चूँकि नागेन्द्र प्रताप नवीन जोशी गुट के आदमी हैं और उम्र के ऐसे पड़ाव पर पहुँच चुके हैं कि अब दूसरी जगह नौकरी करना ठीक नहीं। लिहाजा वो भी रजनीश त्रिपाठी के रवैये के प्रति उदासीन रहते हैं। रजनीश त्रिपाठी नागेन्द्र प्रताप के सामने ये स्थिति उत्पन्न कर देना चाहते हैं कि वे ही नौकरी छोड़ दें। क्यूंकि उनका लक्ष्य वाराणसी में ही तैनात अपने भतीजे अभिषेक त्रिपाठी को चीफ रिपोर्टर बनाना और खुद वहीँ का संपादक बनना है। अपने भतीजे को आगे बढ़ाने के लिए वो स्वयं खबर लिखते हैं और उसके नाम से छापते हैं। इतना ही नहीं, भतीजे की ख़बरों को ठीक से लगवाने के लिए ऑपरेटर का काम भी करने लगते हैं.
रजनीश त्रिपाठी की शशि शेखर से घनिष्ठता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गृह जनपद होने के बावजूद वो कई साल से वाराणसी में ही तैनात हैं और अपने भतीजे को भी सम्पादकीय विभाग में नौकरी दिलवा चुके हैं। इतना ही नहीं, चहेते नेताओं के इशारे पर बड़ी से बड़ी खबर को मैनेज करने में भी पीछे नहीं हटे हैं।
वाराणसी हिंदुस्तान से एक पत्रकार द्वारा भेजी गयी रिपोर्ट।
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