Jan 5, 2016
नैनीताल ने 'विंटर कार्निवाल' : मुख्यमंत्री ने सैलानियों से सीधे मुलाकात और गुफ्तगू की
नैनीताल : इस बार नैनीताल ने "विंटर कार्निवाल" के रंगारंग समापन के साथ 2015 को अलविदा कहा। आखिरी रोज कार्निवाल में प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत भी शरीक हुए। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने सैलानियों से सीधे मुलाकात और गुफ्तगू की। सैलानियों के साथ मुख्यमंत्री ने खुद भी उत्तराखंड के व्यंजनों और लोक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का लुत्फ़ उठाया।
नैनीताल की बसावट के इतिहास में ठंड के इस मौसम में यहाँ पहली बार "विंटर कार्निवाल" का आयोजन किया गया। इससे पहले पिछले तकरीबन 65 सालों से यहाँ सितंबर या अक्टूबर के महीने में शरदोत्सव मनाया जाता था। यह आयोजन स्थानीय खेल के मैदान और तालाब के इर्द-गिर्द ही सीमित रहता था। जिला मजिस्ट्रेट दीपक रावत की पहल पर इस बार पर्यटन के लिहाज से गैर पर्यटन सीजन समझे जाने वाले इस मौसम में स्थानीय कला, संस्कृति, खान-पान, खेलकूद और साहसिक करतबों के जरिए सैलानियों को नैनीताल की ओर आकर्षित करने की यह एक नई शुरुआत थी। अनेक आशंकाओं के बावजूद यह कोशिश कामयाब रही।
कार्निवाल सिर्फ मंचीय मनोरंजन तक सीमित नहीं रहा। इसमें सैलानियों को महज दर्शक की भूमिका के बजाय उन्हें कार्यक्रमों में प्रत्यक्ष तौर पर शामिल किया गया। सुविधाभोगी पर्यटन के इस दौर में पर्यटकों का प्रकृति से करीबी रिश्ता कायम करने की कोशिशें की गई। कार्निवाल के दौरान भीमताल के जंगलिया गाँव में सैकड़ों सैलानियों को निःशुल्क पैराग्लाइडिंग कराई गई। तकरीबन डेढ़ सौ से ज्यादा पर्यटकों ने मुफ्त में पैराग्लाइडिंग के जरिए आकाश में उड़ने का लुत्फ़ उठाया। माउंटेन बाइकिंग में सैलानियों को शामिल किया गया। नैनीताल की सबसे ऊँची पहाड़ी नैना पीक तक ट्रेकिंग टूर का आयोजन किया गया। एक दौर में यहाँ की झील , नौकायन और घुड़सवारी के बाद नैना पीक की सैर सैलानियों का मुख्य आकर्षण था । तब यहाँ आने वाले पर्यटक घोडा , डांडी या पैदल 2611 मीटर ऊँची इस चोटी की सैर अनिवार्य रूप से करते थे। आधुनिक दौर में पर्यटकों की बदलती रुचियों के चलते पिछले ढाई - तीन दशकों से यह सिलसिला तकरीबन खत्म ही हो चला था। इस बार कार्निवाल में सैलानियों को नैना पीक पहाड़ी की पैदल सैर कराई गई। दिलचस्प बात यह है कि कार्निवाल के दौरान आयोजित कार्यक्रमों में जिला मजिस्ट्रेट ,एसएसपी समेत जिले के सभी जिम्मेदार अधिकारियों ने खुद भी भाग लिया। इससे न केवल मेहमान और मेजवान के रिश्ते मजबूत हुए बल्कि आत्मीयता भी बढ़ी।
प्रयाग पाण्डे
नैनीताल।
Prayag Pande
pandeprayag@ymail.com
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