Jun 22, 2016

Save Cow कहने वाले कट्टरपन्थी कैसे हो गये?

शोभा डे नाम की एक प्रख्यात लेखिका की टिप्पणी -
"मांस तो मांस ही होता है,
चाहे गाय का हो,
या बकरे का,
या किसी अन्य जानवर का......।
फिर,
हिन्दू लोग जानवरों के प्रति अलग-अलग व्यवहार कर के
क्यों ढोंग करते है कि बकरा काटो,
पर, गाय मत काटो ।
ये उनकी मूर्खता है कि नहीं......?"


जवाब -1.
बिल्कुल ठीक कहा शोभा जी आप ने ।
मर्द तो मर्द ही होता है,
चाहे वो भाई हो,
या
पति,
या
बाप,
या
बेटा ।
फिर, तीनो के साथ आप अलग-अलग व्यवहार क्यों करती हैं ?

क्या सन्तान पैदा करने,
या यौन-सुख पाने के लिए पति जरुरी है ?
भाई, बेटा, या बाप के साथ भी वही व्यवहार किया जा सकता है,

जो आप अपने पति के साथ करती हैं ।

ये आप की मूर्खता और आप का ढोंग है कि नहीं.....?

जवाब-2.
घर में आप अपने बच्चों और अपने पति को खाने-नाश्ते में दूध तो देती ही होंगी, या चाय-कॉफी तो बनाती ही होंगी...!
जाहिर है, वो दूध गाय, या भैंस का ही होगा ।
तो, क्या आप कुतिया  का भी दूध उनको पिला सकती हैं, या कुतिया के दूध की भी चाय-कॉफी बना सकती हैं..?
तो, दूध तो दूध, चाहे वो किसी का भी हो....!!
ये आप की मूर्खता और आप का ढोंग है कि नहीं......?
प्रश्न मांस का नहीं, आस्था और भावना का है ।
जिस तरह, भाई, पति, बेटा, बेटी, बहन, माँ, आदि रिश्तों के पुरुषों-महिलाओं से हमारे सम्बन्ध मात्र एक पुरुष, या मात्र एक स्त्री होने के आधार पर न चल कर भावना और आस्था के आधार पर संचालित होते हैं,
उसी प्रकार गाय, बकरे, या अन्य पशु भी हमारी भावना के आधार पर व्यवहृत होते हैं ।

जवाब - 3.
एक अंग्रेज ने स्वामी विवेकानन्द से पूछा - सब से अच्छा दूध किस जानवर का होता है ?
स्वामी विवेकानंद - भैँस का ।
अंग्रेज - परन्तु आप भारतीय तो गाय को ही सर्वश्रेष्ठ मानते हैं न.....?
स्वामी विवेकानन्द कहा -
आप ने "दूध" के बारे मे पुछा है जनाब, "अमृत" के बारे में नहीं,
और दूसरी बात,
आप ने जानवर के बारे मेँ पूछा था ।
गाय तो हमारी माता है,
कोई जानवर नहीं।

इसी विषय में एक सवाल :-
"Save tiger"
कहने वाले समाज सेवी होते हैं
और
"Save Dogs"
कहने वाले पशु प्रेमी होते हैं ।
तब,
"Save Cow" कहने वाले कट्टरपन्थी कैसे हो गये?

एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.

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