Jan 15, 2016

परिवरवादी मुलायमसिंह यादव के 19वें और 20वें रिश्तेदारों की ताजपोशी

-श्रीप्रकाश दीक्षित-
जेपी आंदोलन की उपज और अपने को उनके साथ-साथ राममनोहर लोहिया का अनुयायी बताते नहीं थकते हैं मुलायमसिंह यादव और लालूप्रसाद यादव। फिर भी चुनाव जीतने के लिए दोनों पूरी तरह जातिवादी राजनीति पर उतर आते हैं और जीतने पर परिवारवादी राजनीति का दामन थाम लेते हैं। लालू यादव सबसे पहले पत्नीवादी के रूप मे उभर कर सामने आए जब भ्रष्टाचार के कारण चुनाव लड़ने से अपात्र घोषित होते ही रातोंरात उन्होने राजनीति का क-ख-ग भी नहीं जानने वाली पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बना दिया था। हालांकि उनके पास रघुवंश प्रसाद जैसे काबिल, समर्पित और जुझारू समर्थक मौजूद थे। जाहिर है यदि उन्हे बना देते तो बिहार की बागडोर उस तरह उनके हाथ मे नहीं रह पाती जैसी पत्नी के बनने पर रही थी। अब नवीं फेल एक पुत्र को उप मुख्यमंत्री और दूसरे को मंत्री बना कर उन्होने डंके की चोट पर अपने परिवरवादी होने का ऐलान कर दिया है। देर सबेर उनकी पुत्री मीसा के भी राज्यसभा मे पहुँचने की खबर है।


मुलायमसिंह यादव समाजवाद और समाजवादी आंदोलन के घोर अपराधी इसलिए हैं क्योंकि उन्होने समाजवाद शीर्षक को अब भी अपनी पार्टी से नत्थी कर रखा है। यूपी मे जातिवाद के सहारे विधानसभा चुनाव जीतने के बाद उनकी राजनीति परिवारवाद तक सिमट कर रह गई है। सेक्यूलरवाद का दिनरात नगाड़ा पीटने वाले नेताजी अगर वाकई धर्मनिरपेक्ष होते तो आजम खान को मुख्यमंत्री बनाते ना कि बेटे अखिलेश को ..! यूपी से लोकसभा की 80 सीटों मे से उनके पास पाँच ही हैं, जो श्वसुर,बहू और भतीजों मे बंट कर रह गईं हैं।इन तीन सांसद भतीजों मे से एक अब लालूजी के दामाद बनगए हैं..!

मुलायमसिंह यादव के बारे मे ताजा खबर आई है कि उन्होने अपनी भतीजी संध्या यादव को गृह जिले मैनपुरी की जिला पंचायत का अध्यक्ष और भतीजे अंसुल यादव को इटावा की जिला पंचयत का अध्यक्ष बनवा दिया है। उनकी भतीजी और भतीजे के सामने किसी भी पार्टी ने अपना प्रत्याशी खड़ा करने जी जुर्रत नहीं की [कहाँ हैं बहन मायावती और भाजपा..!], लिहाजा दोनों के निर्विरोध चुने जाने की औपचारिक घोषणा होना ही शेष है।अंसुल मुलायमसिंह यादव के छोटे भाई राजपाल के बेटे हैं जबकि संध्या अन्य भाई की बेटी । अब नेताजी के छोटे बेटे प्रतीक और उनकी पत्नी की बारी है। प्रतीक की पत्नी अक्सर पार्टीलाईन से अलग हट कर बयानबाजी करती हैं जिसे प्रेक्षक मुलायमसिंह की रणनीति का हिस्सा मान रहे हैं। इसलिए कभी भी इन दोनों की ताजपोशी की खबर आ सकती है..!

लेखक श्रीप्रकाश दीक्षित भोपाल के वरिष्ठ पत्रकार हैं.

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