Dec 30, 2015

महेश मोतेवार दो दिन के रिमांड पर, 58 जगहों पर छापे, सतीश के सिंह भी नपेंगे


विवादित निवेश योजना की समृद्ध जीवन कंपनी में चिटफंड घोटाला के संबंध में कंपनी के प्रबंध निदेशक महेश मोतेवार के पुणे के 40 कार्यालयों समेत 58 जगहों पर पुलिस व सीबीआई टीमों ने छापा मारा है. गिरफ्तार मोतेवार को उस्मानाबाद की उमरगा अदालत ने दो दिन यानि 31 दिसंबर तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है. मोतेवार को उस्मानाबाद पुलिस ने पुणे से गिरफ्तार किया था. बताया जा रहा है महेश मोतेवार की मीडिया कंपनी में सतीश के सिंह भी डायरेक्टर हैं और वे लंबे समय से मोतेवार के इशारे पर तरह तरह के काम करते आए हैं. पुलिस और सीबीआई की टीम सतीश के सिंह से भी पूछताछ कर सकती है क्योंकि मोतेवार के ढेर सारे राज इस वरिष्ठ पत्रकार के पास सुरक्षित हैं.


उधर, चर्चा है कि मोतेवार की गिरफ्तारी के बाद इनका मीडिया का धंधा धराशायी होने वाला है. लाइव इंडिया चैनल, लाइव इंडिया अखबार, प्रजातंत्र लाइव अखबार, मी मराठी समेत कई किस्म के प्रिंट इलेक्ट्रानिक व डिजिटल मीडिया माध्यमों को मोतेवार संचालित करता है. इस सबका मकसद सिर्फ एक रहा है. वह है अपने दागी व आरोपी मालिक को बचाना व इसके ठगी के धंधे को सुरक्षित रखकर बढ़ावा देना. निवेशकों संग धोखाधड़ी का आरोपी मोतेवार पिछले तीन सालों से फरार चल रहा था.

गृह राज्यमंत्री राम शिंदे ने पहले ही कह दिया था कि मोतेवार जल्द ही पुलिस की गिरफ्त में होगा. महेश मोतेवार पर तीन लोगों को डेयरी प्रोजेक्ट में भागीदारी देने का लालच दिखाकर ३५ लाख रूपये की ठगी करने का आरोप है. इस मामले में पुलिस ने साल २०१३ में अदालत में आरोप पत्र दायर किया था. महेश के खिलाफ पुणे के डेक्कन पुलिस थाने में भी निवेशकों से धोखाधड़ी करने और सेबी के निर्देशों का उल्लघंन करने का मामला दर्ज है. इस बारे में भाजपा सांसद किरीट सोमय्या ने मीडिया से बात करते कहा कि मोतेवार को दो साल पहले ही गिरफ्तार करना चाहिए था. कांग्रेस-राकांपा की सरकार से भी मैंने गुहार लगाई थी, लेकिन कुछ नहीं हो सका. हमारी सरकार आने के बाद तुरंत उसकी गिरफ्तार नहीं हुई, लेकिन यह चिटफंड़ घोटाले का मामला सेबी, आरबीई तक पहुंचाया. अब महेश मोतेवार को कोई बचा नहीं सकता.

मूल खबर ये है..

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