भोपाल / डीडी न्यूज़ भोपाल इन दिनों अपने असली काम से ज्यादा अधिकारियों की खेंचतान में उलझा हुआ है , इन सबके पीछे एक खास गुट षड्यंत्र कर रहा है ,इस गुट की कोशिश है कि किसी भी तरह से डीडी न्यूज़ भोपाल के वर्तमान अधिकारियों को परेशान करके वहां का चार्ज लेना है ,ईस गुट के मुखिया हैं मनीष गौतम जो जबसे काठमांडू से आये है तब से डीडी न्यूज़ भोपाल का चार्ज लेने के लिए जी तोड़ कोशिश कर रहे है , साम दाम दंड नीति के महारथी इस अधिकारी की मंशा है कि किसी भी तरह से डीडी न्यूज़ भोपाल का चार्ज लेना है ,
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार हॉल ही में इन महाशय ने आला अधिकारीयों से मिन्नतें करके फर्जी तरीके से प्रसार भारती के माध्यम से डीडी न्यूज़ भोपाल का चार्ज लेने में कामयाबी पा ली लेकिन दो दिन बाद ही डीडी न्यूज़ मुख्यालय की प्रमुख ने आदेश रद्द करके उनका चार्ज लेने का सपना चकनाचूर कर दिया ।
दरअसल मामला ही ऐसा था जिसमे प्रसार भारती का आदेश पूरी तरह से नियम विरुद्ध था , डीडी न्यूज़ भोपाल में हाल ही में आर एन यु प्रमुख विनोद नागर को पदोन्नत कर उन्हें जॉइंट डायरेक्टर न्यूज़ बनाया गया है यह आदेश 15 मार्च 2016 को सूचना प्रसारण मंत्रालय द्वारा निकला था लेकिन इस चतुर अधिकारी ने अपने आला अधिकारियो को गलत जानकारी देकर ठीक एक दिन पहले 14 मार्च 2016 को डीडी न्यूज़ भोपाल का चार्ज लेने का आदेश निकलवा लिया , मजेदार बात यह है कि डीडी न्यूज़ भोपाल में पहले से ही फुल स्ट्रेंथ है यानि दो डिप्टी डायरेक्टर और एक न्यूज़ एडीटर है फिर चार्ज किस बात का दिया जा रहा था । लेकिन इस मामले में डीडी न्यूज़ मुख्यालय ने बहुत ही समझदारी का परिचय दिया जो तत्काल चार्ज देने का आदेश रद्द कर दिया नहीं तो दूरदर्शन के इतिहास में इतना बड़ा मजाक दर्ज हो जाता जब योग्य अधिकारीयों के होते हुए एक जूनियर अधिकारी को चार्ज दे दिया जाता ।
बताया जा रहा है कि इस अधिकारी की डीडी न्यूज़ भोपाल का चार्ज लेने के पीछे जो तड़प है वो है मलाईदार पद इसके पहले ये अधिकारी वह डिप्टी डायरेक्टर पद पर रहते हुए स्ट्रिंगर के मार्फ़त खूब माल कम चुके है , इन कारगुजारियों के चलते इन्हे नेपाल भेजा गया लेकिन वह से भी जुगाड़ कर छह माह के अंदर वापस भोपाल आकाशवाणी में समाचार निदेशक के पद पर विराजमान हो गए , चूँकि यहाँ कमाई के मामले सूखा है तो इन्होने आते ही डीडी न्यूज़ भोपाल का चार्ज लेने के लिए जी तोड़ कोशिश कर दी लेकिन जब मंत्रालय से टका सा जबाव मिल गया तो इन्होने स्ट्रिंगर के मार्फ़त प्रसार भारती के अधिकारीयों को बरगला कर आदेश निकलवा लिया लेकिन अब डीडी न्यूज़ मुख्यालय ने इनके मंसूबे पर पानी फेर दिया । वैसे राजधानी में इन्हे लोग चार्जमैन के नाम से ज्यादा जानते है ,इन्हे जहाँ पदस्थ किया जाता है वहां के काम से ज्यादा इन्हे अन्य ऑफिसों का चार्ज लेने ज्यादा दिलचस्पी रहती है इसके लिए स्ट्रिंगरो के मार्फ़त राजनितिक जोड़तोड़ करवाते है , ताजे आदेश के पीछे भी एक महिला सांसद की मदद ली गयी थी ।
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