डॉ राकेश पाठक
प्रधान सम्पादक डेटलाइन इंडिया
मंगल ग्रह से बड़ी खबर आ रही है। इतवार-सोमवार की दरमियानी रात कोई अज्ञात उल्कापिंड या धूमकेतु मंगल ग्रह से टकराया है। इस भीषण आपदा से ग्रह पर भारी तबाही की सूचना है। पृथ्वी वासियों के लिए गर्व का विषय यह है कि "मंगल-ग्रह" पर आई इस आपदा के समय सबसे पहले राहत और बचाव के लिए "स्वयंसेवक" पहुँच गए हैं। ये स्वयंसेवक आर्यावर्त अर्थात जम्बूद्वीप अर्थात भरत खंड अर्थात भारत वर्ष नामक देश से "पुष्पक विमान" में चढ़ कर मंगल ग्रह पर पहुंचे और पलक झपकते ही रक्तदान की कतार में लग गए।
यहाँ तक कि 'मंगल-ग्रह' के मूल निवासी भी राहत, बचाव कार्य शुरू नहीं कर पाये थे और स्वयंसेवकों ने "मंगल भक्ति" से ओत प्रोत होकर इस महान आपदा में सेवा कार्य शुरू कर दिया। अमरीकी स्पेस एजेंसी "नासा" और रूस की फेडरल स्पेस एजेंसी "रॉस्कोस्मोस" ने पुष्टि की है कि 'मंगल ग्रह' पर आई आपदा में राहत कार्य करते हुए 'स्वयंसेवकों' को देखा गया है। इधर भारतीय स्पेस एजेंसी "इसरो" ने भी पुष्टि की है कि बीती रात "पुष्पक विमान" ने स्वयंसेवकों की टोली के साथ मंगल के लिए उड़ान भरी थी और सेकण्ड के हजारवें हिस्से के समय में मंगल पर उतर गया था।
स्वयंसेवकों की संख्या के बारे में पूछे जाने पर "इसरो" ने बताया गया है कि यह ठीक उतनी ही है जितनी कश्मीर में 'बाढ़ के बाद',कोलकाता में 'पुल ढहने के बाद' या केरल में 'मंदिर में अग्नि कांड' के तुरंत बाद सेवा करते हुए देखी गयी थी। कदाचित गणवेश भी वही है जो लगभग पूर्व की तस्वीरों में देखा गया। इसरो के सूत्रों ने बताया कि आज सुबह हमारे "मंगल-यान" ने रक्तदान के लिए कतार में लगे स्वयंसेवकों की एक तस्वीर भी भेजी है।
याद रहे कि मार्श मिशन के तहत इस यान की लॉन्चिंग के समय स्वयं "महामानव" मौज़ूद थे इसलिए यह यान बहुत दूर तक "फेंकने" की अतिरिक्त क्षमता रखता है। मंगल यान से प्राप्त तस्वीर के बारे में दावा किया गया है कि इसे "फोटो शॉप" आदि की कारीगरी न समझा जाए।'मंगल-ग्रह' के "प्रधान सेवक" ने साफ़ किया है कि अभी वहां इतना "विकास" नहीं हुआ है कि फोटो-शॉप, कट-पेस्ट, मॉर्फिंग आदि इत्यादि किया जा सके।
मंगल ग्रह के 'प्रधान सेवक' ने कहा है कि इस महान सेवा के लिए उनका ग्रह पृथ्वी के 'महामानव' के प्रति कृतज्ञ है।उन्होंने कहा कि जब भी "महामानव" को ब्रह्माण्ड की 'परिक्रमा' से फुरसत होगी तो वे धन्यवाद देने तुरंत पृथ्वी लोक पर दौड़े चले आएंगे। प्रधान सेवक ने कहा कि वे "धूमकेतु"के मंगल से टकराने को "मंगलद्रोहियों" की साज़िश ही मान रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे "महामानव" से अनुरोध करेंगे कि वे "आई एस आई" नामक पवित्र एजेंसी से इस घटना की जांच कराने में सहयोग करें।
(समझ तो आप गए ही होंगे..)
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