हरियाणा में अभी-अभी के नाम से अखबार चलाने वाले कुलदीप श्योराण के बारे में पता चला है कि वह हिसार छोड़कर कहीं और चला गया है। मोटा पैसा कमाने व पत्रकारों और स्टाफ को छलने वाले इस शख्स के बारे में वर्ष 2010 में ही मैंने इंटरनेट पर सारी कहानी लिख डाली थी। यह कहानी गूगल पर आज भी नरेन्द्र वत्स आन भड़ास पर सर्च की जा सकती है, जिस पर कई पत्रकार साथियों के कमेंट्स भी उपलब्ध हैं।
पहले मैं ये सोचता रहा कि कुलदीप श्योराण कंगला हो चुका है, जिस कारण उससे पैसे नहीं मांगे। बाद में पता चला कि वह करोड़ों का गेम खेलकर जेल से छूटने के बाद पांच बजे के नाम से अखबार निकाल रहा है, वह भी हिसार से। खुद वहां से गायब रहता है। उसका भाई और बाप मिलकर अखबार निकाल रहे हैं। कुछ दिन पूर्व जब मैंने उससे पैसे मांगने के लिए फेसबुक पर कंवर्सेशन की, तो उसने टका सा जवाब दिया कि मुझसे कोई पैसा नहीं मांगता। अब आप साथियों से अपेक्षा रखता हूं कि आप मुझे ऐसी कोई सलाह दें कि कुलदीप श्योराण का ईलाज सही तरीके से किया जा सके। गूगल पर करीब पांच साल पहले डाला गए पूरे वृतांत को क्या साक्ष्य बनाया जा सकता है, यह भी आपसे जानना चाहता हूं। धन्यवाद सहित, नरेन्द्र वत्स।
Narender Vats
nk.vats1973@gmail.com
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