Jun 17, 2016

कार्य करने लगा है राष्ट्रीय इंटेलिजेंस ग्रिड (नैटग्रिड)

एम.वाई. सिद्दीकी
पूर्व प्रवक्ता विधि व न्याय एवं रेल मंत्रालय

राष्ट्रीय इंटेलिजेंस ग्रिड (नैटग्रिड) जिसका गठन मुंबई में 26/11 आतंकी हमले के बाद हुआ था अब पूरी शक्ति और संसाधन के साथ कार्य करने लगा है। इसका गठन देश की विभिन्न 21 एजेंसियों से डाटा इकट्ठा करके उसका विश्लेषण और राष्ट्रीय सुरक्षा को और पुख्ता करने के लिए हुआ है, जिसमें रेलवे, एअर लाइंस, आयकर विभाग, क्रेडिट कार्ड कंपनीज, वीसा, आव्रजन और इससे संबधित विभाग के अलावा भारत की सभी गुप्तचर एजेंसियों रॉ, एनआईए, सीबीआई, राजस्व इंटेलिजेंस, आईबी, नारकोटिक्स ब्यूरो, ईडी और अन्य संबंधित एजेंसी शामिल हैं। इस एजेंसी के कार्य शुरू करने के बाद अब देश को एक ही जगह से राष्ट्रीय हित से संबंधित सभी डाटा उपलब्ध हो जाएंगे और आतंकवाद के खिलाफ त्वरित और मारक कार्रवाई करने में सुविधा होगी।


राष्ट्रीय इंटेलिजेंस ग्रिड (नैटग्रिड) की परिकल्पना और प्रारूप मुंबई में 26/11 के आतंकी हमले के बाद तैयार किया गया था जिसमें देश की 21 विभिन्न एजेंसियों से प्राप्त सुरक्षा डाटा एक प्लेटफॉर्म पर इकट्ठा करने और फिर त्वरित और सुरक्षित कार्रवाई की रणनीति तैयार करने की बात कही गई है। राष्ट्रीय इंटेलिजेंस ग्रिड (नैटग्रिड) विभिन्न 21 प्रकार के डाटा बैंक, रेलवे, एअरलाइंस, आयकर विभाग, क्रेडिट कार्ड कंपनी, वीसा, आव्रजन और संबंधित विभाग से लेकर राष्ट्रीय गुप्तचर एजेंसियों जैसे रॉ, एनआईए, सीबीआई, राजस्व इंटेलिजेंस, आईबी, मादक पदार्थ नियंत्रण ब्यूरो, ईडी और अन्य संबंधित एजेंसियों से साझा करने और आतंकवाद और अन्य जटिल अपराधों को उसी के नेटवर्क से ध्वस्त करने का कार्य करेगा।

राष्ट्रीय इंटेलिजेंस ग्रिड (नैटग्रिड) की स्थापना ही अत्याधुनिक सूचना तकनीक के उपयोग और राष्ट्रीय हित को सुरक्षित रखने के लिए विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों को एक प्लेटफॉर्म पर जोडऩे के लिए किया गया है। सुरक्षा एवं कानून लागू करने वाली एजेंसियों को डाटा प्रदान करने वाली एजेंसियां जैसे एअरलाइंस, रेलवे, सेबी, बैंक, टेलीकॉम और अन्य तंत्र राष्ट्रीय सुरक्षा से संबधित डाटा प्रदान कर आतंकवाद को समाप्त करने में सहायक साबित होंगे। राष्ट्रीय इंटेलिजेंस ग्रिड (नैटग्रिड) का प्रारूप विभिन्न एजेंसियों से प्राप्त डाटा को शेयर करके इसे मारक बनाने के लिए है। देश भर के 80 डाटा प्रदान करने वाली एजेंसियां इससे जुड़ी होंगी। इस तरह राष्ट्रीय इंटेलिजेंस ग्रिड (नैटग्रिड) राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों को ऑनलाइन डाटा उपलब्ध करा देगी इससे सुरक्षा एजेंसियों को मारक और त्वरित कार्रवाई करने में आसानी होगी। इसके अलावा एजेंसी को कार्रवाई करने में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी क्योंकि सूचना अलर्ट और नियत स्थान के साथ होगी।

सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यदि राष्ट्रीय इंटेलिजेंस ग्रिड (नैटग्रिड) 2008 के पूर्व कार्य रहा होता तो मुंबई आतंकी हमले को नाकाम किया जा सकता था। यह इसलिए घटित हुआ क्योंकि हमारी गुप्तचर एजेंसियों द्वारा प्राप्त सूचना समय से न हीं मिली मिली तब तक बहुत देर हो चुकी थी। राष्ट्रीय इंटेलिजेंस ग्रिड (नैटग्रिड) इसी कमी को दूर करने के लिए बनाया गया है ताकि देश भर की 20 एजेंसियों से 80 प्रकार की सूचना यदि एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हो जाए तो सुरक्षा एजेंसियां और सुरक्षा बलों को नियत स्थान पर कार्रवाई के लिए आदेशित किया जा सकता है।

यह बहुत ही दुखद है कि राष्ट्रीय इंटेलिजेंस ग्रिड (नैटग्रिड) को चार चरणों में जमीन पर उतारने की परिकल्पना 2010-11 में की गई थी जो आज की तारीख में कार्य करना प्रारंभ किया है। गृह मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो इसमें दो चरणों का कार्य 2014 में पूरा हो चुका था, जिसकी लागत 1100 करोड़ आई थी। अधिकारिक तौर पर यही कहा जा रहा है कि राष्ट्रीय इंटेलिजेंस ग्रिड (नैटग्रिड) का पहला चरण भी पूरी तरह आज की तारीख में परिपूर्ण नहीं हो पाया है।

अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रीय इंटेलिजेंस ग्रिड (नैटग्रिड) बिल्डिंग का निर्माण राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम द्वारा किया जाना है जिसकी आधारशिला दक्षिणी दिल्ली में रखी गई है। इसे पर्यावरण संबंधी अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने में ही दो साल लग गए जो कि नवंबर 2015 में मिला था। राष्ट्रीय इंटेलिजेंस ग्रिड (नैटग्रिड) बिल्डिंग निर्माण के लिए 150 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया। फरवरी 2016 में इसका बजटीय प्रावधान मात्र 45 करोड़ रुपये किया गया जो  2016-17 के वित्तीय वर्ष में खर्च किया जाएगा। इससे साबित होता है कि सरकार इस महत्वपूर्ण मामले में बहुत ही धीमी गति से चल रही है जबकि इस सरकार ने सत्ता में आते ही राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बने आतंकवाद और संगठित अपराध को खत्म करने को लेकर कई बातें कही थी जो हकीकत में नहीं आ पा रही हैं।

राष्ट्रीय इंटेलिजेंस ग्रिड (नैटग्रिड) के कार्यरत होने के बाद देश में आतंकवाद को उसी की सूचना से ध्वस्त से करने में आसानी होगी क्योंकि एक प्लेटफॉर्म पर सभी सूचनाएं उपलब्ध रहेंगी और एक समन्वय नीति के तहत रणनीति के साथ इसका सफल संचालन किया जा सकेगा। एनडीए सरकार द्वारा अपने कार्यकाल के दो वर्षों में इसके लिए उचित निधि जारी नहीं की जिससे इसके क्रियान्वयन में देरी हुई। अब हम आशा कर सकते हैं कि राष्ट्रीय इंटेलिजेंस ग्रिड (नैटग्रिड) के माध्यम से देश को प्रभावकारी और सुरक्षात्मक डाटा प्राप्त हो सकेगा और हमारा देश आतंकवाद और संगठित अपराध के खिलाफ रणनीतिक कार्रवाई करने में सक्षम होगा।

यह राष्ट्रीय सुरक्षा और संरक्षा से जुड़ा अतिमहत्वपूर्ण परियोजना है जो हमारे देश की आंतरिक सुरक्षा को विभिन्न तरह से कवच प्रदान करेगा। इसके लिए जरूरी है कि सरकार इसको समयबद्ध तरीके से पूर्ण करने के लिए आवश्यक बजट प्रावधान करे और इसका आधारभूत ढांचा जल्द से तैयार करके राष्ट्रीय सुरक्षा को एक बेहतर और कार्यकुशल एजेंसी के माध्यम से त्वरित कार्रवाई करने और देश को सुरक्षित करने के लिए तैयार करे। राष्ट्रीय इंटेलिजेंस ग्रिड (नैटग्रिड) की स्थापना और इसके क्रियान्वयन से देश का भला ही होगा।

अंग्रेजी से अनुवाद : शशिकान्त सुशांत

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