पीड़ित ने पुलिस से की शिकायत
नहीं दर्ज हुई एफआईआर
बड़े अखबारों ने हजम की पूरी घटना
उत्तर प्रदेश के जनपद सुल्तानपुर के उपजा कार्यालय पर बीते 22 जनवरी (शुक्रवार) की शाम लगभग 7 बजे तथाकथित सपा नेता व खुद को जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि बताने वाला कुड़वार थाना क्षेत्र के सोहगौली गाँव निवासी अखिलेश तिवारी पुत्र देवी प्रसाद तिवारी असलहों से लैस होकर अपने चार-पाँच गुर्गो के साथ पहुँचा और उपजा जिलाध्यक्ष अनिल दिवेदी की मौजूदगी में उपजा कार्यालय प्रभारी व आरटीआई एक्टिविस्ट रामानंद मिश्रा पुत्र-ओमप्रकाश मिश्रा,निवासी-ग्राम पूरे चेरे मिश्र पोस्ट भंडरा थाना कुड़वार को जबरन कार्यालय से बाहर घसीटकर उसका अपहरण करने की कोशिश करने लगा विरोध करने पर सपा नेता अखिलेश तिवारी व उसके गुर्गों ने आरटीआई एक्टिविस्ट रामानंद मिश्रा को जान से मारने की धमकी देने लगे.
ये सब तब हुआ जब उपजा के जिलाध्यक्ष अनिल दिवेदी खुद वहाँ खड़े थे और ये सब देख रहे थे,उपजा कार्यालय प्रभारी व आरटीआई एक्टिविस्ट रामानंद मिश्रा को जब सपा नेता अखिलेश तिवारी द्वारा हाथापाई कर कार्यालय से बाहर घसीटने पर अनिल दिवेदी ने सपा नेता से मिन्नत कर मामले को शांत कराया लेकिन जाते जाते सपा नेता अखिलेश तिवारी व उसके गुर्गों ने पीड़ित रामानंद मिश्रा को जान से मरवा देने की धमकी दी,ये पूरी घटना उपजा जिला कार्यालय पर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया लेकिन सपा नेता अखिलेश तिवारी पर इन सबका कोई असर नहीं रहा क्यूंकि उसे मालूम था की अध्यक्ष अनिल दिवेदी उसके खिलाफ कुछ नहीं करेगा,मामले की शिकायत लेकर रामानंद मिश्रा 23 जनवरी दिन शनिवार को थाना कोतवाली नगर पहुँचा और पुलिस में अपने साथ हुई आपबीती की लिखित शिकायत की,लेकिन पुलिस ने शिकायती पत्र लेकर भी कोई कार्यवाही नहीं की.
उधर सपा नेता अखिलेश तिवारी की आवभगत करने वाले उपजा जिलाध्यक्ष अनिल दिवेदी को जब जानकारी हुई कि रामानंद मिश्रा ने मामले की शिकायत पुलिस में कर दी है तो खुद अनिल दिवेदी सपा नेता अखिलेश तिवारी को बचाने की जद्दोजहद में जुट गए इतना ही नहीं आरटीआई एक्टिविस्ट व उपजा कार्यालय प्रभारी (पत्रकार) रामानंद मिश्रा ने अपने शिकायती पत्र को जनपद के सभी बड़े अख़बारों के दफ्तर में भी ले जाकर दिया, लेकिन मैनेज होकर जनपद के तीनो लीडिंग अखबार दैनिक जागरण, अमर उजाला और हिंदुस्तान खबर पी गए और उन्होंने अपने अपने तरीके से खबर को हजम करने की पूरी कोशिश की. दैनिक जागरण ने जहाँ पूरी की पूरी खबर ही हजम कर ली तो वहीँ अमर उजाला ने बिना अखिलेश तिवारी का नाम छापे सिर्फ सपा नेता दिखाकर संक्षेप में खबर छापकर खानापूरी कर दी तो वहीँ हिंदुस्तान अखबार ने तो पाठकों के बीच अपने काम को लेकर अपनी गजब की विश्वसनीयता कायम की.
हिंदुस्तान ने अपनी छापी खबर में सपा नेता अखिलेश तिवारी का जिक्र महज एक शख्स के रूप कर दिया. अब इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सुल्तानपुर में उजाला, जागरण और हिंदुस्तान कितना निष्पक्ष होकर अपना कार्य कर रहा है. इन सब में फंसा रामानंद मिश्रा अब खुद को बेबस और मजबूर समझने को मजबूर है क्यूंकि ना तो उसका उपजा संगठन अध्यक्ष अनिल दिवेदी उसकी कोई मदद करता दिख रहा है और ना ही उजाला, जागरण और हिंदुस्तान जैसा निर्भीक और निष्पक्ष माना जाने वाला अखबार.
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