मगर आडवाणी जी की वाणी और हावभाव में कभी वो उग्रता नहीं थी बल्कि गुजरात दंगो पर तल्ख़ माहोल में संसद में हुई बहस आडवाणी जी का भाषण जख्मो पर मरहम लगाने का ही था जबकि उधर चतुर मोदी जी तभी भांप लिया था की हिन्दू कटटरपन्ति उन्हें बड़ी आशा भरी नज़रो से देख रहा हे तभी से उन्होंने अपना रुख और कड़ा कर लिया और एक भड़काऊ चुनाव प्रचार शुरू कर दिया और बड़ी आसानी गुजरात चुनाव जीत लिए वही से मोदी जी की पी एम पद की यात्रा और लालसा शुरू हुई उसके बाद से ही चाहे जो कहा सुना गया हो मगर मोदी जी ने कभी भी गुजरात दंगो पर न कभी कोई माफ़ी मांगी ना कभी कोई बड़ा दुःख जाहिर किया ना कभी आडवाणी जी की तरह बाबरी मस्जिद ध्वंस सबसे दुखद दिन जैसी कोई बात कही ना कभी कोई गलानि दिखाई कहा तो यह भी जाता हे की उस समय भी उन्होंने भाजपा के मुस्लिम नेताओ की सभाय कराने से साफ़ इंकार कर दिया था की इन्ही सभी बातो ने हिन्दू कटटरपन्ति वर्ग को बेहद प्रभावित किया और वो धीरे धीरे लगातार उनका दीवाना होता चला गया ऐसा नहीं हे की भारत में ये हिन्दू कटटरपन्ति वर्ग कोई बहुत ही ज़्यादा बड़ा विशाल वर्ग हो ऐसा नहीं था मगर ऐसा जरूर हुआ की जितना भी ऐसा वर्ग था वो सारा का सारा हिन्दू कटरपन्ति वर्ग लगातार मोदी भक्त होता चला गया सेकुलर हिन्दू कई जगह बटा था मगर साम्प्रदायिक और कटटरपन्ति हिन्दू लगातार मोदी जी के '' खाते '' में जमा होने लगा और धीरे धीरे सुगबुगाहट होने लगी की मोदी आएगा तो ये होगा मोदी आएगा तो वो होगा मोदी जी ने भी पूरा ध्यान रखा की ऐसी कोई बात कोई विचार कोई हरकत भूल से भी ना हो की ये वर्ग उनसे ज़रा भी निराश हो नतीजा मोदी जी ने वो मुस्लिम टोपी तक पहनने से इंकार कर दी जिसे अटल आडवाणी बड़े आराम से पहन चुके थे मोदी जी कोशिश यही था की जब वो पी एम पद के दावेदार हो तो एक एक हिन्दू कटटरपन्ति घर से निकल कर उनके लिए वोट जरूर करे उसके बाद उन्हें पी एम पद का दावेदार घोषित कर दिया गया उसके बाद मुजफरनगर दंगे हुए इन दंगो पर भी मोदी जी ने कभी कोई अफ़सोस नहीं ज़ाहिर किया बल्कि उनके ही चुनावी प्रचार मंच पर दंगो के आरोपियों को सम्मानित किया गया बाकी भाजपा ने भी वही गुजरात स्टेण्ड लिया की दंगो की पीड़ित मुस्लिमो के लिए कोई हमदर्दी नहीं कोई दुःख का इज़हार नहीं बल्कि आक्रामक रवैया नतीजा पुरे यु पी में एक धुर्वीकरण सा हुआ और लोकसभा की 73 सीटें लेकर वो हो गया जो किसी को भी इल्हाम नहीं था भारत के इतिहास में पहली बार एक शुद्ध भाजपा संघ सरकार पूर्ण बहुमत के साथ बन गयी इस सरकार के बनने में वैसे और भी बहुत से कारण थे खासकर कांग्रेस का भारी भ्र्ष्टाचार मनमोहन सिंह की लुंज पुंज छवि आदि मगर सबसे बड़ा कारण था मोदी जी को गुजरात और मुजफरनगर दंगो का लाभ मिलना सरकार बन गयी मगर बड़े बुजुर्ग जो कह गए हे जो अनुभव सुना गए हे वो भी कहा गलत साबित होते हे?
