वरिष्ठ पत्रकार सैयद सलमान का स्वर्णजयंती समारोह मनाया गया, व्यंग्यकार राजेश विक्रांत की पुस्तक 'बतरस' का विमोचन
मुम्बई : सैयद सलमान ने सामाजिक पत्रकारिता को नई उंचाइयां प्रदान की हैं। उन्हें मैं पहले पत्रकारिता के छात्र फिर टी वी पत्रकार और अब अध्यापक के रूप में देख रहा हूँ। हर भूमिका में वे अतुलनीय हैं। यह उदगार मुम्बई विश्वविद्यालय के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ रामजी तिवारी सोमवार की शाम हिंदी साप्ताहिक विकलांग की पुकार द्वारा आयोजित वरिष्ट पत्रकार सैयद सलमान के 50 वे जन्मदिन समारोह के अध्यक्ष के रूप में सांताक्रुज पूर्व के मौलाना आजाद हाल में व्यक्त किये।
कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार व भाजपा नेता प्रेम शुक्ल ने कहा कि सलमान को मैं उनके राजनितिक करियर की शरुआत से ही जानता हूँ। वे बाद में पत्रकारिता में आकर अजातशत्रु बने। शिक्षाविद् डॉ विनोद टिबड़ेवाल ने अपने कालेज के लाइफटाइम विद्यार्थी सलमान को शुभकामनाएं देते हुए घोषणा की कि विकलांग की पुकार के विशेषांक में शामिल सभी रचनाएं शीघ्र ही जे जे टी विश्वविद्यालय, झुंझुनू के हिंदी विभाग की ओर से पुस्तकाकार रूप में प्रकाशित की जाएंगी।
धार्मिक विद्वान् मौलाना सैयद जहीर अब्बास रिजवी ने सलमान को गंगा जमुनी तहजीब का प्रतीक बताया। कुपोषण के शिकार आदिवासी बच्चों की बेहतरी के लिए कार्यरत एक्टिविस्ट सुदर्शन नायर ने सलमान की प्रतिबद्धता की सराहना करते हुए मीडियाकर्मियों व समाजसेवियों से समाजहित में काम करने की अपील की। कार्यक्रम में पूर्व डीसीपी रमेश वसईकर, लायन्स क्लब के सुदर्शन नायर, कवि गीतकार पण्डित किरण मिश्र, राजनेता शिवजी सिंह व पुलिस अधिकारी जितेंद्र पाल सिंह राणा भी प्रमुख अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
बता दें कि "विकलांग की पुकार" मुम्बई महानगर का सुपरिचित साहित्य संस्कृति प्रेमी समाचार पत्र है जोकि समाज, साहित्य, पत्रकारिता, कला व संस्कृति की प्रगति के लिये नियमित रूप से ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन तथा विशेषांकों का प्रकाशन करता रहता है। अखबार अब तक समर्पित समाजसेवा विशेषांक, विकलांग सेवा विशेषांक, आशीर्वाद विशेषांक, बन्धु विशेषांक, प्रतिबद्ध पत्रकारिता विशेषांक तथा एसीटी विशेषांक सरीखे विशेषांक सम्पादक एड सैयद आफताब मेहदी व संरक्षक प्रेम शुक्ल के नेतृत्व में कर चुका है।
इस अखबार के शुभचिंतक सैयद सलमान अपने जीवन के स्वर्ण जयंती वर्ष में हैं। इन दिनों विज़िटिंग फ़ैकल्टी, गरवारे इंस्टिट्यूट ऑफ कैरियर एजुकेशन एन्ड डेवलपमेंट, मुम्बई विद्यापीठ सैयद सलमान का जन्म मुम्बई में 12 अप्रैल 1966 को हुआ। वे लेमन न्यूज व चैनल वन न्यूज के मुख्य कार्यकारी सम्पादक रहे हैं, सहारा समय चैनल के ब्यूरो चीफ/ चैनल हेड, इन टाइम/ इन मुम्बई टी वी चैनल के विशेष संवाददाता, सिटी चैनल के समाचार सम्पादक तथा दोपहर, नवभारत, महानगर आदि अखबारों से जुड़े रहे हैं।
अपने सार्वजनिक सम्मान के बाद सैयद सलमान ने इस अवसर पर अपनी सफलता का श्रेय अभिभावकों, गुरुजनों एवम् अपने मित्रों को दिया। सैयद सलमान ने अपने भावपूर्ण सम्बोधन में अपने शिक्षकों को कई बार याद करते हुए उनसे मिले संस्कारों को अपनी पूँजी बताया। उन्होंने सामाजिक सरोकारों से जुड़े रहने की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए गंगा-जमनी तहज़ीब की वकालत की और उसे आज की सबसे बड़ी ज़रुरत बताया। सैयद सलमान के अनुसार उनकी शख़्सियत में उनके मित्र, शुभचिंतक इस क़दर घुल मिल गए हैं कि वे अपने भीतर उनको और उनके भीतर ख़ुद को महसूस करते हैं।
