मजीठिया
वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग को लेकर कल समूचे महाराष्ट्र में पत्रकारों ने डिस्ट्रीक्ट इन्फार्मेशन ऑफिस के सामने धरना आंदोलन किया. 77 साल
पुराना पत्रकार संघठन मराठी पत्रकार परिषद ने आंदोलन का आह्नवान किया था. उसे
राज्य मे अच्छा प्रतिसाद मिला. पूना, सतारा, कोल्हापूर, ठाना , पालघर, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, बी ड अकोला, अमरावती, जालना, नांदेड, धु लिया, गडचिरोली, अहमद
नगर समेत राज्य के 32 जिलों में पत्रकार रस्ते पर उतर आये.
पूना में एस.एम.देशमुख के नेतृत्व मे डीआयओ राऊत को दिये पत्र में मजीठिया की सिफारिश को जल्द से जल्द लागू करने की मांग की गई है. विधान मंडल अधिवेशन मे मजीठिया को लेकर हुई बहस के दौरान न्यूज पेपर के मालिक, पत्रकार संघटन एवं विरोधी दल के नेता की संयुक्त मीटिंग आठ दिन के अंदर लेने का सरकार ने एलान किया था. किंतु अभी तक यह मीटिंग नहीं हो पाई.
कामगार मंत्री प्रकाश मेहता ने दो बार यह मीटिंग बुलाकर
ऐन वक्त पर उसे रद्द किया था. अब यह मीटिंग होगी की नहीं, अगर होगी तो कब होगी, इसके बारे में किसी को कुछ पता नहीं है. इस पर भी देशमुख ने सख्त ऐतराज जताया है. मजीठिया के साथ पत्रकार
पेन्शन, पत्रकारों के उपर बढ रहे हमले को प्रतिबंधित करने के लिए सुरक्षा
कानून और स्मॉल न्यजपेपर को दिए जाने वाले विज्ञापन के रेट में बढोतरी की
मांग मराठी पत्रकार परिषद ने की है.
परिषद के अध्यक्ष एस.एम.देशमुख ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि पूरे राज्य मे आंदोलन सक्सेस रहा. अगर
सरकार इस आंदोलन को गंभीरता से नहीं लेगी तो इससे भी उग्र आंदोलन किया जाएगा. एेसा नोटिस एस.एम.देशमुख ने दिया है. इस आंदोलन को लेकर पत्रकारों मे काफी
उत्साह देखने को मिला है. अभी तक मजीठिया के नाम पर चुप्पी साधे हुए पत्रकार
इस आंदोलन मे खुलकर सामने आये थे. यह इस आंदोलन की उपलब्धि है.
No comments:
Post a Comment