दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (डीजेए) दिल्ली के पटियाला हाउस में वकीलों द्वारा पत्रकारों की पिटाई की निंदा करता है और दोषी वकीलों के खिलाफ फौरन सख्त कार्रवाई की मांग करता है। दुख यह है कि पत्रकारों के साथ यह सब अदालत परिसर में पुलिस के सामने हो रहा था और पुलिस कार्रवाई करने की बजाए मौन खड़ी थी। बेखौफ वकीलों ने महिला पत्रकारों को भी नहीं बख्शा और उन लोगों ने कोर्ट रूप में छुप कर अपनी जान बचाई।
डीजेए दिल्ली पुलिस कश्मिनर से दोषी वकीलों को गिरफ्तार करने के साथ-साथ यह भी मांग करता है कि वे अदालत में ड्यूटी पर मौजूद उन पुलिसवालों पर भी सख्त कार्रवाई करें, जो हमलावर वकीलों को गिरफ्तार करने की बजाए मूक दर्शक बने रहे।
मीडिया चौतरफे हमले का शिकार हो रहा है। देशभर में पत्रकारों की हत्याएं की जा रही है। उनके साथ मारपीट तो आम बात है। लोकतंत्र का चौथा खंभा खतरे में हैं। माफिया और गुंडे निरंकुश हो गए हैं और वे अपने काले कारनामों का भंड़ाभोड़ करने वाले पत्रकारों पर हमले करवा रहे हैं।
दिल्ली के वकीलों ने सारी हदें पार कर पटियाला हाउस कोर्ट में पत्रकारों के साथ मारपीट कर यह साबित कर दिया कि अब राजधानी दिल्ली में भी पत्रकार सुरक्षित नहीं हैं। वक्त की मांग को देखते हुए पत्रकारों की सुरक्षा के लिए एक सशक्त कानून बनाया जाए। दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन पत्रकारों की सुरक्षा के लिए लंबे समय से पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग कर रहा हैं। इसके लिए वह नेशनल यूनियन आफ जर्नलिस्ट्स के साथ मिल कर देशव्यापी अभियान भी चला रहा है। दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन नेशनल यूनियन आफ जर्नलिस्ट्स से संबंद्ध है।
No comments:
Post a Comment