अब ? अब आगे होगा यही की गुजरात और मुजफरनगर दंगो की सवारी से बनी ये सरकार हरियाणा आरक्षण दंगो के कारण गद्दी से उतार फेंकी जायेगी हरियाणा में हुआ ये की मोदी सरकार ने भारी भूल कर दी कई दिनों तक उसने दंगाईयो पर सख्त कार्यवाही इस भय से नहीं की जाट वोट बैंक यु पी विधानसभा चुनाव में हाथ से निकल जाएगा यही नहीं शायद इसने कई दिनों तक हरियाणा से आ रही खबरों पर ध्यान भी नहीं दिया इन्हे भारत में होने ही वाले सामान्य धरने पर्दशन आदि ही समझा वही इस दौरान इस सरकार के पिट्ठू मिडिया ग्रुप ने रोहित वेमुला आत्महत्या पर से ध्यान हटवाने को जे एन यु अफजल गुरु समर्थन प्रदर्शन जो एक मामूली मसला था जिसे बड़ा बना दिया था जो बाद में बहुत ही बड़ा बन गया गृहमंत्री ने हाफिज सईद समर्थन की बात कहकर इसे और उलझाया काफी दिनों तक पूरा मिडिया सरकार समाज इसी में उलझा रहा और इसी दौरान दंगाई पुरे हरियाणा पर टिड्डी दल की तरह छा चुके थे हालात काबू से बाहर हुए तो सेना भेजी गयी ये सोच कर की पहले की तरह ( मुंबई दंगे आदि ) दंगो में सिर्फ सेना के आने की आहट से ही दंगाई दुबक जाएंगे मगर तब तक दंगाईयो के मुह पर लूटपाट गुंडई का चस्का लग चूका था और वो सेना के सामने भी हुड़दंग करते रहे उधर सेना को कार्यवाही की खुली छूट नहीं थी और बवाल चलता रहा लोगो व्यापारियों का भारी नुकसान होता रहा ऐसा नुक़सान जो शायद ही कभी इतिहास में हुआ हो उपदर्वीयो ने हरियाणा को ही नहीं पुरे इलाके को बंधक बना लिया दिल्ली का पानी तक रोक लिया गया मगर अंत तक उपदर्वीयो पर सख्ती नहीं हुई सरकार दुआरा बार बार घोषित करने पर भी की सारी मांगे मान ली गयी हे तो भी उपदर्वी शांत नहीं हुए और कार्यवाही से नहीं अपनी मर्जी से बड़ी मुश्किल से गए अब जब की रास्ते खुले मिडिया पंहुचा तो हिंसा शोषण अपमान की कभी पहले ना सुनी कहानिया सामने आ रही हे लोगो में भारी गुस्सा हे नुक्सान इतना अधिक हे की उसकी भरपाई शायद ही हो पाये वो भी हो जाए तो लोगो ने अराजकता , गुंडाराज हिंसा और प्रशासन के गायब हो जाने का जो मंजर देखा हे वो उन्हें बरसो तक सामान्य नहीं होने देगा जो कुछ हुआ उसकी निंदा के लिए शब्द भी कम पड़ रहे हे अब मोदी सरकार पूरी तरह घिर चुकी हे आरक्षण का भयावह मुद्दा छोड़ भी दे तो अब हिंसा के पीडितो को इन्साफ सबसे बड़ा मुद्दा बन चूका हे जो मोदी सरकार को चेन नहीं लेने देगा मोदी सरकार अगर इंसाफ करेगी तो उसे बड़े पैमाने पर जाटो पर कार्यवाही करनी होगी तो अपना वो वोट खो बैठेगी जिसने उन्हें यु पी में अदभुत सफलता दिलवाई थी और अगर नहीं करती तो हरियाणा के उत्तर के पीड़ित इतने अधिक हे खासकर बनिया व्यापारी सैनी पंजाबी आदि समाज जिनका आरोप हे की पुलिस सेना की मौजूदगी तक में भी उनकी सम्पत्ति जलाई गयी मारा गया उनके गाव मोहल्लो पर हमले हुए और अब तो कुछ रेप की भी अपुष्ट खबरे हे तो भाजपा का कोर वोट रहे ये समाज भाजपा को कभी माफ़ नहीं करेंगे यानी आज मोदी सरकार के सामने इधर कुआ उधर खाई हे इससे इतर भी हरियाणा में नुक़सान इतना अधिक हुआ की उसका आर्थिक बोझ भी किसी युद्ध की तरह पुरे देश पर पड़ेगा ही जो और लोगो को भी नाराज़ करेगा यानी मोदी सरकार जिसके बनने में सबसे बड़ा हाथ गुजरात और मुजफरनगर दंगो की हिंसा का था अब आने वाले समय में उसके हटने में सबसे बड़ा हाथ हरियाणा हिंसा का होगा बड़े बुजुर्गो की चेतावनी सही साबित होगी '' जो बन्दुक के सहारे जीते हे वो बन्दुक से ही मरते हे.
सिकंदर हयात
sikander hayat
sikanderhayat1789@yahoo.com
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