महराष्ट्र में पब्लिसिटी विभाग की कमान अब एक वरिष्ठ पुलिस अफसर के हाथ सौंपने की पूरी तय्यारी सरकार ने की है.अब तक एक आईएएस अधिकारी इन्फार्मेशन और पल्बिसिटी डिमार्टमेंट का डायरेक्टर जनरल रहा करता था. लेकिन इतिहास में पहिली बार एक आईपीएस अधिकारी के हाथ में इस विभाग की कमान सौंपी जा रही है. विद्यमान डीजी चंद्रशेखर ओक का पिछले हफ्ते ही तबादला हुआ है. उनकी जगह पर अब तक किसी को पोस्टिंग नही दी गयी. इसी बीच खबर ऐसी आ रही है कि वरिष्ठ पुलीस अधिकारी ब्रिजेश सिंह को पल्बिसिटी डिपार्टमेंट का नया बॉस बनाने का मन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बना लिया है.
ब्रिजेश सिंह जी का ऑर्डर तो अभी तक नहीं निकला लेकिन अगले दो दिन मे ब्रिजेश सिंह ओक की जगह ले सकते हैं .पल्बिसिटी विभाग में इस बात को लेकर काफी नाराजगी है. इसके विरोध मे अब पत्रकार संघटन भी उतर आये हैं. मराठी पत्रकार परिषद के अध्यक्ष एस.एम.देशमुख ने इस विषय में सीएम को खत लिखकर इस नये व्यवस्था का विरोध किया है. मीडिया पर अंकुश लगाने के लिए, सरकार इस विभाग की बागडोर पुलिस के हाथ देना चाहती है, एैसा स्पष्ट आरोप सीएम को लिखे पत्र में किया गया है.
महाराष्ट्र के पल्बिसिटी डिपार्टमेंट मे पिछले कुछ दिन से अनागोंदी का माहौल है.सीएमओ मे आयात किये बाहर के कुछ लोगोने इस विभाग की गरीमा को कुचल दिया है.यह विभाग राजनीतिग्रस्त हुआ है.कुछ वरिष्ठ अधिकारी पत्रकारो मे और पत्रकार संघटनो मे झगडे लगाने के सिवा कुछ काम नही करते.इससे मिडिया कर्मीओमे काफी नाराजगी है.इस विभाग को सही पटरीपर लाने के लिए एक कर्तव्यकठोर अधिकारी की जरूरत है.आयएएस ऑफिसर भी यह काम कर सकता है.लेकिन पहलीबार सरकार पल्बिसिटी विभाग मे पुलीसराज ला रही है.इसका मिडिया की ,स्वतंत्रतापर काफी असर पड सकता है .इसलिए नये व्यवस्था का विरोध होना चाहिए, पिछले कुछ साल से राज्य के पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग कर रहे है.सरकारने भी इस विषय मे कई बार वादे किये है.लेकीन सरकार अपने वादे ही भुल गयी है.अब पुलीस के हाथ मे पल्बिसिटी की बांगडोर दे के सरकार मिडिया को ही धमकाना चाहती है.
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