Jun 17, 2016

मजीठिया मामले में बिहार विश्वविद्यालय महाविद्यालय कर्मचारी महासंघ पत्रकारों के साथ

बिहार में भी मिले पत्रकारों को मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार वेतन और सुविधाएँ : विमल सिंह

पत्रकारों को वेतन, एरियर और प्रमोशन के मामले में केंद्र सरकार द्वारा गठित मजीठिया वेज बोर्ड मामले में बिहार सरकार माननीय सुप्रीमकोर्ट के आदेश का पालन सुनिश्चित करे। यह मांग की है बिहार विश्वविद्यालय महाविद्यालय कर्मचारी महासंघ के संरक्षक विमल प्रसाद सिंह ने। वे पांच दिवसीय मुम्बई प्रवास पर आये थे। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने बिहार में पत्रकारों की सुरक्षा और सुविधाओं पर चिंता जताई। श्री विमल प्रसाद सिंह ने कहा कि उन्होंने मजीठिया वेज बोर्ड मामले में सर्वोच्च न्यायालय के पूरे आदेश को पढ़ा है।


ये आदेश स्पष्ट है कि प्रबंधन को अपने यहाँ काम करने वाले पत्रकारों और गैर पत्रकारों को मजीठिया वेज बोर्ड के मुताबिक़ वेतन, एरियर, अंतरिम और प्रमोशन तथा अन्य सुविधाये देनी ही पड़ेगी। फिर प्रबंधन और सरकार टालमटोल क्यों कर रही है। मुम्बई के निर्भीक पत्रकार और आर टी आई एक्टिविस्ट शशिकांत सिंह के साथ पत्रकारों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुम्बई आये श्री सिंह से मुलाक़ात की। श्री विमल सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 14 मार्च 2016 को स्पस्ट आदेश दिया है कि जिन राज्यों के श्रम आयुक्तों ने अपनी रिपोर्ट अब तक नहीं दी है वे 5 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट दें। अगर ऐसा नहीं किया गया तो जुलाई में इस मामले की अंतिम सुनवाई की जायेगी।

देश भर के पत्रकारों के लिए गठित मजीठिया वेज बोर्ड मामले में सुनवाई करते हुए माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने सख्त कदम उठाया और जिन राज्यों की भी मजीठिया मामले को अमल में लाने के लिए रिपोर्ट सर्वोच्च न्यायालय में पेश नहीं की गयी उन राज्यों के श्रम आयुक्त को कड़ी फटकार लगायी है। ऐसे में बिहार या किसी भी सरकार के पास अब बचने का कोई रास्ता नहीं है। श्री विमल सिंह ने कहा कि वे हमेशा पत्रकारों के साथ हैं। उन्होंने बिहार में पत्रकारों पर हो रहे हमले की भी जमकर निंदा की है।

शशिकांत सिंह
पत्रकार और आरटीआई एक्टिविस्ट
09322411335

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