इस अवसर पर सैयद सलमान ने धार्मिक कट्टरपन्थियों को भी आड़े हाथों लिया और नफ़रत की भाषा बोलने वालों को इंसानियत का दुश्मन बताया। सैयद सलमान ने अपने स्कूल, कॉलेज और अपने पत्रकारिता से जुड़े अनेक साथियों को याद करते हुए कहा कि उनके जीवन में आर्थिक उपलब्धि तब गौण हो जाती है जब मेरे पास पुराने मित्रों के रूप में अमूल्य संपत्ति का ख़ज़ाना मौजूद है। विकलांग की पुकार परिवार के प्रति अपने भाव प्रकट करते हुए सैयद सलमान ने कहा कि जिस तरह का सम्मान उन्हें इस परिवार से मिला उसके लिए वे सदैव ऋणी रहेंगे।
कार्यक्रम में अखबार के सैयद सलमान विशेषांक (अतिथि सम्पादक, अभय मिश्र; मुख्य उपसम्पादक दोपहर का सामना), व्यंग्यकार राजेश विक्रांत के प्रथम व्यंग्य संग्रह 'बतरस' तथा पत्रिका 'अवध ज्योति' के 'अवधी कविता' अंक का लोकार्पण भी अतिथियों ने किया। कार्यकम की शुरुआत डॉ रजनीकांत मिश्र की सरस्वती वन्दना से हुई। फिर खन्ना मुजफ्फरपुरी, हस्तीमल हस्ती, सुश्री पल्लवी माने, इमरोज आलम व संजय शर्मा अमान ने अपने काव्यपाठ से माहौल को साहित्यिक रूप प्रदान किया। अतिथियों का स्वागत सरताज मेहदी, कार्यकारी सम्पादक, प्रबन्ध सम्पादक राजेश विक्रांत ने तथा संचालन डॉ अनन्त श्रीमाली ने किया। इस अवसर पर शायर सोहेल खान, डिजाइनर भालचन्द्र मेहेर तथा होनहार चित्रकार सैयद नुमान का विशेष सम्मान भी किया गया।
कार्यक्रम में साहित्यकार कैलाश सेंगर, डॉ जे पी बघेल, हमलोग के अध्यक्ष एड विजय सिंह, अग्निशिला के सम्पादक अनिल गलगली, मुम्बई कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारी जाकिर अहमद, एस्ट्रोलॉजी टुडे के सम्पादक डॉ पवन त्रिपाठी, प्रो देवेंद्र पाण्डेय, प्रो अरुणा स्वामी, प्रो यशोधरा काटकर, स्टेंनी पिंटो, शैलेन्द्र गांगण, परवेज़ खान, सुवर्णा कौंदर, टीम आओ मुस्कुराएँ, इंडियन एक्सप्रेस न्यूज चैनल के सी ई ओ सुरजीत सिंह, न्यूज एक्शन वर्ल्ड के चीफ दिनेश भारद्वाज, राजनेता सलीम मापखान, नूर अहमद खान, साहित्यप्रेमी अफरोज हैदर, पंकज तिवारी, खान, शुजात हुसैन, इकबाल अहमद, इम्तियाज अहमद, नवभारत के पत्रकार अखिलेश मिश्र, ततहिर बानो रिजवी कमाल अहमद, निहाल अहमद, के के त्रिपाठी, कैलाश गुप्ता, छायाकार मदन मसीह, देवेश तिवारी, विवेक मिश्र, राजमणि मिश्र, अनुपम मिश्र, प्रीति पाण्डेय, कवि जयप्रकाश सोनकर, अभिनव मिश्र आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।
आयोजन समिति में पत्रकारिता कोश के सम्पादक आफताब आलम, पूर्व शिक्षा निरीक्षक, कवि पत्रकार राजदेव यादव, रमेश वोरा, गीतकार, गायक, संगीतकार व आरजे शिवजी पाण्डेय 'शिवम्', प्रोफसर सन्तोष तिवारी, पत्रकार राजेश एम् मिश्र, नमस्ते बॉलीवुड के सम्पादक धर्मेन्द्र पाण्डेय, ठाकुर अजीत सिंह, कवि रवि यादव, नूर हसन, पत्रकार प्रेम चौबे, निर्मल सन्देश के सम्पादक राधेश्याम विश्वकर्मा, गरवारे के क्षात्र लल्लन गुप्ता व बिंदास न्यूज के सम्पादक एबाद अंसारी शामिल रहे। आभार प्रदर्शन साहित्य सेवा फाउंडेशन के अध्यक्ष अमर त्रिपाठी ने किया।
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