्री माधवजी संस्थान)
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