dainikbhaskar.com लखनऊ में एक बार फिर कुछ सही नहीं चल रहा। भोपाल से भेजे गए सुशील तिवारी असली पत्रकारिता छाेड़ रिपोर्टरों से केवल चूतिया टाइप और कॉपी-पेस्ट खबर करवाने में लगे हुए है। बड़ी खबरे छूट जाए लेकिन पेज-3 टाइप खबरे नहीं छूटनी चाहिए जिससे केवल पीवी आए और जिसका खबर और जनता से कुछ नहीं लेना देना होता है। जिम्मेदारी पूरे यूपी के है लेकिन, मतलब केवल flickert type खबरों से है। अधिक पेज व्यू आने का जो दंभ भरा जा रहा है कोई पूछे कि PV from UP and Centers कितनी है। और जो पीवी है वह To UP है। ऐसे में ऊपर बैठे लोगों को क्या यह नही दिखाई
तो वहीं, रवि श्रीवास्तव जो लोकल इंचार्ज है उनहे शहर के कार्यक्रमों की कोई जानकरी ही नहीं रहती है। रिपोर्टर से पूछते है कि शहर में क्या है। दिनभर आफिस में बैठकर काॅपी-पेस्ट करते रहते है। और सुशील की चापलूसी में लगे रहते है। वह रिपोर्टर से ज्यादा डेस्क् का काम कर रहे है। और सेलरी रिपोर्टर के नाम की ले रहा है। रवि दिनभर आफिस में कैसे बैठा है सुशील तिवारी देखकर भी अनजान बने रहते है। लेकिन, कोई दूसरा रिपोर्टर कुछ समय के लिए आफिस में बैठ जाए तो चिल्लाने लगते है कि रिपोर्टर आफिस में क्यों बैठा है।
रिपोर्टर कितनी भी मेहनत से कोई भी खबर करे उसकी प्रशंसा की जगह तानें ही मारा करते है। और बार-बार 'संस्थान छोड दो' की धमकी देते रहते है। उनकी इसी तानाशाही के चलते कई लोग डेस्क से और रिपोर्टर भास्कर छोड चुके है। और कई छोड़ने का प्लान बना रहे है। भास्कर जो पहले सबसे पहले खबर देता था अब 'आज की खबर कभी भी' देता है। अगर सुशील तिवारी का रवैया ऐसा ही चलता रहा तो dainikbhaskar.com जल्द बंद हो सकता है।
dainikbhaskar.com का एक प्रताडित कर्मचारी
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