Dec 8, 2015

मुंबई की मीडिया में ठाकुरवाद और ब्राह्मणवाद के कारण टैलेंटेड पत्रकार ठोकर खा रहे

माननीय संपादक जी, मेरा नाम राहुल तिवारी (बदला नाम). मैं पिछले 2 वर्षो से मीडिया जगत में काम कर रहा हूँ। मुझे ख़ुशी इस बात की है कि मीडिया में अधिकतर लोग उत्तर भारतीय है और खूब नाम भी कमाए है। दुःख इस बात का भी है कि वही उत्तर भारतीय मेरी नौकरी के पीछे भी पढ़ गए है। उनके ना चाहने से मेरा काम पिछले 2 वर्षों से रुका हुआ है। मैं बताना चाहूँगा कि मीडिया में ठाकुरवाद (सिंह) और ब्राह्मणवाद ज्यादा ही देखने को मिल रहा है। ठाकुर के लोग सिर्फ ठाकुर के लोगों को रखवा रहे हैं और ब्राह्मण के लोग सिर्फ ब्राह्मण को। इस दोनों गुटो में जो काबिल है वो पीछे रह जा रहा है ।


संपादक जी, आपको बताना चाहता हूं कि मैं सारे चैनल और अख़बार के लोगों से मिल चुका हूं. 3 चैनल और 2 अख़बार में मेरा चयन भी हो गया लेकिन सिर्फ ठाकुरवाद और ब्राह्मणवाद में ही मैं फस गया हूं। मीडिया में 2 गुट हैं। कुछ लोग ब्राह्मण के लोगों को नहीं पसंद करते हैं और कुछ लोग ठाकुर के लोगों को पसंद नहीं करते। यह कितनी शर्म की बात है कि 21वी शताब्दी में भी जातपात को लोग इतना ध्यान ले रहे हैं। मैं आपकी वेबसाइट के माध्य्म से कहना चाहता हूं कि लोगों को एकजुट रहना चाहिए। जो लोग काबिल हैं उनका ही चयन करें। हिंदी भाषियों की भी एकता बनाये रखना चाहिए। इसी में मीडिया जगत और सभी उत्तर भारतीय का भला होगा।

राहुल तिवारी
infomedia706@gmail.com

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