यदि अमर उजाला संस्थान सिद्धान्तवादी है और सच्चाई को स्वीकार करने वाला अखबार है तो संस्थान के अधिकारियों की सच्चाई जानना भी उच्चाधिकारियों के लिए बहुत जरूरी है। सच्चाई पर संज्ञान लेना आपकी जिम्मेदारी है। उम्मीद करता हूं कि सच्चाई क्या है, आप इसकी जांच कराने का प्रयास अवश्य करेंगे। यदि कुव्यवस्था फैलाने वाले अधिकारियों पर संस्थान के उच्चाधिकारियों ने समय रहते संज्ञान नहीं लिया तो मार्केट में अमर उजाला अखबार की स्थिति सुरक्षित रख पाना किसी चुनौती से कम नहीं होगा।
ब्यूरो चीफ द्वारा परेशान किया कर्मचारी जिसे बनाया गया न्यूज एजेंसी और काम लिया स्थाई कर्मचारी वाला.. आवाज़ उठाने पर गलत तरीके से सेवाएं की समाप्त..
दीपक शर्मा
deepak sharma
रिपोर्टर, कुरुक्षेत्र (हरियाणा)
sdeepaknews@gmail.com
09813288085
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