Jan 15, 2016

अतिक्रमण हटाने को भास्कर ने बनाया उत्तेजना फैलाने वाली खबर..!



वास्तविकता, असलियत और हकीकत को उजागर करने वाली खबरों को निगेटिव का फतवा दे पाठकों को उनसे वंचित कर पाजिटिव के नाम पर  ठाकुरसुहाती खबरों की घुट्टी पिलाने में दैनिक भास्कर का कोई मुक़ाबला नहीं है। इसके बावजूद अतिक्रमण कर बनाए गए धार्मिकस्थल को हटाए जाने की घटना को आज   उकसाने वाली हेडिंग के साथ मत्थे के नीचे सात कालम मे छापना समझ से परे है।जरा खबर के शीर्षकों पर गौर फरमायें-आस्था पर चला हथौड़ा, आधी रात को चुपचाप तोड़ा साई मंदिर, सैंकड़ों व्यापारियों ने आनन-फानन मे बाजार बंद कराया और भरी विरोध के बाद झुका निगम आदि...!


अन्य अखबारों ने इस खबर को संयत भाषा मे छापा है।इस मामले मे दिलेरी दिखाने के लिए भोपाल नगर निगम के आयुक्त तेजस्वी नायक की जितनी तारीफ की जाए कम है। साफ है कि उनके खिलाफ नगर निगम के छुटभैये जो हल्ला मचा रहे हैं वह बेमानी है।

इस नाजुक घटना को दैनिक भास्कर ने आक्रामक अंदाज मे उत्तेजना फैलाने के इरादे से फ्रंट पेज की पहली खबर के बतौर प्रकाशित किया गया है। इससे साफ है कि इस अतिक्रमण से या तो भास्कर ग्रुप के हित जुड़े हैं या फिर किसी के इशारे पर भड़काने वाली खबर छापी गई है। दोनो ही सूरतों मे अखबार ने ना तो पत्रकारिता धर्म का पालन किया और ना इस बात का खयाल रखा कि भड़काऊ भाषा मे खबर छापने से शांति भंग हो सकती है।

यहाँ उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट अतिक्रमण कर बनाए गए सारे धार्मिकस्थलों को हटाने का आदेश केंद्र और प्रदेशों की सरकारों को दे चुका है।इसके बावजूद धार्मिक अराजकता को शह देने और धर्म और धर्म के ठेकेदारों से बेइंतिहा खौफ खाने वाली सरकारें बेबस नजर आ रही हैं। भारतीय जनता पार्टी को तो जाने दें काँग्रेस सरकारें भी अदालती आदेश का पालन करने से बचती रही हैं। [मै भास्कर और नवदुनिया मे छपी खबरे पोस्ट कर रहा हूँ ताकि आप जान लें कि खबर एक और छापने का अंदाज जुदा-जुदा]

भोपाल से वरिष्ठ पत्रकार श्रीप्रकाश दीक्षित की रिपोर्ट. 

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