मजीठिया वेज बोर्ड के फैसले की घड़ी नजदीक आ चुकी है। आगामी 19 जुलाई, दिन- मंगलवार भारतीय (प्रिंट) पत्रकारिता जगत के लिए ऐतिहासिक होने वाला है... इसी दिन भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा हम पत्रकारों के भविष्य का निर्णय सुनाया जाएगा।
वैसे सुप्रीम कोर्ट की अब तक की प्रतिक्रिया से ऐसा नहीं लगता कि अखबार के मालिकान को कोई रियायत बरती जाने वाली है, तभी तो सरकारी अमला भी अचानक हरकत में आ गया है... देखिए न, डी. बी. कॉर्प (दैनिक भास्कर) के प्रिंसिपल करेस्पॉन्डेंट धर्मेन्द्र प्रताप सिंह ने अपने वकील श्री उमेश शर्मा द्वारा तैयार ड्राफ्ट जैसे ही महाराष्ट्र के चीफ सेक्रेटरी को मेल किया, आगे की कार्यवाही निर्देशित करते हुए वहां से उत्तर भी फौरन आ गया। महाराष्ट्र के मुख्य सचिव श्री स्वाधीन क्षत्रिय के दफ्तर से धर्मेन्द्र प्रताप सिंह को जो मेल प्राप्त हुआ है, आप भी पढ़िए...
Sir,
Please see forwarded email. It is requested to you to take necessary action as per the rules and also inform the concerned applicant the action being taken.
With regards,
Deputy Secretary to Chief Secretary
Government of Maharashtra
CC to Applicant : As mentioned above, your email has been forwarded to the concerned Department with a request to take necessary action. It is requested to you to follow up the matter with the concerned Department.
With regards,
Deputy Secretary to Chief Secretary
Government of Maharashtra
आपको बता दें कि धर्मेन्द्र प्रताप सिंह ने जो पत्र श्री क्षत्रिय को भेजा था, ठीक उसी प्रारूप में उन्होंने एक पत्र महाराष्ट्र के श्रम आयुक्त को भी प्रेषित किया है। देखिए, वहां से उन्हें क्या उत्तर मिलता है... वैसे उपरोक्त मेल को उमेश शर्मा जी के पास फॉरवर्ड कर दिया गया है।
पत्रकार और आरटीआई एक्टिविस्ट शशिकांत सिंह की रिपोर्ट. फोन : 9322411335
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