Jun 17, 2016

शाहजहांपुर श्रमजीवी यूनियन बनी गुण्डा माफिया यूनियन


शाहजहांपुर की श्रमजीवी यूनियन में गुण्डे माफियाओं ने जगह बना ली है जिनका मकसद सिर्फ श्रमजीवी यूनियन की आड़ में अपने गोरखधन्धों को बचाए रखना और रंगदारी वसूलना है। आज हम आपको श्रमजीवी यूनियन के पदाधिकारियों का आपराधिक रिकार्ड बताते है।


1- यादव (महामन्त्री) अभी चार दिन पहले राम नगर की एक छात्रा के साथ छेड़छाड़ करने पर पहले इसकी राम नगर में ही पिटाई की गई और बाद में थाना सदर बाजार में इसके खिलाफ छेड़छाड़ की तहरीर दी गई है जिसमें पुलिस जांच कर रही है।

2-गुप्ता (मण्डल संयोजक) इससे अपने पिता के साथ मिलकर खिरनी बांग धर्मशाला की ट्रस्ट से बनी जमीन और दुकानों पर कब्जा कर रखा है और मीडिया सहित श्रमजीवि यूनियन की धमक दिखाकर दुकानों और मकानों से रंगदारी वसूलते हैं। इसकी शिकायत जिला प्रशासन में की जा चुकी है जिसकी जांच चल रही है।

3-चैयरमैन गुप्ता (संरक्षक) हरियाणा की शराब बेचने वालों में सबसे बड़ा माफिया। पूरे जिले में हरियाणा की प्रतिबन्धित शराब की ब्रिक्री बड़े पैमाने पर करता है। इसके साथ साथ नगर पंचायत में इसने 95 लाख का डीजल घोटाला किया है। श्रमजीवि यूनियन में शामिल होकर ये अपना धन्धा खूब चमका रहा है।

4- रा0 मिश्रा (तहसील अध्यक्ष जलालाबाद) इस पर रंगदारी मांगने और आईएक्त सहित कई संगीन मामलों में दो मुकदमें दर्ज किये गये है। ये मुकदमें सपा नेता विजेन्द्र यादव और एक कोटेदार ने दर्ज करवाए हैं।

5- अनु0 मिश्रा, (तहसील अध्यक्षक तिलहर) कस्बे एक स्कूल में फर्जी कमेटी बनाकर कब्जा कर रखा है जबकि असली कमेटी वाले अधिकारियों के चक्कर लगा रहे है। स्कूल पर कब्जा बनाये रखने के लिए ही अनुराग ने अपने कब्जे वाले स्कूल में कार्यक्रम करवाया और कई सपा नेताओं के बुलवाया ताकि उसकी हनक कायम हो सके।

तो ये है श्रमजीवी यूनियन के पदाधिकारियों का रिकार्ड। अब आप समझ सकते होंगे कि इनका असली काम क्या है। इस यूनियन के पदाधिकारियों ने राशन कोटेदारों को अपना सदस्य बनाया है जिसके एवज में प्रत्येक कोटेदार से पांच पांच हजार रुपये वसूले जा रहे हैं। श्रमजीवी यूनियन इन कोटेदारों को आईकार्ड जारी कर रही है जिसके बल पर बड़े पैमाने पर राशन की कालाबाजारी हो रही है। दो दिन पहले ही श्रमजीवी यूनियन के कथित पदाधिकारी मुख्य विकास अधिकारी से मिले और वहां पत्रकारों के बैठने के लिए कक्ष की मांग की लेकिन जैसे ही ये वहां से उठ कर चले गये वैसे ही सीडीओ को एक वरिष्ठ पत्रकार ने इनकी असलियत बता दी जिसके बाद सीडीओ ने कक्ष देने से इन्कार कर दिया। अब तो भगवान ही बचाएं ऐसे पत्रकारों से और पत्रकारों की यूनियन से जहां गुण्डों और माफियाओं का राज हो।

आपका भाई
Asif Ali
asifalishahjahanpur@gmail.com

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