बड़वानी 31 जनवरी : नर्मदा बचाओ आंदोलन मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में सार्वजनिक निजी भागीदारी का विरोध करता है। नर्मदा बचाओ आंदोलन के प्रतिनिधियों ने प्रदेश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में सार्वजनिक निजी भागीदरी के मुद्दे पर अपनी चिंताए व्यक्त और सरकार के इस कदम का विरोध किया है। ज्ञात हो कि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा दीपक फाउंडेषन के साथ स्वास्थ्य क्षेत्र में भागीदारी कर रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इसकी शुरुआत प्रदेष के अलीराजपुर जिले के अस्पतालों से की जा रही है।
आंदोलन का यह मानना है कि प्रदेश की जनता को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाना राज्य की एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है और यह निजीकरण का प्रयास है, राज्य इस प्रकार से निजी संस्थाओं के साथ समझौता कर अपनी जिम्मेदारी से बच नही सकता है। सरदार सरोवर बांध से प्रभावित क्षेत्र अलिराजपुर जिला भी है जहां पहले से ही लोगो का पुनर्वास नही हुआ है वही उन पर मार है अब सरकार स्वास्थ्य संबंधी सुविधाये भी निजी हाथो में जाने से अलिराजपुर के आदिवासी लोगो को भारी मुसीबतो का सामना करना पडेगा। बड़वानी में भी निजीकरण को आगे बढाने की पहल है जिसका हम विरोध करते हैं।
नर्मदा बचाओ आंदोलन की मांगे निम्नानुसार है:-
-दीपक फाउंडेशन एवं अन्य के साथ मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में की जा रही सार्वजनिक निजी भागीदारी को तत्काल वापस ले।
-संपूर्ण प्रदेश में एकसमान स्वास्थ्य सेवाओं के प्रदान को सुनिश्चित करने के लिए सभी स्वास्थ्य संस्थानों में सरकार मानव संसाधन, सेवाओं, वितरण व्यवस्था, क्षमता और ढांचागत सुविधाओं को अपने संसाधनो से सुदृढ़ करे।
-सामुदायिक सहभागिता और सामुदाय आधारित निगरानी तंत्र की सहायता से सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल को मजबूत करना।
No comments:
Post a Comment